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'बिहार के लोग बहुत तेजस्वी होते हैं' जब विराज ने PM मोदी से पूछा सवाल, मिला ये जवाब - PARIKSHA PE CHARCHA

परीक्षा पर चर्चा के दौरान PM मोदी से लीडरशिप पर बिहार के छात्र ने सवाल पूछा तो प्रधानमंत्री ने क्या कहा, जानिए.

Pariksha Pe Charcha
परीक्षा पर चर्चा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 10, 2025, 2:41 PM IST

नई दिल्ली/पटना: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर साल बोर्ड एग्जाम से पहले परीक्षा पर चर्चा करते हैं. सोमवोर को उन्होंने 10वीं और 12वीं के छात्र छात्राओं से चर्चा की और उन्हें तनाव से कैसे बचें, इस पर बच्चों को टिप्स दिए. यह कार्यक्रम दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में रखा गया था. परीक्षा पर चर्चा के दौरान बिहार के गया जिले के 12वीं के छात्र ने पीएम मोदी से लीडरशिप को लेकर सवाल पूछा.

पीएम मोदी से विराज का सवाल : विराज ने पीएम मोदी से सवाल पूछा कि ''आप इतने बड़े ग्लोबल लीडर हैं, आप तमाम प्रकार के पदों पर रहे हैं. आप हमसे कोई 2-3 बात शेयर कीजिए. जो आपसे संबंधित हो, और हम बच्चों के आगे बढ़ने में महत्वपूर्ण हो और हमारी मदद करें.''

'बिहार का लड़का और राजनीति का सवाल' : पीएम मोदी ने इस सवाल के जवाब में कहा कि, विराज, बिहार का लड़का और राजनीति का सवाल न हो यह हो ही नहीं सकता है. बिहार के लोग बहुत तेजस्वी होते है. लीडरशिप की परिभाषा यानी कुर्ता पाजामा वाला जैकेट पहना हुआ, बड़े मंच पर बड़े बड़े भाषण करने वाला, ऐसा नहीं होता है.

'खुद को उदाहरण बनना होगा' : प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, जैसे आप इतने लोग है. आप में से कोई लीडर बन गया होगा. बिना कोई कारण आप उससे पूछते होंगे. तो वो कहेगा चलो तो आप उसके पीछे चल पड़ेंगे. आपको खुद को अपने आपको उदाहरण बनना होगा. क्लास मॉनीटर ये कहेगा की मैं मॉनिटर हूं. आप लोग आ जाइये मैं फिर आऊंगा. ऐसे में आपकी बात कोई नहीं सुनेगा.

Pariksha Pe Charcha
विराज ने PM मोदी से पूछा लीडरशिप पर सवाल (ETV Bharat)

'ये तो डांटता नहीं है' : अगर होमवर्क करना है. अगर मॉनीटर ने होमवर्क कर दिया है. किसो को कहोगे. अरे होमवर्क नहीं किया कोई बात नहीं मैं मदद करता हूं तो आप जब उसको सहयोग करते है. उसकी कठिनाइये समझते है. कभी कोई पूछ लिया, अरे भाई, बीमार लग रहे है. रात को सोये नहीं थे क्या?. तो उसको लगेगा ये मॉनीटर तो मेरी केयर करता है. मुझे पूछता है. मुझे डांटता नहीं है.

''रिस्पेक्ट डिमांड नहीं करता है. आपको कमांड करना होगा. लेकिन वो कैसे होगा?. आपको खुद को बदलना होगा. आपके व्यवहार से सबको पता चलेगा. लीडरशिप थोपी नहीं जाती, बल्कि आपके अगल बगल के लोग आपको स्वीकार करते है, लेकिन उनको ज्ञान झार दोगे तो वो स्वीकार नहीं करेगा. स्वच्छता के लिए भाषण झाड़ दिया और खुद गंदा कर रहे हो. तो फिर आप लीडर नहीं बन सकते हो.'' - नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

Pariksha Pe Charcha
भारत मंडपम में परीक्षा पर चर्चा (ETV Bharat)

'कठिनाइयां समझनी होंगी' : पीएम मोदी ने बच्चों से कहा कि, लीडर बनने के लिए टीम वर्क सीखना बहुत जरूरी है. धैर्य बहुत जरूरी होता है. कभी कभी होता है कि किसी को काम दिया और वो समय पर होता नहीं तो हम उस पर टूट पड़ते है. हम उससे कहते है कि क्यों नहीं किया?. अगर किसी को काम दिया तो उसकी क्या कठिनाई थी, जो वो कर नहीं पाया उसे समझना पड़ेगा.

