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पुलिस और आम जनता के बीच के संबंध को ठीक करने की है जरूरत: एसके सिंघल - Police week program started in 1958

बिहार में 'पुलिस सप्ताह' का आयोजन किया गया है. जो 22 फरवरी से 27 फरवरी तक चलेगा. इस दौरान सूबे के पुलिस कर्मियों को बेहतर पुलिस प्रणाली, तकनीकी जानकारी और साइबर क्राइम सहित अन्य नए कानूनों की जानकारी दी जाएगी.

पटना
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Published : Feb 22, 2021, 4:28 PM IST

पटना: बिहार में पुलिस सप्ताह का आयोजन किया गया है. यह कार्यक्रम 22 फरवरी से 27 फरवरी तक चलेगा. जिसका शुभारंभ आज गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और राज्य के पुलिस महानिदेशक संजीव कुमार सिंघल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस अवसर पर बिहार पुलिस मुख्यालय के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

यह भी पढ़ें:बिहार में स्वास्थ्य बजट का बढ़ेगा आकार पर विपक्ष को सरकार पर भरोसा नहीं

जनता से बेहतर संबंध बनाने की जरूरत
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल और अपर मुख्य सचिव गृह विभाग आमिर सुबहानी ने कहा कि जनता के साथ पुलिस कर्मियों का व्यवहार बनाकर रखना चाहिए. वहीं, अपने संबोधन में पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल ने कहा कि बिहार पुलिस को अन्य राज्यों के पुलिस की पुलिसिंग प्रोसेस को भी सिखने की जरूरत है. ताकि हम अपने कार्य में सुधार और परिवर्तन ला सकें.

देखें रिपोर्ट

'पुलिस परिवार बहुत बड़ा है. कुछ पुलिसकर्मी गलत काम में इंवॉल्व रहते हैं. उन्हें सही दिशा में लाने की जरुरत है. अगर सुधार की प्रक्रिया के बावजदू वे स्वयं में सुधार नहीं लाते हैं तो उनपर उचित कार्रवाई की जाएगी'.- एस के सिंघल, पुलिस महानिदेशक

1958 में शुरू हुआ था कार्यक्रम
बिहार डीजीपी ने कहा कि यह कार्यक्रम पिछले 14 वर्षों से लगातार चल रहा है. 1958 में इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी. डीजीपी ने कहा कि पुलिस सप्ताह के अंतर्गत नए कानूनों से पुलिस पदाधिकारियों को अवगत कराना होता है. वहीं, कार्यक्रम की रूपरेखा को लेकर पुलिस मुख्यालय के एडीजी सीआईडी विनय कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इंडोर कार्यक्रम में 50 फीसदी लोगों को शामिल किया जाएगा. वहीं, ऑनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से 10 हजार पुलिसकर्मियों को इससे जोड़ा जाएगा.

पटना
प्रशिक्षण

यह भी पढ़ें:ट्रैक्टर से विधानसभा पहुंचे तेजस्वी, सदन में विपक्ष का हंगामा

इन विषयों का पढ़ाया जाएगा पाठ
पुलिस सप्ताह में आर्थिक अपराध इकाई, पुलिस वेलफेयर, टेररिज्म, महिला पुलिस कर्मी का किस क्षेत्र में इस्तेमाल हो, वर्क लाइफ विद बैलेंस, डिजिटल एविडेंस का इस्तेमाल, क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के बीच सामांजस्य कैसे बिठाया जाए, इन सभी विषयों पर पुलिस सप्ताह के दौरान चर्चा की जाएगी.

'बिहार में अच्छा कार्य किया जा रहा है. आम आदमी और मीडिया की पुलिस से उम्मीद रहती है कि अगर कहीं भी क्राइम हो तो 4 से 6 घंटे में अपराधी पुलिस की गिरफ्त में हो. उनके द्वारा किए जा रहे हैं उम्मीद पर हमें खरा उतरने की जरूरत है. साथ ही साथ पुलिस विभाग को अनुसंधान के लिए जितना ज्यादा हो सके टेक्निकल व्यवस्था को अपनाने की जरूरत है'.- आमिर सुबहानी, प्रमुख सचिव गृह विभाग

उन्होंने बताया कि बिहार में ज्यादा से ज्यादा थानों को सीसीटीएनएस परियोजना से जोड़ने का कार्य भी किया जा रहा है. जो कि जल्द ही पूरा किया जाएगा. यह कार्यक्रम 22 फरवरी से 27 फरवरी तक चलेगा. इस कार्यक्रम में विभिन्न तरह के इनडोर और आउटडोर के माध्यम से प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे.

