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नक्सलियों के बिहार बंद के आह्वान पर पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के SP को किया अलर्ट

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Published : Mar 23, 2021, 2:25 PM IST

भाकपा माओवादी की ओर से दो दिनों के लिए बिहार और झारखंड को बंद करने का ऐलान किया गया है. इसके साथ ही पुलिस और नक्सलियों के बीच के मुठभेड़ को फर्जी मुठभेड़ करार दिया. माओवादी संगठन ने इसकी जांच की मांग की है.

patna
जितेंद्र कुमार,  एडीजी, पुलिस मुख्यालय

पटना: बिहार झारखंड रीजनल कमेटी भाकपा माओवादी की तरफ से एक पत्र जारी किया गया है. इसमें 24 और 25 मार्च को दक्षिणी बिहार और पश्चिमी झारखंड को बंद करने का आह्वान किया गया है.

ये भी पढ़ें...'विशेष पुलिस विधेयक' के विरोध में विधानसभा के बाहर राजद

पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार का बयान
इस पत्र के बाद पुलिस एक्शन में आ गई है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि बिहार में इन दिनों बिहार पुलिस और केंद्रीय एजेंसी द्वारा नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाकर उनके मकसद पर पानी फेरा जा रहा है. साथ ही उन्हें गिरफ्तार भी किया जा रहा है. इसी क्रम में नक्सलियों के खिलाफ इंटेलिजेंस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार पुलिस द्वारा टीम गठित कर छापेमारी के दौरान चार नक्सलियों को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया है.

जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

ये भी पढ़ें...सिंधु जल समझौते पर भारत-पाकिस्तान के बीच बैठक शुरू

'जिस तरह से नक्सलियों द्वारा बिहार बंद का आह्वान किया गया है, पुलिस मुख्यालय स्तर से सभी जिलों के SP को अलर्ट किया गया है. सभी डिस्ट्रिक्ट के पुलिसकर्मी सतर्क हैं , सुरक्षा बरती जा रही है. साथ ही नक्सलियों के खिलाफ आवश्यक निरोधात्मक कार्रवाई संबंधित जिलाें के पुलिस अधिकारियों द्वारा की जा रही है'.- जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

भाकपा माओवादी की ओर जारी किया गया पत्र
भाकपा माओवादी की ओर जारी पत्र में कहा गया है कि पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों, प्रतिक्रियावादी राजनेताओं और विश्वासघातियों ने एक साथ मिलकर षड्यंत्र रचकर उनकी पार्टी के कई नेताओं की काफी पिटाई की. इसके बाद झूठे मुठभेड़ के नाम पर उनकी हत्या कर दी. इसलिए इस हत्या के खिलाफ बिहार और झारखंड को बंद किया जा रहा है. इस पत्र में लोगों से सहयोग करने की अपील की गई है.

दो दिनों के लिए बंद का ऐलान
भाकपा माओवादी ने बताया कि झूठे मुठभेड़ के नाम पर कामरेड अमरेश सिंह भोक्ता, कामरेड उदय पासवान, कामरेड सीता भुईया और कामरेड शिवपूजन यादव की बर्बर हत्या कर दी गई. इसी वजह से सरकार के खिलाफ बिहार और झारखंड को दो दिनों के लिए बंद किया जा रहा है.

नक्सलियों के पास से अत्याधुनिक हथियार बरामद
बता दें कि बिहार झारखंड में इन दिनों में लगातार पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ के मामले सामने आ रहे हैं. कुछ दिनों पहले गया के डुमरिया थाना क्षेत्र स्थित कोण के जंगल में पुलिस के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हुई. इसमें 4 नक्सली ढ़ेर हो गए. वहीं, नक्सलियों के पास से पुलिस ने अत्याधुनिक हथियार भी बरामद किए हैं.

जंगल में सर्च ऑपरेशन
बताया जा रहा है कि सीआरपीएफ और पुलिस की टीमें नक्सलियों की तलाश में जंगल में कांबिंग कर रही हैं. सीआरपीएफ के 159 बटालियन को गुप्त सूचना मिली थी कि जंगल में नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने को लेकर इकट्ठा हुए हैं, तभी स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ के बटालियन द्वारा जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया. पुलिस को आते देख नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी थी. वहीं, जबावी कार्रवाई में भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर सहित चार नक्सली मारे गए थे.

