पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने सड़क निर्माण विभाग से बर्खास्त कर्मचारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दस हजार रुपये का अर्थदंड (Patna High Court Imposed Fine of 10 Thousand) लगाया. जस्टिस पीबी बजन्थरी ने मोहम्मद उस्मान अंसारी व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए जुर्माना लगाये जाने का आदेश दिया. याचिकाकर्ता की अस्थायी तौर पर नियुक्ति सड़क निर्माण विभाग में की गई थी. नियुक्ति को अवैध पाने पर विभाग ने वर्ष 1995 में याचिकाकर्ता को सेवा से बर्खास्त कर दिया था.
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सड़क निर्माण विभाग ने याचिकाकर्ता के साथ ही कुछ अन्य कर्मियों को भी सेवा से हटा दिया था. इसके बाद कुछ कर्मचारियों ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की. जिसके बाद हाई कोर्ट ने उन्हें सेवा में बहाल करने का आदेश दिया था. याचिकाकर्ता का भी कहना था कि जो राहत अन्य कर्मियों को पटना हाईकोर्ट से दी गई है, वह उसे भी दी जाए. इसको लेकर याचिकाकर्ता 2010 में पटना हाईकोर्ट में अपील की थी. इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका को यह कहते हुए हाईकोर्ट से वापस ले लिया था कि इस मामले को वो विभाग के समक्ष अभ्यावेदन दायर करके रखेगा. इसके बाद याचिकाकर्ता ने विभाग के समक्ष 2012 अभ्यावेदन दायर किया था, लेकिन कुछ हो नहीं सका.
राज्य सरकार के अधिवक्ता मनोज कुमार अंबष्ठ ने बताया कि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को 2012 से अभी तक कि वस्तुस्थिति को स्पष्ट करने को कहा. इसपर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपने अभ्यावेदन को निष्पादित करने हेतु आदेश देने का अनुरोध कोर्ट से किया, लेकिन कोर्ट ने याचिकाकर्ता के इस अनुरोध को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि पहले 2012 से अभी तक कि वस्तुस्थिति को स्पष्ट करें. इसके बावजूद याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा एकबार पुनः अभ्यावेदन को निष्पादित करने का आदेश देने का अनुरोध कोर्ट से किया. इसपर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए याचिकाकर्ता पर दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया.
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