पटना: बिहार में पुलिस सप्ताह का आयोजन किया गया है. यह कार्यक्रम 22 फरवरी से 27 फरवरी तक चलेगा. जिसका शुभारंभ आज गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और राज्य के पुलिस महानिदेशक संजीव कुमार सिंघल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस अवसर पर बिहार पुलिस मुख्यालय के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

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जनता से बेहतर संबंध बनाने की जरूरत
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल और अपर मुख्य सचिव गृह विभाग आमिर सुबहानी ने कहा कि जनता के साथ पुलिस कर्मियों का व्यवहार बनाकर रखना चाहिए. वहीं, अपने संबोधन में पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल ने कहा कि बिहार पुलिस को अन्य राज्यों के पुलिस की पुलिसिंग प्रोसेस को भी सिखने की जरूरत है. ताकि हम अपने कार्य में सुधार और परिवर्तन ला सकें.

देखें रिपोर्ट

'पुलिस परिवार बहुत बड़ा है. कुछ पुलिसकर्मी गलत काम में इंवॉल्व रहते हैं. उन्हें सही दिशा में लाने की जरुरत है. अगर सुधार की प्रक्रिया के बावजदू वे स्वयं में सुधार नहीं लाते हैं तो उनपर उचित कार्रवाई की जाएगी'.- एस के सिंघल, पुलिस महानिदेशक

1958 में शुरू हुआ था कार्यक्रम
बिहार डीजीपी ने कहा कि यह कार्यक्रम पिछले 14 वर्षों से लगातार चल रहा है. 1958 में इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी. डीजीपी ने कहा कि पुलिस सप्ताह के अंतर्गत नए कानूनों से पुलिस पदाधिकारियों को अवगत कराना होता है. वहीं, कार्यक्रम की रूपरेखा को लेकर पुलिस मुख्यालय के एडीजी सीआईडी विनय कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इंडोर कार्यक्रम में 50 फीसदी लोगों को शामिल किया जाएगा. वहीं, ऑनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से 10 हजार पुलिसकर्मियों को इससे जोड़ा जाएगा.

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इन विषयों का पढ़ाया जाएगा पाठ
पुलिस सप्ताह में आर्थिक अपराध इकाई, पुलिस वेलफेयर, टेररिज्म, महिला पुलिस कर्मी का किस क्षेत्र में इस्तेमाल हो, वर्क लाइफ विद बैलेंस, डिजिटल एविडेंस का इस्तेमाल, क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के बीच सामांजस्य कैसे बिठाया जाए, इन सभी विषयों पर पुलिस सप्ताह के दौरान चर्चा की जाएगी.

'बिहार में अच्छा कार्य किया जा रहा है. आम आदमी और मीडिया की पुलिस से उम्मीद रहती है कि अगर कहीं भी क्राइम हो तो 4 से 6 घंटे में अपराधी पुलिस की गिरफ्त में हो. उनके द्वारा किए जा रहे हैं उम्मीद पर हमें खरा उतरने की जरूरत है. साथ ही साथ पुलिस विभाग को अनुसंधान के लिए जितना ज्यादा हो सके टेक्निकल व्यवस्था को अपनाने की जरूरत है'.- आमिर सुबहानी, प्रमुख सचिव गृह विभाग

उन्होंने बताया कि बिहार में ज्यादा से ज्यादा थानों को सीसीटीएनएस परियोजना से जोड़ने का कार्य भी किया जा रहा है. जो कि जल्द ही पूरा किया जाएगा. यह कार्यक्रम 22 फरवरी से 27 फरवरी तक चलेगा. इस कार्यक्रम में विभिन्न तरह के इनडोर और आउटडोर के माध्यम से प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे.

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