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ऑनलाइन टिकट पर सर्विस चार्ज में बढ़ोतरी से यात्री नाराज, बताया गरीब यात्री पर बोझ

पहले ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर 10 रुपये तक सर्विस चार्ज लगता था. लेकिन, 1 सितंबर से स्लीपर में रिजर्वेशन के लिए प्रति व्यक्ति अतिरिक्त 15 रुपये और एसी में रिजर्वेशन के लिए प्रति व्यक्ति 30 रुपये अधिक भुगतान करने होंगे.

यात्रियों ने दी राय
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Published : Sep 3, 2019, 5:01 PM IST

पटना: देशभर में बीते 1 सितंबर से ऑनलाइन रेल टिकट लेने पर सर्विस चार्ज में इजाफा किया गया है. इसको लेकर रेल यात्रियों में खासी नाराजगी है. लोगों ने कहा है कि पहले सरकार खुद ही डिजिटल ट्रांजेक्शन करने को कहती है और फिर चार्ज ज्यादा लगाती है. इस तरह से भारत कैसे डिजिटल होगा?

यात्रियों की राय जानने पहुंचे ईटीवी भारत संवाददाता

पहले ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर 10 रुपये तक सर्विस चार्ज लगता था. लेकिन, 1 सितंबर से स्लीपर में रिजर्वेशन के लिए प्रति व्यक्ति अतिरिक्त 15 रुपये और एसी में रिजर्वेशन के लिए प्रति व्यक्ति 30 रुपये अधिक भुगतान करने होंगे. सर्विस चार्ज में हुए इस फेर-बदल का असर पटना जंक्शन पर साफ देखने को मिल रहा है.

ऑनलाइन खरीदारों की संख्या कम होगी
पहले जहां पटना जंक्शन के रिजर्वेशन काउंटर पर मुश्किल से ही लोग मिल पाते थे अब वहीं, काउंटर टिकट लेने वालों की भी संख्या बढ़ने लगी है. यात्रियों का कहना है कि भले थोड़ा टाइम जाएगा लेकिन, फालतू पैसा क्यों दें. यह नीति गलत है. इससे ऑनलाइन टिकट खरीदने वालों की संख्या में कमी जरूर आएगी.

  • 'कौन होगा बिहार में महागठबंधन से CM उम्मीदवार, सोनिया गांधी करेंगी फैसला' https://t.co/VRy98q7qxd

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'सर्विस चार्ज में इजाफा गलत'
बता दें कि टिकट खिड़की की भीड़ कम करने के लिए रेलवे कई प्रकार की ऑनलाइन सुविधाएं यात्रियों को मुहैया करा रहा है. ताकि लोग टिकट खिड़की पर भीड़ ना लगाएं और बैठे -बैठे मोबाइल से टिकट ले ले. लेकिन, सरकार लगातार ऑनलाइन टिकट के सर्विस चार्ज में वृद्धि कर रही है. जिससे लोग काफी गुस्साए हुए हैं. उनका कहना है कि सर्विस चार्ज में इजाफा ठीक नहीं है. अगर सरकार इतना ज्यादा सर्विस चार्ज लेगी तो फिर गरीब आदमी ऑनलाइन टिकट कैसे बुक कर पाएंगे? भारतीय रेल गरीब-गुरबा की सवारी मानी जाती है. ऐसे में यह फैसला गरीब यात्रियों के ऊपर बोझ है.

पटना: देशभर में बीते 1 सितंबर से ऑनलाइन रेल टिकट लेने पर सर्विस चार्ज में इजाफा किया गया है. इसको लेकर रेल यात्रियों में खासी नाराजगी है. लोगों ने कहा है कि पहले सरकार खुद ही डिजिटल ट्रांजेक्शन करने को कहती है और फिर चार्ज ज्यादा लगाती है. इस तरह से भारत कैसे डिजिटल होगा?

यात्रियों की राय जानने पहुंचे ईटीवी भारत संवाददाता

पहले ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर 10 रुपये तक सर्विस चार्ज लगता था. लेकिन, 1 सितंबर से स्लीपर में रिजर्वेशन के लिए प्रति व्यक्ति अतिरिक्त 15 रुपये और एसी में रिजर्वेशन के लिए प्रति व्यक्ति 30 रुपये अधिक भुगतान करने होंगे. सर्विस चार्ज में हुए इस फेर-बदल का असर पटना जंक्शन पर साफ देखने को मिल रहा है.

