पटना: राजधानी पटना का जेपी गोलंबर (JP Golambar) गुरुवार को करीब एक घंटे के लिए रणक्षेत्र बन गया. पंचायत वार्ड सचिवों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन को देखते हुए जेपी गोलंबर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. प्रदर्शनकारी बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) का घेराव करने के लिए आगे बढ़े तो पुलिस ने रोका. प्रदर्शनकारियों ने जबरदस्ती की तो पुलिस ने बल प्रयोग किया.
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प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की गई थी. वार्ड सचिवों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की तब पुलिस ने बल प्रयोग किया. पुलिस की पिटाई से बचने के लिए प्रदर्शनकारी इधर-उधर भागने लगे. पुलिसकर्मियों ने दौड़ा-दौड़ाकर प्रदर्शनकारियों की पिटाई की. इस दौरान वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया. लाठीचार्ज में 20 से अधिक प्रदर्शनकारी चोटिल हुए, इनमें से कई महिलाएं भी हैं. इस घटना में 4 पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए.
पुलिस के जवान जब प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीट रहे थे तभी पिटाई से बचने के लिए वार्ड सचिवों का एक समूह पास मौजूद कैफे में चला गया. उनके पीछे पुलिस के जवान भी गए और जो हाथ लगा उसकी पिटाई की गई. इस दौरान कैफे में लगी कई गाड़ियों के शीशे और वाइजर टूट गए. कैफे को भी हजारों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ. कैफे के सुपरवाइजर अतुल ने कहा, 'हमलोग कैफे में आए लोगों को सर्विस दे रहे थे. इसी दौरान दर्जनों लोग कैफे की ओर भागे. उनके पीछे पुलिस के जवान थे. इस घटना में हमलोगों को हजारों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है.
बता दें कि राज्यभर से वार्ड सचिव उचित मानदेय और सेवा स्थायी करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने पटना आए थे. वार्ड सचिवों का कहना है कि हमलोग पिछले 4 साल से काम कर रहे हैं, लेकिन अभी तक वेतन नहीं मिला है. बिहार में 1 लाख 14 हजार 697 वार्ड सचिवों को काम पर रखा गया था. इनसे नल जल योजना और मुख्यमंत्री सात निश्चय के तहत होने वाले काम कराये जा रहे हैं.
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