पटना: कोरोना वायरस संकट के बीच केंद्र सरकार ने 31 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है. वहीं, इस फैसले के साथ ही कई लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है. लोगों का कहना है कि उनकी स्थिति बद से बदतर हो गई है. पास ने रुपये बचे हैं और न ही खाने को राशन. ऐसे हालात में वे क्या करे समझ नहीं आ रहा है.
घर चलाने में हो रही परेशानी
इस बारे में फिटनेस ट्रेनर अमित कुमार शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के बढ़ने से हमारी दिक्कतें बढ़ गई हैं. सरकार की तरफ कोई मदद भी नहीं मिल रही है. आखिर सरकार कब तक लॉकडाउन लागू रहेगा. हमारे पास कुछ भी नहीं बचा है. सरकार ने कहा था कि ईएमआई नहीं लिया जाएगा, लेकिन बैंक खाते से वह भी राशि काट ली गई. मेरे खाते में सिर्फ 127 रुपये बचे हैं. इसमें हमारा घर कैसे चलेगा.
'सरकार से नहीं मिल रही कोई मदद'
वहीं, एनजीओ संचालक अरविंद कुमार ने कहा कि शुरू में तो किसी तरीके से घर परिवार चला रहे थे. लेकिन अब काफी समस्या हो रही है जो बचे कुचे पैसे थे वह खत्म हो गए हैं. कामकाज ठप है. करे तो क्या करें. आमदनी का स्रोत बंद हो गया है और खर्चे दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं. बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, घर का खर्चा सब कैसे चलेगा. अब लगता है कि भूखमरी की स्थिति आने वाली है क्योंकि हमारे पास जो भी बचा हुआ था वह सब समाप्ति के कगार पर है और सरकार कोई मदद नहीं कर रही.
बढ़ रहीं परेशानियां
वहीं, मुरारी ने बताया कि की परेशानियां दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं. शुरू में तो हमने किसी तरीके से सब मैनेज कर लिया, लेकिन अब क्या करेंगे समझ नहीं आ रहा है. सभी कामकाज ठप है. कमाई का कोई स्रोत नहीं है. लॉकडाउन जैसे-जैसे से बढ़ रहा है परेशानियां वैसे-वैसे बढ़ती जा रही हैं.
कामकाज हो नहीं रहा है और खर्चे भी बढ़ रहे हैं. कैसे घर परिवार चलेगा, क्या खाएंगे कुछ पता नहीं.