पटनाः पटना हाई कोर्ट ने राज्य के विभिन्न मामलों में सुनवाई कर अपना फैसला सुनाया है. सारे मामलों की सुनवाई अगले साल जनवरी में की जाएगी.
पटना पैथालॉजीकल लेबोरेटरीज मामला
राज्य में अवैध रूप से चल रहे पैथालॉजीकल लेबोरेटरीज मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की है. जहां पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इसकी जानकारी अखबारों के माध्यम से लोगों को देने का सख्त निर्देश दिया है. ऐसा कहा गया है कि अखबारों को 3 दिनों के अंदर मामले से संबंधित विज्ञापन को प्रकाशित करना होगा. यह सुनवाई चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने की है. दोबारा मामले में सुनवाई 8 जनवरी को होगी. बता दें कि जनता को सूचित करने के लिए पटना हाईकोर्ट पहले भी इस तरह के विज्ञापन को अखबारों में प्रकाशित करने का निर्देश दे चुका है. लेकिन इसका पालन नहीं किया गया.
राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में अतिक्रमण मामला
पीएमसीएच समेत राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हुए अतिक्रमण मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की है. बता दें कि राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बड़े पैमाने पर कुछ असामाजिक तत्वों ने अपना अड्डा जमा रखा हैं. जिसके कारण वहां आने-जाने वाले मरीजों और उनके परिजनों को परेशानियां होती हैं. ऐसे में विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा ने इस पर जनहित याचिका दायर की. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल और अधीक्षकों को तलब कर दिया है. 7 जनवरी को मामले पर फिर से सुनवाई की जाएगी.
पटना वेटेनरी कॉलेज में अतिक्रमण मामला
बता दें कि सरकारी मेडिकल कालेजों से अतिक्रमण हटाने के मामले में पटना वेटेनरी कॉलेज भी शामिल है. जहां पटना हाई कोर्ट ने मामले पर मुख्य सचिव को फिर से हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. कोर्ट राज्य के मुख्य सचिव की ओर से दायर जवाब से असन्तुष्ट था. इसलिए उन्हें दोबारा हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया गया है. मामले पर अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी.
वैशाली का पॉलिटेक्निक कॉलेज मामला
वैशाली के कन्हौली स्थित एग्जाल्ट कॉलेज ऑफ पॉलिटेक्निक पर 3 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. जिसको पटना हाई कोर्ट ने सही ठहराते हुए कॉलेज को कोई राहत नहीं दी है. जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह की खंडपीठ ने कालेज की अपील को खारिज कर दिया है. कोर्ट का कहना है कि एकल पीठ की ओर से दिया गया यह आदेश सही है. ऐसे में कालेज को सभी छात्रों की फीस लौटाने के साथ-साथ सभी छात्रों को बतौर मुआवजा 50-50 हजार रुपये देने होंगे.
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एग्जाल्ट कॉलेज ऑफ पॉलिटेक्निक ने नियमों का उल्लंघन कर कुल 600 छात्रों का सत्र 2016 और 2017 में ऐडमिशन लिया था. ऐसे में परीक्षा के दौरान जब कॉलेज को स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्नोलॉजीकल एजुकेशन के पास निबंधन के लिए भेजा गया तो बोर्ड ने अनियन्त्रित ऐडमिशन के आधार पर कॉलेज का निबंधन करने से मना कर दिया. इस पर कॉलेज ने एकल पीठ को चुनौती दी. जिस पर कोर्ट ने एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए कॉलेज को कोई राहत नहीं दी.