'विश्वास ही लीडरशिप को मान्यता देगा' : प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, इस सिद्धांत को अपना होगा, 'जहां कम वहां हम' अपने साथियों में जहां कमी महसूस हो तो मैं पहुंच जाऊंगा. ऐसे में उसका विश्वास बढ़ेगा. 80 फीसदी आपने मदद की वो ठीक है, लेकिन उसका विश्वास बढ़ा उसे लगेगा कि मैंने किया. ये विश्वाश आपकी लीडरशिप को मान्यता देता है.

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10वीं और 12वीं के छात्र छात्राओं से चर्चा (ETV Bharat)

पीएम मोदी ने सुनाई बच्चे की कहानी : आपने बचपन में एक कहानी सुनी होगा. एक बच्चा मेले में गया. उसके पिता ने बच्चे से कहा कि मेरा हाथ पकड़ लेना. तो बच्चे ने कहा नहीं आप मेरा हाथ पकड़ो. तो किसी को भी लगेगा कि ये बेटा कैसा है. पिता को कहता है कि मेरा हाथ पकड़ कर चलो. तो बच्चे ने पूछा कि पिताजी आप मेरा हाथ पकड़ोगे और मैं आपका हाथ पकड़ूगा, इसमें बहुत बड़ा फर्क है. मैं आपका हाथ पकड़ूं तो कभी भी छूट सकता है, लेकिन मुझे भरोसा है कि आप मेरा हाथ पकड़ेंगे तो कभी नहीं छूटेगा.

ये भी पढ़ें : बिहार की जूली ने 'मोदी सर' से पूछा सवाल, जवाब देने से पहले बोले- बेहद मुश्किल है ये काम - खुद को जानना कठिन

ये भी पढ़ें : Pariksha Pe Charcha : पटना की प्रियंका ने पूछा PM मोदी से सवाल- 'रिजल्ट ठीक नहीं आया तो..'

नई दिल्ली/पटना: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर साल बोर्ड एग्जाम से पहले परीक्षा पर चर्चा करते हैं. सोमवोर को उन्होंने 10वीं और 12वीं के छात्र छात्राओं से चर्चा की और उन्हें तनाव से कैसे बचें, इस पर बच्चों को टिप्स दिए. यह कार्यक्रम दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में रखा गया था. परीक्षा पर चर्चा के दौरान बिहार के गया जिले के 12वीं के छात्र ने पीएम मोदी से लीडरशिप को लेकर सवाल पूछा.

पीएम मोदी से विराज का सवाल : विराज ने पीएम मोदी से सवाल पूछा कि ''आप इतने बड़े ग्लोबल लीडर हैं, आप तमाम प्रकार के पदों पर रहे हैं. आप हमसे कोई 2-3 बात शेयर कीजिए. जो आपसे संबंधित हो, और हम बच्चों के आगे बढ़ने में महत्वपूर्ण हो और हमारी मदद करें.''

'बिहार का लड़का और राजनीति का सवाल' : पीएम मोदी ने इस सवाल के जवाब में कहा कि, विराज, बिहार का लड़का और राजनीति का सवाल न हो यह हो ही नहीं सकता है. बिहार के लोग बहुत तेजस्वी होते है. लीडरशिप की परिभाषा यानी कुर्ता पाजामा वाला जैकेट पहना हुआ, बड़े मंच पर बड़े बड़े भाषण करने वाला, ऐसा नहीं होता है.

