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कोरोना के खिलाफ हम कितने तैयार? IGIMS में COVID 19 का मॉक ड्रिल

कोरोना का नया वेरिएंट BF7 (New Corona Variant BF7) लोगों के लिए दहशत बनकर सामने आया है. इसे लेकर सरकार अभी से चौकन्ना हो गई है. बिहार में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर जांच की प्रक्रिया बढ़ा दी गई है. पटना के IGIMS में इसे लेकर खास मॉक ड्रिल किया गया. आगे पढ़ें पूरी खबर...

IGIMS में कोरोना के लिए मॉक ड्रिल
IGIMS में कोरोना के लिए मॉक ड्रिल
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Published : Dec 27, 2022, 2:15 PM IST

Updated : Dec 27, 2022, 3:03 PM IST

पटना IGIMS में मॉक ड्रिल

पटना: बिहार में कोरोना के नए वेरिएंट (New variants of Corona in Bihar) को लेकर तैयारियां जोरों पर है. संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार के दिशा निर्देश पर प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार को मॉक ड्रिल हुआ. इसको लेकर आईजीआईएमएस के इमरजेंसी के पास बनाए गए कोरोना के लिए डेडीकेटेड 15 बेड के वार्ड में एंबुलेंस से एक डमी मरीज को लाया गया. एंबुलेंस से उतारने के बाद मरीज को कोरोना वार्ड में ले जाया गया जहां सबसे पहले कोरोना जांच की गई और उसे वेंटिलेटर युक्त बेड पर लिटाया गया. इसके बाद इलाज की बाकी प्रक्रिया शुरू की गई.

पढ़ें- लापरवाही! कोरोना की आहट के बीच पटना एयरपोर्ट पर यात्री नहीं करवा रहे कोविड जांच



कोरोना वार्ड में है पूरी व्यवस्था: कोरोना वार्ड में पीपीई किट पहने हुए मौजूद प्रवीण कुमार ने बताया कि वह टेक्नीशियन है और उनकी ड्यूटी कोरोना वार्ड में लगाई गई है. जहां उनका काम है कि वेंटीलेटर मशीन को रेगुलेट करना. गंभीर मरीज आता है तो चिकित्सकों के निर्देश पर जो भी मशीन को जिस लेवल पर रखना है वह उसे उस लेवल पर रखते हैं और कोरोना वार्ड में हाइजीन की पूरी व्यवस्था है. अंदर जो भी स्वास्थ्य कर्मी आएंगे पीपीई कीट पहनकर आएंगे. वार्ड के अंदर सभी 15 बेड वेंटीलेटर युक्त है और ऑक्सीजन पाइप लाइन की पूरी व्यवस्था है.

"मैं टेक्नीशियन हूं और मेरी ड्यूटी कोरोना वार्ड में लगाई गई है. जहां मेरा काम है वेंटीलेटर मशीन को रेगुलेट करना. गंभीर मरीजों को मशीन को चिकित्सकों के निर्देश पर जिस लेवल पर रखना है मैं उसे उस लेवल पर रखता हूं. कोरोना वार्ड में हाइजीन की पूरी व्यवस्था है. अंदर जो भी स्वास्थ्य कर्मी आएंगे पीपीई कीट पहनकर आएंगे. वार्ड के अंदर सभी 15 बेड वेंटीलेटर युक्त है और ऑक्सीजन पाइप लाइन की पूरी व्यवस्था है."-प्रवीण कुमार, टेक्नीशियन

अस्पताल में है भरपूर ऑक्सीजन की व्यवस्था: अस्पताल के कोरोना वार्ड के नोडल ऑफिसर और प्रभारी अधीक्षक डॉक्टर अमन कुमार ने बताया कि अस्पताल में कोरोना के संभावित लहर को देखते हुए पूरी तैयारी है. फिलहाल 15 बेड का डेडीकेटेड वार्ड बनाया गया है और मरीजों की संख्या बढ़ती है तो इसे 450 दिन तक आगे बढ़ाया जा सकता है. अस्पताल में सभी बेड पर पाइप लाइन से ऑक्सीजन सप्लाई की पूरी व्यवस्था है. अस्पताल में 20000 लीटर क्षमता का क्रायोजेनिक ऑक्सीजन प्लांट सक्रिय है इसके साथ साथ पीएसए प्लांट भी सक्रिय है और अभी के समय अस्पताल में इतनी मात्रा में ऑक्सीजन स्टोर है कि अस्पताल के सभी बेड पर पूरी क्षमता से 15 दिनों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सकती है. प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ भी मौजूद है और अभी पैनिक की बिल्कुल भी स्थिति नहीं है. अस्पताल में कोरोना सैपल के जीनोम सीक्वेंसिंग की भी व्यवस्था है जहां पॉजिटिव सैंपल की जिनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है और उसका वैरीअंट पता लगाया जा रहा है.


