पटना: राजधानी पटना में नाबार्ड ने राज्य क्रेडिट सेमिनार का आयोजन किया. यह कार्यक्रम होटल मौर्या में रखा गया, जिसमें राज्य के फोकस पेपर 2023-24 का मुख्य अतिथि के तौर पर आए वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी (Finance Minister Vijay Kumar Chowdhary) के द्वारा अनावरण किया गया. इस मौके पर नाबार्ड के अधिकारी कर्मचारी और बैंक अधिकारियों के द्वारा दीप प्रज्वलन करके राज्य ऋण संगोष्ठी कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया.
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ऋण प्रवाह संकलन 2024: राज्य फोकस पेपर जिसका राज्य के सभी 38 जिलों के लिए मूल्यांकन किया गया. ऋण प्रवाह के संकलन 2024 के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र के अंतर्गत कुल 2,03,139 करोड़ रुपए के ऋण प्रवाह का अनुमान है. संभावित अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के प्राथमिकता आधारित दिशा निर्देश केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों तथा ग्रामीण विकास की नीतियों को ध्यान में रखते हुए किया गया है. वर्ष 2023-24 के लिए ऋण क्षमता का अनुमान लगाया गया है. 94,150 करोड़ों जिसमें अल्पकालिक और दीर्घकालिक ऋण के लिए 53,11 करोड़ और 41,039 करोड़ के लिए संभवत दर्शाई गई है.
बिहार का सीडी रेशियो: नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक सुनील कुमार ने जानकारी दी कि 31 मार्च से 2022 की स्थिति के अनुसार 52.96 सीडी रेशियो के साथ बिहार राज्य न्यूनतम सीडी रेशियो वाले राज्य में वर्गीकृत है. वहीं राज्य में 38 में से 28 जिलों को क्रेडिट डिफिशिएट जिलों के रूप में वर्गीकृत किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रति व्यक्ति ऋण 6000 से कम है. उन्होंने बैंक से आग्रह किया कि राज्य फोकस पेपर में कृष और संबंध क्षेत्र के साथ एमएसएमई और अन्य क्षेत्रों में लक्ष्य प्राप्त करने लिए तैयार रहे.
"31 मार्च से 2022 की स्थिति के अनुसार 52.96 सीडी रेशियो के साथ बिहार राज्य न्यूनतम सीडी रेशियो वाले राज्य में वर्गीकृत है. वहीं राज्य में 38 में से 28 जिलों को क्रेडिट डिफिशिएट जिलों के रूप में वर्गीकृत किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रति व्यक्ति ऋण 6000 से कम है."-सुनील कुमार, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड
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