पटना: पटना हाईकोर्ट ने राज्य के जेलों में अपने मां के साथ बंद एक से छह वर्ष के बच्चों को शिक्षित करने के लिए कार्रवाई करने का आदेश जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव को दिया. साथ ही कोर्ट ने शिक्षा विभाग के डीईओ को हर संभव सहयोग करने का निर्देश दिया है. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने की. इस मामले पर अगली सुनवाई की 7 दिसम्बर,2023 तय की गयी है.
पटना हाई कोर्ट में सुनवाई: पटना कोर्ट में चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने सुनवाई की है. खंडपीठ ने राज्य के विभिन्न जेलों में अपने मां के साथ एक से छह वर्ष के बीच बंद 103 बालक एवं 125 बालिकाओं को शिक्षित करने के कार्रवाई पर जोर दिया है. इसके पूर्व कोर्ट को बताया कि राज्य के जेलों में 50682 पुरुष और 2350 महिला विचाराधीन बंद हैं. जबकि 6995 पुरुष और 212 महिला सजायफ्ता बन्द हैं.
सबसे ज्यादा भागलपुर में बंद महिला और बच्चे: पटना कोर्ट ने पूरे प्रदेश के जेलों में कुल 103 बच्चे व 125 बच्चियां बंद हैं पटना हाई कोर्ट ने कुल 228 नाबालिग को शिक्षित करने के लिए कार्रवाई करने का आदेश दिया. सबसे ज्यादा भागलपुर महिला मंडल कारा और नवादा मंडल कारा में 16-16, कटिहार मंडल कारा में 14, गया केंद्रीय कारा में 13, बेतिया मंडल कारा में 10, बेऊर आदर्श केंद्रीय कारा में 9, मुज्जफरपुर पूर्णिया केंद्रीय कारा व सिवान,आरा,सीतामढ़ी, जहानाबाद मंडल कारा में 8-8, दरभंगा मंडल कारा में 7 नाबालिग अपने माँ के साथ बंद हैं.
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