पटना: नीतीश कुमार से तनातनी की अटकलों के बीच अब जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं. पार्टी की तरफ से उन्हें शोकॉज नोटिस भेजा (JDU Notice to RCP Singh) गया है. इस नोटिस के जरिए उन पर पार्टी में रहते हुए अकूत संपत्ति दर्ज करने का गंभीर आरोप लगाया गया है. जेडीयू की इस कार्रवाई के बाद पार्टी और राज्य में बड़े बवाल की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है. इस बीच, आरसीपी सिंह संपत्ति प्रकरण को लेकर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है.
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जेडीयू ने आरसीपी सिंह को भेजा नोटिस : आरसीपी सिंह को नोटिस भेजे जाने के मामले को बिहार और जदयू की राजनीति को लेकर बड़ी बात मानी जा रही है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि ''आरसीपी सिंह पर जो आरोप लगे हैं, यह जांच का विषय है. उनके जवाब का भी इंतजार करना चाहिए. यह जेडीयू का अंदरुनी मामला है. यह उनके बड़े नेता और दल के अंदर का विषय है. इसपर हम लोगों को बोलना उचित नहीं है. लेकिन आरोप लगना और आरोप जिसपर लगा है उसका जवाब सुनना यह भी जरूरी है. उसके बाद जिस दल का विषय है उस दल के अध्यक्ष की बात सुननी चाहिए, उनका निर्णय ही सर्वोपरी है.''
''आरसीपी सिंह को जेडीयू ने जो नोटिस भेजा है, वह उनका आंतरिक मामला है. इससे हमें कोई लेना देना नहीं है. लेकिन आरसीपी सिंह को लेकर जेडीयू में जिस तरह की खटपट चल रही है उसी का यह परिणाम है.'' - मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी
''जेडीयू के किसी भी नेता की संपत्ति की जांच करवा लीजिए. सब ने 15-16 साल में अकूत संपत्ति जमा कर ली है. सभी लोगों ने भ्रष्टाचार के जरिए ही संपत्ति बनाई है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे आरसीपी सिंह की पोल खुल गई है, किस तरह से उन्होंने कमाई की है. आरसीपी सिंह के साथ उनकी बेटी की संपत्ति की भी जांच कराई जानी चाहिए. जिसके बाद और भी चीजें खुलेंगी. एक बार हिम्मत करके सीएम नीतीश कुमार की भी संपत्ति की जांच करवा लीजिए. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. सबके सब भ्रष्ट हैं.'' - असित नाथ तिवारी, प्रवक्ता, कांग्रेस
क्या है आरसीपी सिंह संपत्ति विवाद : बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को एक पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि नालंदा जिले के दो जेडीयू नेताओं ने सबूतों के साथ उनके खिलाफ शिकायत की है. शिकायत में कहा गया कि आरसीपी सिंह ने उनके और उनके परिवार के नाम पर साल 2013 से 2022 के बीच अकूत अचल संपत्ति अर्जित की. इसमें कई तरह की गड़बड़ियां हैं. इस मामले में जेडीयू ने आरसीपी सिंह को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. प्रदेशाध्यक्ष उमेश सिंह ने कहा कि वे जल्द से जल्द उनके और उनके परिवार से जुड़ी संपत्ति के मामले में अपनी राय स्पष्ट करें और पार्टी आलाकमान को इस बारे अवगत कराएं.
फिलहाल, नीतीश और आरसीपी सिंह के बीच पिछले कुछ महीनों से खटास की खबरें आ रही थी. लेकिन इस चिट्ठी के सार्वजनिक होने के बाद ये साफ हो गया है कि आरसीपी सिंह को पार्टी से बाहर किए जाने की पार्टी ने पूरी तैयारी कर ली है. बिहार की राजनीति में कभी नीतीश और आरसीपी सिंह के बीच गहरी दोस्ती मानी जाती थी लेकिन समय के साथ रिश्ते बदलते चले गए.