पटना: 30 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर कोरोना के कहर के कारण बिहार लौट चुके हैं. प्रवासी मजदूरों को रोजगार देना बिहार सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. इसी बीच पीएम मोदी ने 'गरीब कल्याण रोजगार योजना' की शुरुआत हुई है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को लेकर एनडीए के नेता खासा उत्साहित हैं.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में बिहार के 32 जिले को शामिल किया गया है. जानकारी के अनुसार लगभग 30 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर बिहार आ चुके हैं. मजदूरों को रोजगार देने के लिए बिहार सरकार लगातार योजना बना रही है. 'गरीब कल्याण योजना' मजदूरों के लिए वरदान साबित होने वाली है. साथ ही इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होने की उम्मीद है.
क्या कहते हैं बीजेपी और जेडीयू के नेता
बीजेपी विधायक अनिल कुमार ने कहा है कि 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना' की शुरुआत खगड़िया से हुई है और बिहार के 32 जिले में शामिल किए गए हैं. इसके लिए मैं प्रधानमंत्री को साधुवाद देता हूं. योजना से बिहार विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा और यह भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होने वाला है.
वहीं, जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए बिहार सरकार कई योजनाएं चला रही हैं. उन्होंने कहा कि 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना' की शुरुआत हुई है. तो इस बात की पूरी उम्मीद है कि केंद्र और राज्य के प्रयास से प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिल सकेगा और बिहार तरक्की की राह पर आगे बढ़ेगा.