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ये है नालों की सफाई और संप हाउस की मरम्मती का हाल, लगता है भूल गए पटना का जलजमाव!

राजधानी पटना में पिछले साल जलजमाव ने भारी नुकसान पहुंचाया था. इसके बाद सरकार ने कई अधिकारियों की क्लास लगाते हुए इसके लिए कई दिशा निर्देश जारी किए थे.

सरपेंटाइन नाला
सरपेंटाइन नाला
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Published : May 16, 2020, 7:54 PM IST

Updated : May 16, 2020, 8:36 PM IST

पटना: पिछले साल बिना मॉनसून के हुई बारिश में जिस तरह से पटना डूबा था, उससे सबक लेते हुए सरकार ने इस बार मॉनसून आने से पहले ही पटना के नालों की सफाई कराने का दावा किया था, लेकिन इस दावे में कितनी हकीकत है. इसकी पड़ताल ईटीवी भारत ने की.

15 मई तक पटना के सभी बड़े नाले की सफाई करने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन अतिक्रमण के कारण कई जगह नालों की सफाई नहीं हो पाई. दूसरी ओर खुद सरकार ने ही नालों पर अपनी बिल्डिंग बना ली है. सरपेंटाइन नाला की बात करें, तो फुलवारीशरीफ से निकालने वाला यह नाला सचिवालय इको पार्क पहुंचते-पहुंचते नाली में तब्दील हो जाता है. इको पार्क से निकलने के बाद तो इसकी स्थिति और भी खराब हो जाती है. ऐसे में जलजमाव होना लाजमी हो जाता है.

पटना से अरविंद की रिपोर्ट

नहीं हुई संप हाउस की मरम्मत
पटना में आई बाढ़ की तस्वीरें किसी से छिपी नहीं है. कई दिनों तक पानी में डूबे पटना ने सरकार को इस बात का आईना दिखाया था कि स्मार्ट सिटी की राह पर राजधानी की नींव अभी कमजोर है. बावजूद इसके, इस साल भी न तो नालों की सफाई सही से हुई है और न ही संम्प हाउस की मरम्मती हुई है.

सरपेंटाइन नाला
सरपेंटाइन नाला

स्थानीय पार्षद अभिषेक कुमार का कहना है कि जो स्थिति अभी है, इससे नहीं लगता है कि इस साल भी पटना वासी को बाढ़ से निजात मिलेगी. निगम काम तो करता है लेकिन बिना कोई नक्शा के सिर्फ सफाई पर ध्यान देता है, जिससे नालों की स्थिति और खराब हो जाती है.

पटना नगर निगम
पटना नगर निगम
  • सरपेंटाइन वही नाला है, जहां सचिवालय हो या अनेक मंत्रियों के आवास या सीएम आवास सभी से निकलने वाला पानी गिरता है. लेकिन इसकी हालत देखकर आप स्वयं बता सकते हैं कि इससे बरसात होते ही पानी की निकासी (ड्रेनेज) कैसे हो पाएगी.

पटना: पिछले साल बिना मॉनसून के हुई बारिश में जिस तरह से पटना डूबा था, उससे सबक लेते हुए सरकार ने इस बार मॉनसून आने से पहले ही पटना के नालों की सफाई कराने का दावा किया था, लेकिन इस दावे में कितनी हकीकत है. इसकी पड़ताल ईटीवी भारत ने की.

15 मई तक पटना के सभी बड़े नाले की सफाई करने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन अतिक्रमण के कारण कई जगह नालों की सफाई नहीं हो पाई. दूसरी ओर खुद सरकार ने ही नालों पर अपनी बिल्डिंग बना ली है. सरपेंटाइन नाला की बात करें, तो फुलवारीशरीफ से निकालने वाला यह नाला सचिवालय इको पार्क पहुंचते-पहुंचते नाली में तब्दील हो जाता है. इको पार्क से निकलने के बाद तो इसकी स्थिति और भी खराब हो जाती है. ऐसे में जलजमाव होना लाजमी हो जाता है.

पटना से अरविंद की रिपोर्ट

नहीं हुई संप हाउस की मरम्मत
पटना में आई बाढ़ की तस्वीरें किसी से छिपी नहीं है. कई दिनों तक पानी में डूबे पटना ने सरकार को इस बात का आईना दिखाया था कि स्मार्ट सिटी की राह पर राजधानी की नींव अभी कमजोर है. बावजूद इसके, इस साल भी न तो नालों की सफाई सही से हुई है और न ही संम्प हाउस की मरम्मती हुई है.

सरपेंटाइन नाला
सरपेंटाइन नाला

स्थानीय पार्षद अभिषेक कुमार का कहना है कि जो स्थिति अभी है, इससे नहीं लगता है कि इस साल भी पटना वासी को बाढ़ से निजात मिलेगी. निगम काम तो करता है लेकिन बिना कोई नक्शा के सिर्फ सफाई पर ध्यान देता है, जिससे नालों की स्थिति और खराब हो जाती है.

पटना नगर निगम
पटना नगर निगम
  • सरपेंटाइन वही नाला है, जहां सचिवालय हो या अनेक मंत्रियों के आवास या सीएम आवास सभी से निकलने वाला पानी गिरता है. लेकिन इसकी हालत देखकर आप स्वयं बता सकते हैं कि इससे बरसात होते ही पानी की निकासी (ड्रेनेज) कैसे हो पाएगी.
Last Updated : May 16, 2020, 8:36 PM IST
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