पटना: कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण लगभग सभी व्यवस्थाएं बदल गई हैं. अब लगभग सभी कार्य ऑनलाइन किए जा रहे हैं. अस्पतालों में ओपीडी में मरीज ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा कर ही इलाज करवा रहे हैं. वहीं, आईजीआईएमएस (IGIMS) में भी मरीज ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा कर इलाज करवाने पहुंच रहे हैं. आईजीआईएमएस के अधीक्षक का कहना है कि कोरोना ने सभी को बहुत कुछ सिखा दिया है.
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आईजीआईएमएस के अधीक्षक मनीष मंडल का कहना है कि कम संसाधन में मरीज का इलाज ऑनलाइन (Online Treatment) किया जा रहा है. जो मरीज ऑनलाइन पंजीकरण (Online Registration) कराकर इलाज कराने आते हैं, उन्हें फायदा भी होता है. ऐसे मरीजों को दूसरी बार डॉक्टर से मिलने अस्पताल नहीं आना पड़ता है. घर बैठे ही डॉक्टर से सलाह ले लेते हैं.
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कोरोना काल के बाद से आइजीआईएमएस के डॉक्टर WhatsApp के जरिये मरीजों को इलाज कर रहे हैं. अधीक्षक ने कहा कि सिर्फ और सिर्फ इमरजेंसी के मरीजों का नंबर ऑफलाइन लगाया जा रहा है. अन्य सभी सुविधाओं को ऑनलाइन ही रखा गया है. जिससे अस्पतालों में ज्यादा भीड़ इकट्ठा न हो सके.
जिन मरीजों को ऑनलाइन नंबर लगाने में दिक्कत होती है, उनके लिए हेल्प डेस्क की भी व्यवस्था की गई है. मरीज डेस्क पर पहुंचकर अपना मोबाइल नंबर देकर रेजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. कुल मिलाकर देखें तो आइजीआईएमएस में सभी विभागों में मरीज आ रहे हैं. अमूमन 2 हजार से 2500 मरीज रोज देखें जा रहे हैं.
'कोविड ने हमें यह सिखा दिया है कि कम संसाधन में कैसे ऑनलाइन मरीजों को सुविधा दे सकते हैं. मरीज घर बैठे रजिस्ट्रेशन कराकर मनचाहे डॉक्टर से मिल सकते हैं. मरीज अपने सारे रिपोर्ट को भी ऑनलाइन दिखा सकते हैं. अभी फिलाहल ऑनलाइन देने की सुविधा चलती रहेगी. इमरजेंसी मरीजों को ही ऑफलाइन देखा जाएगा.' -मनीष मंडल, अधीक्षक, आइजीआईएमएस