पटना: राजधानी पटना में ग्लोबल प्रोग्राम इंडिया (Global Program India) के तत्वाधान में बिहार में खाद्य सुरक्षा (Food Security) और पोषण में सुधार के लिए राज्य स्तरीय परामर्श और प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया है. तीन दिवसीय इस कार्यशाला का उदेश्य बिहार में सरकारी खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम को समझने, प्रतिभागी कौशल को मजबूत करने और हाशिये पर पड़े समुदाय के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में नेटवर्क और केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालयों, सीएसओ की भूमिका और अभिसरण को समझना है.
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इस कार्यक्रम का एक अन्य उद्देश्य बिहार में खाद्य सुरक्षा और पोषण कार्यक्रम में सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं, सीएसओ, जीओएस और एनजीओ द्वारा सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने पर रणनीतिक सोच तैयार करने के साथ खाद्य सुरक्षा और पोषण में सुधार का मार्ग ढूंढने की दिशा में गंभीर चिंतन करना है. विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के इस कार्यशाला का उद्गाटन राज्य खाद्य आयोग के चेयरमैन विद्यानंद विकल ने किया.
इस कार्यशाला में गंभीर चिंतन के बाद यह तय हुआ है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत बिहार में जिस 86 प्रतिशत जनता को अनाज मिलना है, उसे सही ढंग से अनाज मिल सके. इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएं. सरकार को यह परामर्श दिया गया है कि एससी/एसटी को सबसे पहले पूर्ण रूप से शामिल किया जाए और उसे एक कार्ड दे दिया जाए ताकि उन्हें अनाज मिलने में परेशानी नहीं हो.
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इसके अलावा कोरोना संक्रमण के बाद बदले हालात में अब आंगनबाड़ी केन्द्रों और मध्याह्न भोजन के कार्यक्रम को बेहतर बनाया जाए. बता दें कि इस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है. सबकी एक राय है कि राज्य में मातृत्व सुरक्षा योजना को भी बेहतर बनाने की जरूरत है. साथ ही लोगों को सही पोषण मिल सके इसके लिए जरूरी है कि हर लाभुक परिवार को दाल और तेल भी मुहैया कराया जाए.