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पटना हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के सजायाफ्ता के फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला, एक अभियुक्त को किया बड़ी - Hearing In Patna HIgh Court

पटना हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के सजायाफ्ता के फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया. वहीं एक आरोपी को बड़ी कर दिया है. (Hearing In Patna HIgh Court) पढ़ें पूरी खबर.

पटना हाईकोर्ट
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Published : Oct 19, 2022, 11:09 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने 11 साल की बच्ची से दुष्कर्म करने के मामले में फांसी की सजा पाए सजायफ्ता को राहत देते हुए उसकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है, साथ ही इसी मामले एक अन्य अभियुक्त को रिहा कर दिया है. जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह और जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने अरविंद कुमार और अभिषेक कुमार की अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए स्वीकृति दे दी.

ये भी पढ़ें- पटना के राजीव नगर में 'ऑपरेशन बुलडोजर' पर HC ने जतायी गहरी नाराजगी, 14 जुलाई तक जारी रहेगी रोक

जानकारी के अनुसार 19 सितंबर 2018 को इन दोनों अभियुक्तों के खिलाफ पीड़िता की मां ने आईपीसी की धारा 376, 376b, 120(B), 504, 506, 354(D) एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 4,6 एवं 12 के तहत प्राथमिकी दर्ज करवाई थी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि फुलवारीशरीफ स्थित एक स्कूल के प्रिंसिपल ने कक्षा पांच में पढ़ने वाली छात्रा के साथ यौन शोषण किया. साथ ही उसका वीडियो वायरल करने के नाम पर ब्लैकमेल किया करते थे.

इस कांड में स्कूल के एक अन्य शिक्षक ने भी उसका साथ दिया. जब लड़की की मां को शक हुआ तो उसने स्कूल के प्रिंसिपल एवं शिक्षक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई. इस पर संज्ञान लेते हुए निचली अदालत ने स्कूल के प्रिंसिपल को फांसी की सजा सुनाई और शिक्षक को उम्रकैद की सजा सुनाई. इस निचली अदालत के आदेश को अपीलकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. अपीलकर्ताओं का पक्ष वरीय अधिवक्ता बख्शी एसआरपी सिन्हा ने रखा.

इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह पाया कि अभियोजन पक्ष पीड़ित बच्ची की उम्र 12 वर्ष के कम साबित करने में विफल रहे और संदेह का लाभ देते हुए अभियुक्त अरविंद कुमार की फांसी की सजा को उम्रकैद की सजा में तब्दील कर दिया. अभियुक्त अभिषेक कुमार को उम्रकैद की सजा से बरी कर दिया.

ये भी पढ़ें- पटना के राजीव नगर में 'ऑपरेशन बुलडोजर' पर हाईकोर्ट की रोक

पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने 11 साल की बच्ची से दुष्कर्म करने के मामले में फांसी की सजा पाए सजायफ्ता को राहत देते हुए उसकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है, साथ ही इसी मामले एक अन्य अभियुक्त को रिहा कर दिया है. जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह और जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने अरविंद कुमार और अभिषेक कुमार की अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए स्वीकृति दे दी.

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जानकारी के अनुसार 19 सितंबर 2018 को इन दोनों अभियुक्तों के खिलाफ पीड़िता की मां ने आईपीसी की धारा 376, 376b, 120(B), 504, 506, 354(D) एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 4,6 एवं 12 के तहत प्राथमिकी दर्ज करवाई थी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि फुलवारीशरीफ स्थित एक स्कूल के प्रिंसिपल ने कक्षा पांच में पढ़ने वाली छात्रा के साथ यौन शोषण किया. साथ ही उसका वीडियो वायरल करने के नाम पर ब्लैकमेल किया करते थे.

इस कांड में स्कूल के एक अन्य शिक्षक ने भी उसका साथ दिया. जब लड़की की मां को शक हुआ तो उसने स्कूल के प्रिंसिपल एवं शिक्षक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई. इस पर संज्ञान लेते हुए निचली अदालत ने स्कूल के प्रिंसिपल को फांसी की सजा सुनाई और शिक्षक को उम्रकैद की सजा सुनाई. इस निचली अदालत के आदेश को अपीलकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. अपीलकर्ताओं का पक्ष वरीय अधिवक्ता बख्शी एसआरपी सिन्हा ने रखा.

इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह पाया कि अभियोजन पक्ष पीड़ित बच्ची की उम्र 12 वर्ष के कम साबित करने में विफल रहे और संदेह का लाभ देते हुए अभियुक्त अरविंद कुमार की फांसी की सजा को उम्रकैद की सजा में तब्दील कर दिया. अभियुक्त अभिषेक कुमार को उम्रकैद की सजा से बरी कर दिया.

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