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महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए कठोर सजा का प्रावधान, गवर्नर ने विधेयक को दी मंजूरी - PUNISHMENT FOR CRIMES AGAINST WOMEN

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए अधिकतम सजा का प्रावधान करने वाले संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 23, 2025, 6:01 PM IST

चेन्नई: तमिलनाडु में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए अधिकतम सजा का प्रावधान करने वाले संशोधन विधेयक को राज्यपाल से मंजूरी मिल गई है. अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है. बता दें कि, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित सजा का प्रावधान करने के लिए विधानसभा में संशोधन विधेयक पेश किया था.

2025 के तमिलनाडु विधानसभा के पहले सत्र के 6वें दिन यानी 10 जनवरी को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए सख्त संशोधन पेश किया. अध्ययन के बाद ध्वनि मत के आधार पर इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया. महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और भारतीय नागरिक सुरक्षा में संशोधन करने के लिए यह विधेयक पेश किया गया था.

इस दौरान बोलते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के अपराधों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रही है. इस संबंध में उन्होंने कहा था कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के 86 प्रतिशत मामलों में 60 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं. लड़कियों पर यौन उत्पीड़न के लिए मृत्युदंड और महिलाओं का पीछा करने के लिए पांच साल की जेल की सजा वाले कानून में संशोधन पारित कर राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा गया था.

वहीं, तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने विधेयकों को मंजूरी दे दी है. राज्यपाल की मंजूरी के साथ ही महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए अधिक सजा का प्रावधान करने वाले संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है.

संशोधित विधेयक का विवरण

  • धारा-64 (1) - यौन उत्पीड़न के मामले में सजा कम से कम 14 साल की कठोर कारावास होगी. यदि अपराधी की सजा आजीवन कारावास तक बढ़ा दी जाती है, तो उसे तब तक जेल में रहना होगा, जब तक उसकी स्वाभाविक मृत्यु न हो जाए. यह भी संशोधन किया गया है कि इस मामले में कोई जमानत नहीं दी जाएगी.
  • धारा 65 (2) - कोई भी अपराधी जो 12 वर्ष से कम उम्र की लड़की पर यौन उत्पीड़न करता है, उसे आजीवन कठोर कारावास की सजा दी जाएगी. इसके अलावा, एक अवधि के लिए जुर्माना और मौत की सजा भी हो सकती है.
  • धारा 70 (2) - 18 साल से कम आयु की लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के किसी भी अपराध के लिए आजीवन कारावास और एक अवधि के लिए जुर्माना और मृत्युदंड से दंडित किया जाएगा.
  • धारा 71 - बार-बार यौन अपराध करने पर मृत्युदंड या आजीवन कारावास लगाया जाएगा.
  • धारा 72 (1) - यौन घटना में पीड़ित की पहचान का खुलासा करने पर तीन साल से अधिक की अवधि के कारावास से दंडनीय होगा और एक बार में पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है.
  • धारा 77 - ऑब्सेशन विथ सेक्सुअल इंटेंट में, दो साल से अधिक की अवधि का कारावास या इसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: 'लौह युग की शुरुआत तमिल भूमि से हुई', CM स्टालिन का दावा, जानें 5 हजार साल पुराना इतिहास

चेन्नई: तमिलनाडु में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए अधिकतम सजा का प्रावधान करने वाले संशोधन विधेयक को राज्यपाल से मंजूरी मिल गई है. अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है. बता दें कि, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित सजा का प्रावधान करने के लिए विधानसभा में संशोधन विधेयक पेश किया था.

2025 के तमिलनाडु विधानसभा के पहले सत्र के 6वें दिन यानी 10 जनवरी को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए सख्त संशोधन पेश किया. अध्ययन के बाद ध्वनि मत के आधार पर इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया. महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और भारतीय नागरिक सुरक्षा में संशोधन करने के लिए यह विधेयक पेश किया गया था.

इस दौरान बोलते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के अपराधों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रही है. इस संबंध में उन्होंने कहा था कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के 86 प्रतिशत मामलों में 60 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं. लड़कियों पर यौन उत्पीड़न के लिए मृत्युदंड और महिलाओं का पीछा करने के लिए पांच साल की जेल की सजा वाले कानून में संशोधन पारित कर राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा गया था.

वहीं, तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने विधेयकों को मंजूरी दे दी है. राज्यपाल की मंजूरी के साथ ही महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए अधिक सजा का प्रावधान करने वाले संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है.

संशोधित विधेयक का विवरण

  • धारा-64 (1) - यौन उत्पीड़न के मामले में सजा कम से कम 14 साल की कठोर कारावास होगी. यदि अपराधी की सजा आजीवन कारावास तक बढ़ा दी जाती है, तो उसे तब तक जेल में रहना होगा, जब तक उसकी स्वाभाविक मृत्यु न हो जाए. यह भी संशोधन किया गया है कि इस मामले में कोई जमानत नहीं दी जाएगी.
  • धारा 65 (2) - कोई भी अपराधी जो 12 वर्ष से कम उम्र की लड़की पर यौन उत्पीड़न करता है, उसे आजीवन कठोर कारावास की सजा दी जाएगी. इसके अलावा, एक अवधि के लिए जुर्माना और मौत की सजा भी हो सकती है.
  • धारा 70 (2) - 18 साल से कम आयु की लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के किसी भी अपराध के लिए आजीवन कारावास और एक अवधि के लिए जुर्माना और मृत्युदंड से दंडित किया जाएगा.
  • धारा 71 - बार-बार यौन अपराध करने पर मृत्युदंड या आजीवन कारावास लगाया जाएगा.
  • धारा 72 (1) - यौन घटना में पीड़ित की पहचान का खुलासा करने पर तीन साल से अधिक की अवधि के कारावास से दंडनीय होगा और एक बार में पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है.
  • धारा 77 - ऑब्सेशन विथ सेक्सुअल इंटेंट में, दो साल से अधिक की अवधि का कारावास या इसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है.

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