ऑनलाइन खरीदारों की संख्या कम होगी
पहले जहां पटना जंक्शन के रिजर्वेशन काउंटर पर मुश्किल से ही लोग मिल पाते थे अब वहीं, काउंटर टिकट लेने वालों की भी संख्या बढ़ने लगी है. यात्रियों का कहना है कि भले थोड़ा टाइम जाएगा लेकिन, फालतू पैसा क्यों दें. यह नीति गलत है. इससे ऑनलाइन टिकट खरीदने वालों की संख्या में कमी जरूर आएगी.

  • 'कौन होगा बिहार में महागठबंधन से CM उम्मीदवार, सोनिया गांधी करेंगी फैसला' https://t.co/VRy98q7qxd

    — ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) September 2, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'सर्विस चार्ज में इजाफा गलत'
बता दें कि टिकट खिड़की की भीड़ कम करने के लिए रेलवे कई प्रकार की ऑनलाइन सुविधाएं यात्रियों को मुहैया करा रहा है. ताकि लोग टिकट खिड़की पर भीड़ ना लगाएं और बैठे -बैठे मोबाइल से टिकट ले ले. लेकिन, सरकार लगातार ऑनलाइन टिकट के सर्विस चार्ज में वृद्धि कर रही है. जिससे लोग काफी गुस्साए हुए हैं. उनका कहना है कि सर्विस चार्ज में इजाफा ठीक नहीं है. अगर सरकार इतना ज्यादा सर्विस चार्ज लेगी तो फिर गरीब आदमी ऑनलाइन टिकट कैसे बुक कर पाएंगे? भारतीय रेल गरीब-गुरबा की सवारी मानी जाती है. ऐसे में यह फैसला गरीब यात्रियों के ऊपर बोझ है.

Intro:पटना- देश में 1 सितंबर से ऑनलाइन रेल टिकट लेने पर सर्विस चार्ज में इजाफा किया गया है जिसको लेकर रेल यात्रियों में नाराजगी है. पहले भी ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर ₹10 तक सर्विस चार्ज लगता था लेकिन 1 सितंबर से स्लीपर में रिजर्वेशन के लिए प्रति व्यक्ति अतिरिक्त ₹15 और एसी में रिजर्वेशन के लिए प्रति व्यक्ति ₹30 की बढ़ोतरी की गई है. पहले जहां पटना जंक्शन पर रिजर्वेशन टिकट काउंटर हॉल में सभी टिकट खिड़की पर मुश्किल से ही लोग मिल पाते थे वहीं अब काउंटर टिकट लेने वालों की भी संख्या बढ़ने लगी है.


Body:टिकट खिड़की की भीड़ कम करने के लिए रेलवे कई प्रकार के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म यात्रियों को मुहैया करा रहा है ताकि लोग टिकट खिड़की पर भीड़ ना लगाएं और बैठे बैठे मोबाइल से टिकट ले ले. लेकिन सरकार लगातार ऑनलाइन टिकट के सर्विस चार्ज में वृद्धि कर रही है जिसके कारण यह सवाल उठता है कि क्या सच में टिकट खिड़की के पास का भीड़ कम हो पाएगा. जिन यात्रियों को अपने परिवार के साथ यात्रा करना है और छह-सात रिजर्वेशन कराने हैं वह टिकट काउंटर पर आकर टिकट ले लेना मुनासिब समझ रहे हैं क्योंकि इस कारण उनके 300 से 400 रुपए तक की बचत हो रही है.


Conclusion:टिकट काउंटर पर टिकट ले रहे यात्रियों ने कहां की सरकार को चाहिए कि जो काउंटर पर टिकट का दर है वही ऑनलाइन टिकट का भी दर होना चाहिए. अगर इतना ज्यादा सर्विस चार्ज सरकार लेगी तो फिर गरीब आदमी ऑनलाइन टिकट कैसे बुक कर पाएंगे. गरीब जनता ऑनलाइन बुकिंग के बजाय काउंटर से टिकट लेना ज्यादा पसंद करेगी. यात्रियों ने कहा कि सरकार के ऑनलाइन टिकट में सर्विस टैक्स की बढ़ोतरी के फैसले से टिकट काउंटरों पर भीड़ बढ़ेगी. यात्रियों ने कहा की कितना भी डिजिटल टिकट के प्रति प्रेरित किया जाए लेकिन सबसे बेहतर टिकट लेने का जरिया आज भी काउंटर टिकट ही है क्योंकि गलती से यात्रियों की ट्रेन छूट जाती है तो कुछ पैसे काट कर उसका रिफंड भी हो जाता है. यात्रियों ने कहा कि इतना ज्यादा सर्विस टैक्स प्रति टिकट लेना बहुत ही गलत है. भारतीय रेल गरीब गुरबा की सवारी भी मानी जाती है और यह फैसला गरीब यात्रियों के ऊपर बोझ है.
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