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Phulwari Sharif Terror Module: UAPA के तहत केस दर्जकर PFI कनेक्शन की जांच में जुटी NIA - NIA slaps UAPA in Phulwari Sharif Terror Module

गृह मंत्रालय के काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन डिवीजन की ओर से जारी आदेश के बाद भारतीय दंड संहिता और गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केस (NIA registers case under UAPA) दर्ज किया गया है. केंद्रीय एजेंसी युवाओं को जेहादी ट्रेनिंग देने से लेकर कई जिलों में उनके चलने वाले कार्यालय के खर्च सहित कई बिंदुओं पर उनकी आय का पता लगा रही है. यह पैसा हवाला से दूसरे देशों से पहुंचने की आशंका जतायी गयी थी.

फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल में यूएपीए के तहत केस दर्ज
फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल में यूएपीए के तहत केस दर्ज
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Published : Jul 24, 2022, 1:38 PM IST

पटना: फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल (Phulwari Sharif Terror Module) मामले में गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए (NIA) ने जांच शुरू कर दी है. एनआईए ने इस मामले को यूएपीए के तहत दर्ज किया है. यूएपीए वैसे व्यक्ति या संगठन के खिलाफ लगाया जाता है, जिन पर आतंकी या उग्रवादी गतिविधि में शामिल होने का संदेह होता है. एनआईए के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार एनआईए फुलवारी शरीफ मामले में पीएफआई (PFI) से जुड़े मामले की छानबीन करेगी. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस मामले में कट्टरपंथी संगठन पीएफआई, एसडीपीआई और प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) की बड़ी भूमिका को देखते हुए एनआईए ने इस केस को अपने हाथ में लिया है.

ये भी पढ़ें: Phulwari Sharif Terror Module: मुजफ्फरपुर में ATS का छापा, कई होटलों में ली तलाशी

फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल में यूएपीए के तहत केस दर्ज: मिल रही जानकारी के अनुसार एनआईए शनिवार को पटना पहुंची है और इससे जुड़ी एटीएस से और बिहार पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों पर अध्ययन कर रही है. यही नहीं मिल रही जानकारी के अनुसार अब तक किए गए कि गिरफ्तार आतंकी कनेक्शन के लोगों को एनआईए फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है. एनआईए अब जांच के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से मिले दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणों के आधार पर दूसरे राज्यों और देशों के कट्टरपंथियों के साथ उनके संबंधों को खंगालेगी. हालांकि विशेष सूत्रों से यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि अब तक यूपी, राजस्थान, कर्नाटक और केरल राज्यों के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन समेत अन्य देशों से उनके लिंक का पता चला है.

पीएफआई और एसडीपीआई की फंडिंग की जांच: इसके साथ ही एनआईए 'गजवा ए हिंद' और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए आतंक फैलाने कि उनके मंसूबों और लिंक की तलाश में जुट गई है. एनआईए के अलावे इस मामले में केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय की टीम पहले से ही पीएमएलए एक्ट के तहत पीएफआई और एसडीपीआई की फंडिंग की जांच कर रही है. यही नहीं केंद्रीय एजेंसी मुस्लिम युवाओं को जिहादी ट्रेनिंग देने से लेकर कई जिलों में उनके चलने वाले कार्यालयों के खर्च सहित कई बिंदुओं पर उनकी आय का पता लगा रही है. उम्मीद जताई जा रही है उन्हें पैसे दूसरे देशों से हवाला के जरिए पहुंच रही है.

आपको बता दें कि पटना पुलिस ने पटना बेऊर जेल से जंगी और अलाउद्दीन को 48 घंटे के रिमांड पर लिया है. इन दोनों से अलग-अलग कर पूछताछ की गई है. जिसमें कई तरह के जलालुद्दीन के तरफ से खुलासे भी हुए हैं. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इन दोनों से पीएफआई और एसडीपीआई की आर्मी युवकों को ट्रेनिंग देने और अन्य तरह के काम करने के लिए फंडिंग के बारे में पूछताछ की गई है. यही नहीं यह भी पूछा गया कि दोनों किस तरह इस संगठन से जुड़े हैं और इसका मकसद क्या था. वहीं मिल रही जानकारी के अनुसार फुलवारी शरीफ के पीएफआई मॉड्यूल मामले की जांच में पटना पुलिस और एसआईटी के तरफ से फरार चल रहे 22 संदिग्धों की तलाश में बिहार के 11 जिलों के दर्जनों स्थानों पर छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है. हालांकि इस मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है.

