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भ्रामक मैसेज से लेकर फिशिंग तक इन 5 तरीकों से UPI यूजर्स को निशाना बना रहे स्कैमर्स, जानें कैसे करें बचाव ? - UPI USERS

स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीकों का इस्तेमाल करते हैं और आम लोगों को निशाना बनाते हैं.

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UPI यूजर्स को निशाना बना रहे स्कैमर्स (Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 10, 2025, 3:14 PM IST

नई दिल्ली: भारत में करोड़ों लोग यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) का इस्तेमाल कर रहे हैं. यूपीआई आज के समय में पेमेंट करने का सबसे पसंदीदा साधन बन गया है. हालांकि, UPI का इस्तेमाल बढ़ने के साथ-साथ धोखाधड़ी की घटनाओं में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. आए दिन इससे संबंधित धोखाधड़ी की कोई न कोई खबर सामने आती है.

दरअसल , स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं और आम लोगों को निशाना बना रहे हैं. ऐसे में आज हम आपको यूपीआई के जरिए होने वाले ऐसे ही 5 कॉमन तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं. इन तरीकों से सबसे ज्यादा साइबर फ्रॉड हो रहे हैं. साथ ही हम आपको इन फ्रॉड से बचने के तरीके भी बताएंगे.

भ्रामक UPI हैंडल
कुछ स्कैमर्स नकली UPI हैंडल जैसे के जरिए लोगों को निशाना बनाते हैं. दरअसल, स्कैमर्स उन यूजर्स से संपर्क करते हैं और कहते हैं कि एजेंसियों ने उनके खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज की है. इसके बाद वह पीड़ित को मदद की पेशकश करते हैं और फिर उन्हें अपनी सभी जानकारी ऑनलाइन शेयर करने के लिए प्रेरित करते हैं.

भ्रामक मैसेज भेजकर
कुछ धोखेबाज लोगों को ठगने के लिए पैसे वापस ट्रांसफर करने का आग्रह करते हैं. वे कहते हैं कि आपने उन्होंने गलती से कुछ पैसे भेज दिए हैं. इसके लिए एक फर्जी आपको एक फर्जी SMS भी भेजा जाता, जिसमें आपके बैंक अकाउंट में कहा जाता है कि 5 हजार या 20 हजार रुपये जमा हो गए हैं.

एनी डेस्क के जरिए फर्जीवाड़ा
कभी-कभी स्कैमर्स बैंक के कर्मचारी बनकर ग्राहकों से संपर्क करते हैं और उनकी मदद करने की कोशिश करते हैं. इस दौरान वह उन्हें एनी डेस्क या टीम व्यूअर जैसे स्क्रीन मिरर ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं. इस तरह वह लोगों के फोन या कंप्यूटर तक एक्सेस हासिल कर लेते हैं और फिर फ्रॉड अंजाम देते हैं.

फिशिंग का करते हैं इस्तेमाल
फ्रॉड कुछ यूजर्स को अनधिकृत लिंक सेंड करते हैं और शानदार डील और ऑफर्स देते हैं. साथ ही वह उनसे लिंक पर क्लिक करने को कहते हैं.इसके बाद उन्हें एक ऐप पर निर्देशित किया जाता है, जहां ऑटो डेबिट होता है और लोग ठगी के शिकार हो जाते हैं.

गलत जानकारी देकर धाखाधड़ी
कुछ धोखेबाज लोगों को गलत जानकारी देकर गुमराह करते हैं और उनके साथ धोखाधड़ी करते हैं. स्कैमर्स लोगों को गुमराह करने के लिए संपर्क करते हैं और कहते हैं कि यह पैसे भेजने या लेनदेन को उलटने का अनुरोध है जो कभी नहीं होता है.

इस तरह की धोखाधड़ी से कैसे बचें?
इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए अपना OTP या पासवर्ड किसी के साथ शेयर न करें. इसके अलावा अगर आपको प्रलोभन वाले ऑफर का मैसेज या ऑनलाइन कोई लिंक मिले तो उस पर क्लिक न करें. किसी ऐप के जरिए अपने फोन या कंप्यूटर तक किसी को एक्सेस न दें. पैसे लेने लेने के लिए QR कोड स्कैन न करें. इसका इस्तेमाल पैसे भेजने के लिए किया जाता है.

