ETV Bharat / state

'मन की बात' में PM मोदी ने की मधुबनी के 'सुखेत मॉडल' की तारीफ, कहा- सभी पंचायत लें सीख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 80वें एपिसोड में बिहार के मधुबनी के 'सुखेत मॉडल' की तारीफ की. उन्होंने कहा कि मैं देश के प्रत्येक पंचायत से कहूंगा कि ऐसा कुछ करने के बारे में वे भी जरूर सोचें. पढ़ें पूरी खबर...

Prime Minister Narendra Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
author img

By

Published : Aug 29, 2021, 3:46 PM IST

नई दिल्ली/पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अपने 'मन की बात' (Mann ki Baat) कार्यक्रम में रविवार को बिहार के मधुबनी के 'सुखेत मॉडल' की तारीफ की. उन्होंने इसे देश के हर गांव को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम बताया. पीएम ने कहा कि सभी पंचायत को इससे सीख लेनी चाहिए.

यह भी पढ़ें- मन की बात में पीएम मोदी बोले- छोटे-छोटे शहरों में भी स्टार्ट-अप कल्चर का विस्तार हो रहा है

नरेंद्र मोदी ने कहा, 'साथियों, मेरे सामने एक उदाहरण बिहार के मधुबनी से आया है. मधुबनी में डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय और वहां के स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र ने मिलकर एक अच्छा प्रयास किया है. इसका लाभ किसानों को तो हो ही रहा है, इससे स्वच्छ भारत अभियान को भी नई ताकत मिल रही है. विश्वविद्यालय की इस पहल का नाम 'सुखेत मॉडल' है. इसका मकसद गांवों में प्रदूषण कम करना है.'

पीएम ने कहा, 'इस मॉडल के तहत गांव के किसानों से गोबर और खेतों व घरों से निकलने वाला कचरा इकट्ठा किया जाता है. बदले में गांववालों को रसोई गैस सिलेंडर के लिए पैसे दिए जाते हैं. जो कचरा गांव से एकत्रित होता है उसके निपटारे के लिए वर्मी कम्पोस्ट बनाने का भी काम किया जा रहा है. यानी सुखेत मॉडल के चार लाभ तो सीधे-सीधे नजर आते हैं. एक तो गांव को प्रदूषण से मुक्ति, दूसरा गांव को गंदगी से मुक्ति, तीसरा गांव वालों को रसोई गैस सिलेंडर के लिए पैसे और चौथा गांव के किसानों को जैविक खाद.'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'आप सोचिए, इस तरह के प्रयास हमारे गांवों की शक्ति कितनी ज्यादा बढ़ा सकते हैं. यही तो आत्मनिर्भरता का विषय है. मैं देश के प्रत्येक पंचायत से कहूंगा कि ऐसा कुछ करने के बारे में वे भी जरूर सोचें. साथियों, जब हम एक लक्ष्य लेकर निकल पड़ते हैं तो नतीजा मिलना निश्चित होता है. अब देखिये न, हमारे तमिलनाडु में शिवगंगा जिले की कान्जीरंगाल पंचायत. देखिये इस छोटी सी पंचायत ने क्या किया. यहां पर आपको वेस्ट से वेल्थ का एक और मॉडल देखने को मिलेगा.'

नरेंद्र मोदी ने कहा, 'यहां ग्राम पंचायत ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर कचरे से बिजली बनाने का एक लोकल प्रोजेक्ट अपने गांव में लगा दिया है. पूरे गांव से कचरा इकट्ठा होता है, उससे बिजली बनती है और बचे हुए प्रोडक्ट को कीटनाशक के रूप में बेच दिया जाता है. गांव के इस पावर प्लांट की क्षमता प्रतिदिन दो टन कचरे के निस्तारण की है. इससे बनने वाली बिजली गांव की स्ट्रीट लाइट और दूसरी जरूरतों में उपयोग हो रही है. इससे पंचायत का पैसा बच रहा है इसका इस्तेमाल विकास के दूसरे कामों में किया जा रहा है.'

यह भी पढ़ें- राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने JDU कार्यालय पहुंचे CM नीतीश, UP चुनाव पर खास नजर

नई दिल्ली/पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अपने 'मन की बात' (Mann ki Baat) कार्यक्रम में रविवार को बिहार के मधुबनी के 'सुखेत मॉडल' की तारीफ की. उन्होंने इसे देश के हर गांव को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम बताया. पीएम ने कहा कि सभी पंचायत को इससे सीख लेनी चाहिए.

यह भी पढ़ें- मन की बात में पीएम मोदी बोले- छोटे-छोटे शहरों में भी स्टार्ट-अप कल्चर का विस्तार हो रहा है

नरेंद्र मोदी ने कहा, 'साथियों, मेरे सामने एक उदाहरण बिहार के मधुबनी से आया है. मधुबनी में डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय और वहां के स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र ने मिलकर एक अच्छा प्रयास किया है. इसका लाभ किसानों को तो हो ही रहा है, इससे स्वच्छ भारत अभियान को भी नई ताकत मिल रही है. विश्वविद्यालय की इस पहल का नाम 'सुखेत मॉडल' है. इसका मकसद गांवों में प्रदूषण कम करना है.'

पीएम ने कहा, 'इस मॉडल के तहत गांव के किसानों से गोबर और खेतों व घरों से निकलने वाला कचरा इकट्ठा किया जाता है. बदले में गांववालों को रसोई गैस सिलेंडर के लिए पैसे दिए जाते हैं. जो कचरा गांव से एकत्रित होता है उसके निपटारे के लिए वर्मी कम्पोस्ट बनाने का भी काम किया जा रहा है. यानी सुखेत मॉडल के चार लाभ तो सीधे-सीधे नजर आते हैं. एक तो गांव को प्रदूषण से मुक्ति, दूसरा गांव को गंदगी से मुक्ति, तीसरा गांव वालों को रसोई गैस सिलेंडर के लिए पैसे और चौथा गांव के किसानों को जैविक खाद.'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'आप सोचिए, इस तरह के प्रयास हमारे गांवों की शक्ति कितनी ज्यादा बढ़ा सकते हैं. यही तो आत्मनिर्भरता का विषय है. मैं देश के प्रत्येक पंचायत से कहूंगा कि ऐसा कुछ करने के बारे में वे भी जरूर सोचें. साथियों, जब हम एक लक्ष्य लेकर निकल पड़ते हैं तो नतीजा मिलना निश्चित होता है. अब देखिये न, हमारे तमिलनाडु में शिवगंगा जिले की कान्जीरंगाल पंचायत. देखिये इस छोटी सी पंचायत ने क्या किया. यहां पर आपको वेस्ट से वेल्थ का एक और मॉडल देखने को मिलेगा.'

नरेंद्र मोदी ने कहा, 'यहां ग्राम पंचायत ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर कचरे से बिजली बनाने का एक लोकल प्रोजेक्ट अपने गांव में लगा दिया है. पूरे गांव से कचरा इकट्ठा होता है, उससे बिजली बनती है और बचे हुए प्रोडक्ट को कीटनाशक के रूप में बेच दिया जाता है. गांव के इस पावर प्लांट की क्षमता प्रतिदिन दो टन कचरे के निस्तारण की है. इससे बनने वाली बिजली गांव की स्ट्रीट लाइट और दूसरी जरूरतों में उपयोग हो रही है. इससे पंचायत का पैसा बच रहा है इसका इस्तेमाल विकास के दूसरे कामों में किया जा रहा है.'

यह भी पढ़ें- राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने JDU कार्यालय पहुंचे CM नीतीश, UP चुनाव पर खास नजर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.