पटना: बिहार में बुधवार को महागठबंधन की सरकार ने शपथ ले लिया है ( Magahagathbandhan Government In Bihar). मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि 16 अगस्त को मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा. नए नीतीश कैबिनेट में मंत्रियों का अनुपात ठीक वैसा ही देखने को मिल सकता है जैसा कि 2015 में था. राजद समेत महागठबंधन के तमाम दलों को विभाग आवंटित किए जाएंगे जो पूर्व में बीजेपी के पास थे. क्योंकि पिछली बार भी वैसा ही हुआ था. 2015 में जब महागठबंधन और जदयू की सरकार थी और उसके बाद महागठबंधन और जदयू के रास्ते अलग हुए तो राजद के पास जितने विभाग थे. वह बीजेपी को दे दिए गए थे. राजद सूत्रों की मानें तो इस बार भी राजद के पास कुछ वैसे अहम विभाग जरूर आ सकते हैं. जिस पर अभी पार्टी स्तर पर तैयारी भी चल रही है. हालांकि मिली जानकारी के अनुसार महागठबंधन में शामिल तमाम दलों के बीच कुछ अन्य अहम विभाग को विधायकों की संख्या के अनुपात में बांटा जा सकता है.
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अहम विभाग आरजेडी अपने पास रखेगी: पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एवं राजद के हिस्से में वैसे तमाम में विभाग आ सकते हैं जो 2015 में राजद के पास थे. मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य, वित्त, कृषि, सहकारिता, पथ निर्माण, पशुपालन, राजस्व भूमि सुधार, श्रम संसाधन, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, उद्योग और पर्यावरण जैसे अहम विभाग राजद को मिल सकते हैं. पार्टी के नेताओं का कहना है कि ज्यादातर विभाग पहले से राजद के पास रह चुके हैं, इसलिए उन विभागों पर राजद का दावा बनता है. खास बात यह है कि पथ निर्माण जैसा अहम विभाग डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव खुद अपने पास रख सकते हैं. पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि इन विभागों के मिलने के बाद एक प्रोग्राम के मुताबिक काम किया जाएगा. परफॉर्मेंस का उसमें बहुत ख्याल रखा जाएगा. ताकि जनोपयोगी योजनाओं को लाया जा सके और उस ज्यादा से ज्यादा जनता को उसका फायदा मिल सके.
कांग्रेस और हम को भी मिलेगा मंत्रिमंडल: मिली जानकारी के अनुसार अभी विधानसभा उपाध्यक्ष के रूप में जदयू के महेश्वर हजारी हैं. ऐसे में राजद को विधानसभा उपाध्यक्ष का पद भी मिल सकता है. जानकारी के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस के खाते में जा सकता है. बीजेपी के कोटे वाले कुछ विभागों में से कुछ अहम विभाग कांग्रेस और हम के बीच में भी बांटे जा सकते हैं. लेकिन इतना तो तय है कि ज्यादातर अहम विभाग राजद के पास ही रहेंगे. राजद के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि विभाग के बंटवारे को लेकर अंतिम निर्णय राजद के शीर्ष नेतृत्व के द्वारा ही लिए जाएंगे. जिसमें कोशिश यह होगी कि योग्यता और वरिष्ठता के अनुसार विधायकों के बीच में मंत्रिमंडल का दायित्व सौंपा जाए.
लालू के विश्वासपात्र विधायकों को होगा फायदा: जदयू के पुराने 12 मंत्री पद मिलना तय माना जा रहा है. इसमें से कुछ मंत्री बदले भी जा सकते हैं लेकिन अधिकांश पुराने ही रिपीट होने की संभावना है. राजद की तरफ से मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले बड़े चेहरे में वैसे नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं. ये शुरू से ही पार्टी और लालू परिवार के प्रति काफी निष्ठावान रहे हैं. इन नामों में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे और हसनपुर विधायक तेज प्रताप यादव के साथ ही पार्टी के प्रदेश प्रधान महासचिव आलोक मेहता और मुख्य प्रवक्ता भाई बीरेंद्र का नाम भी शामिल है. इसके अलावा पार्टी के कोषाध्यक्ष और लालू परिवार के नजदीकी सुनील सिंह का नाम भी संभावित मंत्रिमंडल सहयोगियों के नाम में शामिल है.
जेडीयू के 12 पुराने मंत्रियों का नाम तय: इन नामों के अलावा अन्य नामों में वीणा देवी, अनिल सहनी, समीर सेठ कार्तिक सिंह के अलावा हाल ही में एआईएमआईएम से राजद में शामिल हुए 4 विधायकों में से 2 विधायक मंत्रिमंडल में सहयोगी बन सकते हैं. वहीं जदयू की तरफ से इस बात की पूरी संभावना है कि बीजेपी गठबंधन के साथ जब सरकार थी तो उस वक्त सरकार में जदयू कोटे से शामिल कई मंत्रियों को वापस मंत्रिमंडल में रखा जा सकता है. इसमें सीएम नीतीश कुमार के वरिष्ठ सहयोगी और नजदीकी विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार शामिल हैं. इसके अलावा जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का नाम भी मंत्रिमंडल के सहयोगी के रूप में सामने आ रही है. दूसरी तरफ महागठबंधन की एक अन्य प्रमुख सहयोगी दल कांग्रेस के कोटे से डॉक्टर मदन मोहन झा, अजीत शर्मा, शकील अहमद खान और राजेश राम का नाम मंत्री बनने को लेकर चर्चा है.