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पटना साहिब सीट पर मुकाबला बेहद रोचक, NDA और महागठबंधन दोनों दलों की प्रतिष्ठा दांव पर

शत्रुध्न सिन्हा कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. लेकिन, अभी तक महागठबंधन का कोई भी बड़ा नेता उनके प्रचार में एकजुटता के साथ नजर नहीं आया है.

रविशंकर बनाम शत्रुघ्न
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Published : May 13, 2019, 11:28 PM IST

पटना: पटना साहिब लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प है. बिहारी बाबू ने भाजपा का हाथ छोड़ कांग्रेस का दामन थामा है. वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला रविशंकर प्रसाद से है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को जहां बीजेपी और एनडीए के दूसरे सहयोगियों से पूरा सपोर्ट मिल रहा है. वहीं, शत्रुघ्न सिन्हा अपने बूते पर प्रचार में जी जान से लगे हुए हैं.

पटना साहिब बीजेपी का गढ़ है. इस परंपरागत सीट पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे शत्रुघ्न सिन्हा के लिए इसबार बड़ी चुनौती है. बीजेपी में रहते हुए शत्रुघ्न सिन्हा 2009 और 2014 में आसानी से पटना साहिब सीट पर काबिज हुए थे.

पटना साहिब सीट का चुनाव प्रचार

अपने बूते पर कर रहे प्रचार
शत्रुध्न सिन्हा कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. लेकिन, अभी तक महागठबंधन का कोई भी बड़ा नेता उनके प्रचार में एकजुटता के साथ नजर नहीं आ आया है. वहीं, रविशंकर प्रसाद के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है. साथ ही जदयू भी उनके लिए प्रचार करने में लगा है.

पटना साहिब का समीकरण
पटना साहिब में 6 विधानसभा क्षेत्र है. जिसमें से पांच पर बीजेपी का कब्जा है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है पटना साहिब में बीजेपी को हराना बेहद मुश्किल है. बीजेपी नेताओं का यह भी दावा है कि रविशंकर प्रसाद के इर्द-गिर्द भी कोई नहीं टिकेगा. रविशंकर प्रसाद एक तरफ जदयू नेताओं के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं. तो वहीं, शत्रुघ्न सिन्हा ने ना तो राजद कार्यालय में कोई बैठक की और ना ही महागठबंधन के अन्य दलों के कार्यालय ही पहुंचे.

पटना: पटना साहिब लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प है. बिहारी बाबू ने भाजपा का हाथ छोड़ कांग्रेस का दामन थामा है. वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला रविशंकर प्रसाद से है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को जहां बीजेपी और एनडीए के दूसरे सहयोगियों से पूरा सपोर्ट मिल रहा है. वहीं, शत्रुघ्न सिन्हा अपने बूते पर प्रचार में जी जान से लगे हुए हैं.

पटना साहिब बीजेपी का गढ़ है. इस परंपरागत सीट पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे शत्रुघ्न सिन्हा के लिए इसबार बड़ी चुनौती है. बीजेपी में रहते हुए शत्रुघ्न सिन्हा 2009 और 2014 में आसानी से पटना साहिब सीट पर काबिज हुए थे.

पटना साहिब सीट का चुनाव प्रचार

अपने बूते पर कर रहे प्रचार
शत्रुध्न सिन्हा कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. लेकिन, अभी तक महागठबंधन का कोई भी बड़ा नेता उनके प्रचार में एकजुटता के साथ नजर नहीं आ आया है. वहीं, रविशंकर प्रसाद के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है. साथ ही जदयू भी उनके लिए प्रचार करने में लगा है.

पटना साहिब का समीकरण
पटना साहिब में 6 विधानसभा क्षेत्र है. जिसमें से पांच पर बीजेपी का कब्जा है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है पटना साहिब में बीजेपी को हराना बेहद मुश्किल है. बीजेपी नेताओं का यह भी दावा है कि रविशंकर प्रसाद के इर्द-गिर्द भी कोई नहीं टिकेगा. रविशंकर प्रसाद एक तरफ जदयू नेताओं के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं. तो वहीं, शत्रुघ्न सिन्हा ने ना तो राजद कार्यालय में कोई बैठक की और ना ही महागठबंधन के अन्य दलों के कार्यालय ही पहुंचे.

Intro:पटना-- पटना साहिब लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प है बिहारी बाबू इस बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और उनके सामने रविशंकर प्रसाद हैं दोनों पुराने मित्र हैं मित्रों के बीच यह फाइट है लेकिन रविशंकर प्रसाद को जहां बीजेपी और एनडीए के दूसरे सहयोगी का पूरा सपोर्ट मिल रहा है वही शत्रुघ्न सिन्हा अपने बूते प्रचार में जी जान लगाए हुए हैं। पटना साहिब बीजेपी का गढ़ है और इस परंपरागत सीट पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे शत्रुघ्न सिन्हा के लिए यह बड़ी चुनौती है।
पेश है रिपोर्ट---


Body:बीजेपी में रहते हुए शत्रुघ्न सिन्हा 2009 और 2014 में आसानी से पटना साहिब सीट पर जीत हासिल कर ली थी रिकॉर्ड मतों से। लेकिन इस बार बीजेपी से टिकट नहीं मिला है और इसलिए कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं लेकिन अभी तक महागठबंधन का कोई भी बड़ा नेता उनके प्रचार में एकजुटता के साथ नजर नहीं आ रहा है तो वहीं रविशंकर प्रसाद के लिए बीजेपी तो पूरी ताकत लगा ही चुकी है जदयू ने भी अपने नेताओं को प्रचार में लगा दिया है।
पटना साहिब में 6 विधानसभा क्षेत्र है जिसमें से पांच पर बीजेपी का कब्जा है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है पटना साहिब में बीजेपी को हराना किसी के लिए आसान नहीं है चाहे वह शत्रुघ्न सिन्हा ही क्यों ना हो। बीजेपी के विधायक मिथिलेश तिवारी का कहना है कि शत्रुघ्न सिन्हा को अब पता चलेगा। उन्हें अब अफसोस भी हो रहा होगा क्योंकि ना तो वहां के डर है ना कोई कार्यकर्ता महागठबंधन तो पहले से खंड खंड है।
बाईट-- मिथिलेश तिवारी विधायक बीजेपी
बीजेपी नेताओं का यह भी दावा है कि रविशंकर प्रसाद के इर्द-गिर्द भी कोई नहीं टिकता रविशंकर प्रसाद का जितना उतना ही तय है जितना सूरज का उगना।
बाईट-- मिथिलेश तिवारी बीजेपी विधायक


Conclusion:रविशंकर प्रसाद एक तरफ जदयू नेताओं के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं जदयू प्रदेश अध्यक्ष के आवास पर है बैठक कर चुके हैं जदयू कार्यालय में भी बैठक पर रणनीति बना चुके हैं तो वही शत्रुघ्न सिन्हा न तो राजद कार्यालय में कोई बैठक की और ना ही महागठबंधन के अन्य दलों के कार्यालय में या फिर उनके किसी बड़े नेता के साथ कोई बैठक हुई है रविशंकर प्रसाद के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह रोड शो तक कर चुके हैं लेकिन अभी तक शत्रुघ्न सिन्हा के लिए कांग्रेस का कोई बड़ा नेता प्रचार में कूदा नहीं है। कुछ कांग्रेस और राजद कार्यकर्ताओं के बूते शत्रु की प्रचार गाड़ी आगे बढ़ रही है। उनकी पत्नी पूनम सिंह और बेटे का साथ जरूर मिल रहा है।
अविनाश, पटना।
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