पटना : बिहार की राजधानी पटना से 6979 किलोमीटर दूर स्विटिजरलैंड में चिराग ने जिस ब्रांडेड जैकेट के साथ फोटो सेशन करवाया उसकी गर्माहट बिहार तक महसूस की जा रही है. यहां, बिहार में महंगे दाम को लेकर सियासत गरम है. विपक्षी दल चिराग के दलित पॉलिटिक्स पर सवाल खड़े कर रहे हैं. क्योंकि जो जैकेट है उसकी कीमत भारतीय करेंसी के हिसाब से लाखों में है.
चिराग की ब्रांडेड जैकेट पर जंग : दरअसल, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान अपने पहनावे को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं. हाल ही में, चिराग पासवान स्विट्जरलैंड में एक तस्वीर के कारण सुर्खियों में आए हैं, जिसमें वह बर्फ के बीच 'मॉन्क्लेर' ब्रांड की जैकेट पहने नजर आ रहे हैं. यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है.
सवालों में चिराग की महंगी जैकेट : चिराग ने मॉन्क्लेर स्पा ब्रांड का जैकेट पहना है जो कि एक इटालियन लक्जरी फैशन ब्रांड है. ये विदेशी ब्रांड रेडी-टू-वियर आउटरवियर प्रोडक्ट का निर्माण करता है. इस ब्रांड का मुख्यालय मिलान, इटली में स्थित है. पहले यह कंपनी डाउन जैकेट के बुटीक के रूप में शुरू हुई थी, लेकिन अब यह बनियान, रेनकोट, विंडब्रेकर, निटवेअर, चमड़े के सामान, जूते और सेंट जैसे उत्पाद भी बनाती है. एक सामान्य मॉन्क्लेर जैकेट की कीमत 1000 से 3000 डॉलर तक हो सकती है, और यह दुनिया के सबसे महंगे उत्पादों में शामिल है.
चिराग पासवान का पहनावा और सियासी विवाद : तो विवाद की जड़ जैकेट नहीं बल्कि उसकी ऊंची कीमत है. चिराग पासवान की स्विट्जरलैंड यात्रा से जुड़ी तस्वीरों ने विपक्षी दलों द्वारा तीखी प्रतिक्रिया प्राप्त की है. बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद ने आरोप लगाया है कि चिराग पासवान का महंगा जैकेट पहनना दलितों और गरीबों का अपमान कर रहा है.
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''जब दलितों के पास कपड़े तक नहीं हैं, तब चिराग पासवान जैसे नेता इस तरह के महंगे परिधान पहनकर उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. उनका यह भी कहना था कि समाज को संदेश नहीं जाता है कि जो नेता इस प्रकार के कपड़े पहनते हैं, वे गरीबों और वंचितों के मुद्दों को नजरअंदाज कर रहे हैं.''- एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी
लोजपा का पलटवार : राजद के आरोपों का लोजपा ने जवाब दिया है. लोजपा के प्रवक्ता विनीत सिंह ने कहा कि ''तेजस्वी यादव जैसे नेता, जिनके परिवार के लोग महंगे ब्रांड्स पहनते हैं, चिराग पासवान पर सवाल उठा रहे हैं. ऐसे नेता दलितों और वंचितों के प्रति अपनी सोच में सामंती है और जनता को इनसे बचने की आवश्यकता है.''
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अच्छे कपड़े पहनने पर क्या आपत्ति हो सकती है? : वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडेय का मानना है कि ''सार्वजनिक जीवन में किसी का पहनावा उसकी कमजोरी नहीं हो सकती. विदेशी ब्रांड्स का पहनना अब कोई आपत्ति की बात नहीं है, क्योंकि भारत में भी अब विदेशी ब्रांड्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है. चिराग पासवान, जो एक युवा नेता हैं और केंद्रीय मंत्री भी हैं, उनका फैशन सेंस पूरी तरह से उनके व्यक्तित्व और परिवार के प्रभाव से मेल खाता है.''
चिराग पासवान का स्विट्जरलैंड दौरा : चिराग पासवान स्विट्जरलैंड के दावोस में 55वीं विश्व आर्थिक मंच (WEF) की वार्षिक बैठक में भाग लेने गए थे. इस बैठक में भारत के आर्थिक विकास, डिजिटल परिवर्तन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की भूमिका पर चर्चा होनी थी. यह एक वैश्विक मंच है, जहां दुनिया भर के नेता और कारोबारी मिलकर महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं.
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चिराग पासवान का फिल्मी बैकग्राउंड : चिराग पासवान ने अपने करियर की शुरुआत बॉलीवुड फिल्म से की थी. 2011 में उन्होंने कंगना रनौत के साथ फिल्म 'मिले ना मिले हम' से अभिनय की शुरुआत की थी. हालांकि, यह फिल्म दर्शकों द्वारा ज्यादा पसंद नहीं की गई थी, फिर भी यह उनके फिल्मी करियर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही.
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