'खुद को उदाहरण बनना होगा' : प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, जैसे आप इतने लोग है. आप में से कोई लीडर बन गया होगा. बिना कोई कारण आप उससे पूछते होंगे. तो वो कहेगा चलो तो आप उसके पीछे चल पड़ेंगे. आपको खुद को अपने आपको उदाहरण बनना होगा. क्लास मॉनीटर ये कहेगा की मैं मॉनिटर हूं. आप लोग आ जाइये मैं फिर आऊंगा. ऐसे में आपकी बात कोई नहीं सुनेगा.

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विराज ने PM मोदी से पूछा लीडरशिप पर सवाल (ETV Bharat)

'ये तो डांटता नहीं है' : अगर होमवर्क करना है. अगर मॉनीटर ने होमवर्क कर दिया है. किसो को कहोगे. अरे होमवर्क नहीं किया कोई बात नहीं मैं मदद करता हूं तो आप जब उसको सहयोग करते है. उसकी कठिनाइये समझते है. कभी कोई पूछ लिया, अरे भाई, बीमार लग रहे है. रात को सोये नहीं थे क्या?. तो उसको लगेगा ये मॉनीटर तो मेरी केयर करता है. मुझे पूछता है. मुझे डांटता नहीं है.

''रिस्पेक्ट डिमांड नहीं करता है. आपको कमांड करना होगा. लेकिन वो कैसे होगा?. आपको खुद को बदलना होगा. आपके व्यवहार से सबको पता चलेगा. लीडरशिप थोपी नहीं जाती, बल्कि आपके अगल बगल के लोग आपको स्वीकार करते है, लेकिन उनको ज्ञान झार दोगे तो वो स्वीकार नहीं करेगा. स्वच्छता के लिए भाषण झाड़ दिया और खुद गंदा कर रहे हो. तो फिर आप लीडर नहीं बन सकते हो.'' - नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

Pariksha Pe Charcha
भारत मंडपम में परीक्षा पर चर्चा (ETV Bharat)

'कठिनाइयां समझनी होंगी' : पीएम मोदी ने बच्चों से कहा कि, लीडर बनने के लिए टीम वर्क सीखना बहुत जरूरी है. धैर्य बहुत जरूरी होता है. कभी कभी होता है कि किसी को काम दिया और वो समय पर होता नहीं तो हम उस पर टूट पड़ते है. हम उससे कहते है कि क्यों नहीं किया?. अगर किसी को काम दिया तो उसकी क्या कठिनाई थी, जो वो कर नहीं पाया उसे समझना पड़ेगा.

'विश्वास ही लीडरशिप को मान्यता देगा' : प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, इस सिद्धांत को अपना होगा, 'जहां कम वहां हम' अपने साथियों में जहां कमी महसूस हो तो मैं पहुंच जाऊंगा. ऐसे में उसका विश्वास बढ़ेगा. 80 फीसदी आपने मदद की वो ठीक है, लेकिन उसका विश्वास बढ़ा उसे लगेगा कि मैंने किया. ये विश्वाश आपकी लीडरशिप को मान्यता देता है.

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10वीं और 12वीं के छात्र छात्राओं से चर्चा (ETV Bharat)

पीएम मोदी ने सुनाई बच्चे की कहानी : आपने बचपन में एक कहानी सुनी होगा. एक बच्चा मेले में गया. उसके पिता ने बच्चे से कहा कि मेरा हाथ पकड़ लेना. तो बच्चे ने कहा नहीं आप मेरा हाथ पकड़ो. तो किसी को भी लगेगा कि ये बेटा कैसा है. पिता को कहता है कि मेरा हाथ पकड़ कर चलो. तो बच्चे ने पूछा कि पिताजी आप मेरा हाथ पकड़ोगे और मैं आपका हाथ पकड़ूगा, इसमें बहुत बड़ा फर्क है. मैं आपका हाथ पकड़ूं तो कभी भी छूट सकता है, लेकिन मुझे भरोसा है कि आप मेरा हाथ पकड़ेंगे तो कभी नहीं छूटेगा.

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