पटना: मोकामा विधायक अनंत सिंह को दिल्ली से बिहार लाने गई बाढ़ एएसपी लिपि सिंह के एमपी का स्टीकर लगा जदयू विधान पार्षद की गाड़ी का उपयोग करने पर राजनीति गरमा गई है. एक तरफ विपक्षी नेता लिपि सिंह पर सवाल उठा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ जदयू लिपि सिंह के बचाव में उतर आई है.
बता दें कि विधायक अनंत सिंह को लाने गई एएसपी लिपि सिंह दिल्ली में जिस गाड़ी में घूमती रहीं, वह बिहार के सत्तारूढ़ पार्टी जदयू के एक विधान पार्षद की है. एमएलसी की गाड़ी के ऊपर एमपी का स्टीकर लगा हुआ था जो पूरी तरह से अवैध था. मामले में विपक्ष अब लिपि सिंह के साथ जदयू पर भी सवाल उठा रहा है.
आरजेडी ने उठाये सवाल
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि ये सरासर गलत है. प्रवक्ता ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिये कि गाड़ी किसी और की है और गाड़ी पर लगा स्टीकर किसी राज्यसभा सांसद का है. मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जिस जदयू सांसद की गाड़ी है उसे भी स्पष्टीकरण देना होगा.
कांग्रेस ने की जांच की मांग
वहीं, कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि अनंत सिंह के मामले में कानून को अपना काम करने देना चाहिये. लेकिन सत्तारूढ़ दल की एक गाड़ी से एएसपी लिपि सिंह का कोर्ट परिसर में जाना बहुत ही निंदनीय है. कांग्रेस नेता ने मांग की है कि उक्त अधिकारी को इस बात पर सफाई देनी चाहिये. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मामले में जांच की मांग करती है.
जदयू ने किया बचाव
विपक्ष के आरोपों के बाद जदयू लिपि सिंह के बचाव में उतर आई है. जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि अनंत सिंह पर एक बहुत बड़ी कार्रवाई के बाद पुलिस को उपलब्धि मिली है लेकिन विपक्ष इसे बयानबाजी के माध्यम से गौण कर देना चाहता है. विपक्ष हमेशा से ही अनंत सिंह को लेकर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि पुलिस के लगातार दबिश के कारण दिल्ली के साकेत कोर्ट में बाहुबली विधायक अनंत सिंह ने अपनी गिरफ्तारी दे दी.
आरजेडी को दिखाया आईना
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि विपक्ष को इसकी सराहना करनी चाहिए और अनावश्यक सवालों से बचना चाहिए. जदयू प्रवक्ता ने आरजेडी को आईना दिखाते हुए कहा कि आरजेडी को अपना शासनकाल याद करना चाहिए, जब अपहरण के मामले सत्ता के शीर्ष से निपटाए जाते थे. जिलों में एसपी और डीएम की जगह पार्टी के वर्कर काम करते थे. उनके संरक्षण में सभी अपराध होते थे.