मामले की जांच की मांग
पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ को नक्सली संगठन ने फर्जी मुठभेड़ करार दिया है. बिहार झारखंड रीजनल कमेटी भाकपा माओवादी की तरफ से जारी पत्र में मेडिकल, हॉस्पिटल, एंबुलेंस, दूध विक्रेता और बराती गाड़ी सहित प्रेस मीडिया के लिए बंद के दौरान कोई रोकटोक नहीं है. वहीं, भाकपा माओवादी की ओर से मामले की जांच की मांग की गई है.

पटना: बिहार झारखंड रीजनल कमेटी भाकपा माओवादी की तरफ से एक पत्र जारी किया गया है. इसमें 24 और 25 मार्च को दक्षिणी बिहार और पश्चिमी झारखंड को बंद करने का आह्वान किया गया है.

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पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार का बयान
इस पत्र के बाद पुलिस एक्शन में आ गई है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि बिहार में इन दिनों बिहार पुलिस और केंद्रीय एजेंसी द्वारा नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाकर उनके मकसद पर पानी फेरा जा रहा है. साथ ही उन्हें गिरफ्तार भी किया जा रहा है. इसी क्रम में नक्सलियों के खिलाफ इंटेलिजेंस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार पुलिस द्वारा टीम गठित कर छापेमारी के दौरान चार नक्सलियों को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया है.

जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

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'जिस तरह से नक्सलियों द्वारा बिहार बंद का आह्वान किया गया है, पुलिस मुख्यालय स्तर से सभी जिलों के SP को अलर्ट किया गया है. सभी डिस्ट्रिक्ट के पुलिसकर्मी सतर्क हैं , सुरक्षा बरती जा रही है. साथ ही नक्सलियों के खिलाफ आवश्यक निरोधात्मक कार्रवाई संबंधित जिलाें के पुलिस अधिकारियों द्वारा की जा रही है'.- जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

भाकपा माओवादी की ओर जारी किया गया पत्र
भाकपा माओवादी की ओर जारी पत्र में कहा गया है कि पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों, प्रतिक्रियावादी राजनेताओं और विश्वासघातियों ने एक साथ मिलकर षड्यंत्र रचकर उनकी पार्टी के कई नेताओं की काफी पिटाई की. इसके बाद झूठे मुठभेड़ के नाम पर उनकी हत्या कर दी. इसलिए इस हत्या के खिलाफ बिहार और झारखंड को बंद किया जा रहा है. इस पत्र में लोगों से सहयोग करने की अपील की गई है.

दो दिनों के लिए बंद का ऐलान
भाकपा माओवादी ने बताया कि झूठे मुठभेड़ के नाम पर कामरेड अमरेश सिंह भोक्ता, कामरेड उदय पासवान, कामरेड सीता भुईया और कामरेड शिवपूजन यादव की बर्बर हत्या कर दी गई. इसी वजह से सरकार के खिलाफ बिहार और झारखंड को दो दिनों के लिए बंद किया जा रहा है.

नक्सलियों के पास से अत्याधुनिक हथियार बरामद
बता दें कि बिहार झारखंड में इन दिनों में लगातार पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ के मामले सामने आ रहे हैं. कुछ दिनों पहले गया के डुमरिया थाना क्षेत्र स्थित कोण के जंगल में पुलिस के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हुई. इसमें 4 नक्सली ढ़ेर हो गए. वहीं, नक्सलियों के पास से पुलिस ने अत्याधुनिक हथियार भी बरामद किए हैं.

जंगल में सर्च ऑपरेशन
बताया जा रहा है कि सीआरपीएफ और पुलिस की टीमें नक्सलियों की तलाश में जंगल में कांबिंग कर रही हैं. सीआरपीएफ के 159 बटालियन को गुप्त सूचना मिली थी कि जंगल में नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने को लेकर इकट्ठा हुए हैं, तभी स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ के बटालियन द्वारा जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया. पुलिस को आते देख नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी थी. वहीं, जबावी कार्रवाई में भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर सहित चार नक्सली मारे गए थे.

मामले की जांच की मांग
पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ को नक्सली संगठन ने फर्जी मुठभेड़ करार दिया है. बिहार झारखंड रीजनल कमेटी भाकपा माओवादी की तरफ से जारी पत्र में मेडिकल, हॉस्पिटल, एंबुलेंस, दूध विक्रेता और बराती गाड़ी सहित प्रेस मीडिया के लिए बंद के दौरान कोई रोकटोक नहीं है. वहीं, भाकपा माओवादी की ओर से मामले की जांच की मांग की गई है.

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