यह भी पढ़ें- यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया और अपूर्व मुखीजा के खिलाफ केस दर्ज

नई दिल्ली: भारत में करोड़ों लोग यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) का इस्तेमाल कर रहे हैं. यूपीआई आज के समय में पेमेंट करने का सबसे पसंदीदा साधन बन गया है. हालांकि, UPI का इस्तेमाल बढ़ने के साथ-साथ धोखाधड़ी की घटनाओं में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. आए दिन इससे संबंधित धोखाधड़ी की कोई न कोई खबर सामने आती है.

दरअसल , स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं और आम लोगों को निशाना बना रहे हैं. ऐसे में आज हम आपको यूपीआई के जरिए होने वाले ऐसे ही 5 कॉमन तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं. इन तरीकों से सबसे ज्यादा साइबर फ्रॉड हो रहे हैं. साथ ही हम आपको इन फ्रॉड से बचने के तरीके भी बताएंगे.

भ्रामक UPI हैंडल
कुछ स्कैमर्स नकली UPI हैंडल जैसे के जरिए लोगों को निशाना बनाते हैं. दरअसल, स्कैमर्स उन यूजर्स से संपर्क करते हैं और कहते हैं कि एजेंसियों ने उनके खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज की है. इसके बाद वह पीड़ित को मदद की पेशकश करते हैं और फिर उन्हें अपनी सभी जानकारी ऑनलाइन शेयर करने के लिए प्रेरित करते हैं.

भ्रामक मैसेज भेजकर
कुछ धोखेबाज लोगों को ठगने के लिए पैसे वापस ट्रांसफर करने का आग्रह करते हैं. वे कहते हैं कि आपने उन्होंने गलती से कुछ पैसे भेज दिए हैं. इसके लिए एक फर्जी आपको एक फर्जी SMS भी भेजा जाता, जिसमें आपके बैंक अकाउंट में कहा जाता है कि 5 हजार या 20 हजार रुपये जमा हो गए हैं.

एनी डेस्क के जरिए फर्जीवाड़ा
कभी-कभी स्कैमर्स बैंक के कर्मचारी बनकर ग्राहकों से संपर्क करते हैं और उनकी मदद करने की कोशिश करते हैं. इस दौरान वह उन्हें एनी डेस्क या टीम व्यूअर जैसे स्क्रीन मिरर ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं. इस तरह वह लोगों के फोन या कंप्यूटर तक एक्सेस हासिल कर लेते हैं और फिर फ्रॉड अंजाम देते हैं.

फिशिंग का करते हैं इस्तेमाल
फ्रॉड कुछ यूजर्स को अनधिकृत लिंक सेंड करते हैं और शानदार डील और ऑफर्स देते हैं. साथ ही वह उनसे लिंक पर क्लिक करने को कहते हैं.इसके बाद उन्हें एक ऐप पर निर्देशित किया जाता है, जहां ऑटो डेबिट होता है और लोग ठगी के शिकार हो जाते हैं.

गलत जानकारी देकर धाखाधड़ी
कुछ धोखेबाज लोगों को गलत जानकारी देकर गुमराह करते हैं और उनके साथ धोखाधड़ी करते हैं. स्कैमर्स लोगों को गुमराह करने के लिए संपर्क करते हैं और कहते हैं कि यह पैसे भेजने या लेनदेन को उलटने का अनुरोध है जो कभी नहीं होता है.

इस तरह की धोखाधड़ी से कैसे बचें?
इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए अपना OTP या पासवर्ड किसी के साथ शेयर न करें. इसके अलावा अगर आपको प्रलोभन वाले ऑफर का मैसेज या ऑनलाइन कोई लिंक मिले तो उस पर क्लिक न करें. किसी ऐप के जरिए अपने फोन या कंप्यूटर तक किसी को एक्सेस न दें. पैसे लेने लेने के लिए QR कोड स्कैन न करें. इसका इस्तेमाल पैसे भेजने के लिए किया जाता है.

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