ये भी पढ़ें: सिवान का आतंकी कनेक्शन! सच का पता लगाने के लिए जम्मू-कश्मीर से आई NIA टीम ने की महिला से पूछताछ

पटना: फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल (Phulwari Sharif Terror Module) मामले में गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए (NIA) ने जांच शुरू कर दी है. एनआईए ने इस मामले को यूएपीए के तहत दर्ज किया है. यूएपीए वैसे व्यक्ति या संगठन के खिलाफ लगाया जाता है, जिन पर आतंकी या उग्रवादी गतिविधि में शामिल होने का संदेह होता है. एनआईए के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार एनआईए फुलवारी शरीफ मामले में पीएफआई (PFI) से जुड़े मामले की छानबीन करेगी. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस मामले में कट्टरपंथी संगठन पीएफआई, एसडीपीआई और प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) की बड़ी भूमिका को देखते हुए एनआईए ने इस केस को अपने हाथ में लिया है.

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फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल में यूएपीए के तहत केस दर्ज: मिल रही जानकारी के अनुसार एनआईए शनिवार को पटना पहुंची है और इससे जुड़ी एटीएस से और बिहार पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों पर अध्ययन कर रही है. यही नहीं मिल रही जानकारी के अनुसार अब तक किए गए कि गिरफ्तार आतंकी कनेक्शन के लोगों को एनआईए फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है. एनआईए अब जांच के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से मिले दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणों के आधार पर दूसरे राज्यों और देशों के कट्टरपंथियों के साथ उनके संबंधों को खंगालेगी. हालांकि विशेष सूत्रों से यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि अब तक यूपी, राजस्थान, कर्नाटक और केरल राज्यों के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन समेत अन्य देशों से उनके लिंक का पता चला है.

पीएफआई और एसडीपीआई की फंडिंग की जांच: इसके साथ ही एनआईए 'गजवा ए हिंद' और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए आतंक फैलाने कि उनके मंसूबों और लिंक की तलाश में जुट गई है. एनआईए के अलावे इस मामले में केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय की टीम पहले से ही पीएमएलए एक्ट के तहत पीएफआई और एसडीपीआई की फंडिंग की जांच कर रही है. यही नहीं केंद्रीय एजेंसी मुस्लिम युवाओं को जिहादी ट्रेनिंग देने से लेकर कई जिलों में उनके चलने वाले कार्यालयों के खर्च सहित कई बिंदुओं पर उनकी आय का पता लगा रही है. उम्मीद जताई जा रही है उन्हें पैसे दूसरे देशों से हवाला के जरिए पहुंच रही है.

आपको बता दें कि पटना पुलिस ने पटना बेऊर जेल से जंगी और अलाउद्दीन को 48 घंटे के रिमांड पर लिया है. इन दोनों से अलग-अलग कर पूछताछ की गई है. जिसमें कई तरह के जलालुद्दीन के तरफ से खुलासे भी हुए हैं. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इन दोनों से पीएफआई और एसडीपीआई की आर्मी युवकों को ट्रेनिंग देने और अन्य तरह के काम करने के लिए फंडिंग के बारे में पूछताछ की गई है. यही नहीं यह भी पूछा गया कि दोनों किस तरह इस संगठन से जुड़े हैं और इसका मकसद क्या था. वहीं मिल रही जानकारी के अनुसार फुलवारी शरीफ के पीएफआई मॉड्यूल मामले की जांच में पटना पुलिस और एसआईटी के तरफ से फरार चल रहे 22 संदिग्धों की तलाश में बिहार के 11 जिलों के दर्जनों स्थानों पर छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है. हालांकि इस मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है.

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