पटनाः बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन लगा है. हालांकि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार पटना के मीठापुर बस स्टैंड से बसों का संचालन जारी है. यहां से आधी सवारी के साथ कुछ शहरों के लिए बस चलाये जा रहे है. लेकिन ट्रेनों की संख्या कम होने और यात्रियों की संख्या कम होने के कारण प्राइवेट बसों और बस संचालकों पर इसका प्रभाव साफ दिख रहा है.
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छोटे स्टाफ दाने-दाने के मोहताज
मीठापुर बस स्टैंड के स्टैंड मैनेजर सुनील सिंह बताते हैं कि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार हमलोग आधी सवारी के साथ बस का संचालन कर रहे है. लेकिन यात्री ही नहीं है, क्या करे, कुछ ट्रेनें पहले चल रही थी तो यात्री मिल जाते थे. लेकिन अब दो चार दिन से यात्रियों का आना भी बंद है. बस चालक से लेकर बस के स्टाफ के समक्ष आर्थिक संकट उतपन्न हो गया है. वे बताते हैं कि छोटे स्टाफ दाने-दाने के मोहताज हो रहे है. सबसे ज्यादा कोरोना ने हमलोगों के पेट पर लात मारा है.
"एक कहावत है कि पटना के रेल, आ मुजफ्फरपुर के मेल सब फेलम फेल, ये तो हाल है, 50 फीसद सवारी के साथ बस चलाना है, लेकिन ट्रेन आएगी तभी तो सवारी मिलेगी." सुनील सिंह, मीठापुर बस स्टैंड मैनेजर
निश्चित तौर पर बस स्टैंड में सन्नाटा दिख रहा है. बहुत कम लोग ही सफर करते नजर आ रहे है. कहीं ना कहीं संक्रमण का असर प्राइवेट बस संचालकों पर भी दिख रहा है और वो परेशान है.