पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिट्टी-चोखा खाने के बाद से बिहार में सियासत तेज हो गई है. उनके लिट्टी चोखा खाने के बाद राजनीतिक दलों के बीच श्रेय लेने की होड़ लग गई है और दावों का दौर शुरू हो गया है. आरजेडी ने दावा किया है कि जब बिहार में चुनाव करीब आता है, तो प्रधानमंत्री को बिहार और बिहारी व्यंजन की याद आती है. पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि पूरा देश जानता है कि लिट्टी-चोखे को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का काम लालू प्रसाद यादव ने किया.
'जनता बिगाड़ देगी जायका'
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में ही रेलवे स्टेशनों पर लिट्टी-चोखा मिलना शुरू हुआ. चुनावी फायदा लेने के लिए प्रधानमंत्री ने लिट्टी-चोखा खाया है. लेकिन बिहार की जनता उनका जायका बिगाड़ देगी. वहीं, बीजेपी नेताओं ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने लिट्टी-चोखा खाया तो बिहारी व्यंजन की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान हो गई. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि आरजेडी नेताओं को हर चीज पर सियासत करने की आदत हो गई है. प्रधानमंत्री ने स्वाभाविक तौर पर लिट्टी खाया है.
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'लिट्टी चोखा के नहीं है सियासी मायने'
इस मामले पर जेडीयू ने भी राजद पर निशाना साधा है. पार्टी प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने लिट्टी चोखा है खाया तो, उसके कुछ सियासी मायने नहीं है. इससे लिट्टी-चोखे को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है और नीतीश कुमार का सपना भी सच हुआ है.