"अस्पताल में कोरोना के संभावित लहर को देखते हुए पूरी तैयारी है. फिलहाल 15 बेड का डेडीकेटेड वार्ड बनाया गया है और मरीजों की संख्या बढ़ती है तो इसे 450 दिन तक आगे बढ़ाया जा सकता है. अस्पताल में सभी बेड पर पाइप लाइन से ऑक्सीजन सप्लाई की पूरी व्यवस्था है. अस्पताल में 20000 लीटर क्षमता का क्रायोजेनिक ऑक्सीजन प्लांट सक्रिय है इसके साथ साथ पीएसए प्लांट भी सक्रिय है और अभी के समय अस्पताल में इतनी मात्रा में ऑक्सीजन स्टोर है कि अस्पताल के सभी बेड पर पूरी क्षमता से 15 दिनों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सकती है." -डॉ. अमन कुमार, प्रभारी अधीक्षक, आईजीआईएमएस

पढ़ें-पटना एयरपोर्ट पर यात्री बरत रहे लापरवाही, बिना कोरोना टेस्ट कराए बाहर निकल जाते हैं कई लोग

कोरोना के खिलाफ हम कितने तैयार? IGIMS में COVID 19 का मॉक ड्रिल
पटना IGIMS में मॉक ड्रिल

पटना: बिहार में कोरोना के नए वेरिएंट (New variants of Corona in Bihar) को लेकर तैयारियां जोरों पर है. संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार के दिशा निर्देश पर प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार को मॉक ड्रिल हुआ. इसको लेकर आईजीआईएमएस के इमरजेंसी के पास बनाए गए कोरोना के लिए डेडीकेटेड 15 बेड के वार्ड में एंबुलेंस से एक डमी मरीज को लाया गया. एंबुलेंस से उतारने के बाद मरीज को कोरोना वार्ड में ले जाया गया जहां सबसे पहले कोरोना जांच की गई और उसे वेंटिलेटर युक्त बेड पर लिटाया गया. इसके बाद इलाज की बाकी प्रक्रिया शुरू की गई.

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कोरोना वार्ड में है पूरी व्यवस्था: कोरोना वार्ड में पीपीई किट पहने हुए मौजूद प्रवीण कुमार ने बताया कि वह टेक्नीशियन है और उनकी ड्यूटी कोरोना वार्ड में लगाई गई है. जहां उनका काम है कि वेंटीलेटर मशीन को रेगुलेट करना. गंभीर मरीज आता है तो चिकित्सकों के निर्देश पर जो भी मशीन को जिस लेवल पर रखना है वह उसे उस लेवल पर रखते हैं और कोरोना वार्ड में हाइजीन की पूरी व्यवस्था है. अंदर जो भी स्वास्थ्य कर्मी आएंगे पीपीई कीट पहनकर आएंगे. वार्ड के अंदर सभी 15 बेड वेंटीलेटर युक्त है और ऑक्सीजन पाइप लाइन की पूरी व्यवस्था है.

"मैं टेक्नीशियन हूं और मेरी ड्यूटी कोरोना वार्ड में लगाई गई है. जहां मेरा काम है वेंटीलेटर मशीन को रेगुलेट करना. गंभीर मरीजों को मशीन को चिकित्सकों के निर्देश पर जिस लेवल पर रखना है मैं उसे उस लेवल पर रखता हूं. कोरोना वार्ड में हाइजीन की पूरी व्यवस्था है. अंदर जो भी स्वास्थ्य कर्मी आएंगे पीपीई कीट पहनकर आएंगे. वार्ड के अंदर सभी 15 बेड वेंटीलेटर युक्त है और ऑक्सीजन पाइप लाइन की पूरी व्यवस्था है."-प्रवीण कुमार, टेक्नीशियन

अस्पताल में है भरपूर ऑक्सीजन की व्यवस्था: अस्पताल के कोरोना वार्ड के नोडल ऑफिसर और प्रभारी अधीक्षक डॉक्टर अमन कुमार ने बताया कि अस्पताल में कोरोना के संभावित लहर को देखते हुए पूरी तैयारी है. फिलहाल 15 बेड का डेडीकेटेड वार्ड बनाया गया है और मरीजों की संख्या बढ़ती है तो इसे 450 दिन तक आगे बढ़ाया जा सकता है. अस्पताल में सभी बेड पर पाइप लाइन से ऑक्सीजन सप्लाई की पूरी व्यवस्था है. अस्पताल में 20000 लीटर क्षमता का क्रायोजेनिक ऑक्सीजन प्लांट सक्रिय है इसके साथ साथ पीएसए प्लांट भी सक्रिय है और अभी के समय अस्पताल में इतनी मात्रा में ऑक्सीजन स्टोर है कि अस्पताल के सभी बेड पर पूरी क्षमता से 15 दिनों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सकती है. प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ भी मौजूद है और अभी पैनिक की बिल्कुल भी स्थिति नहीं है. अस्पताल में कोरोना सैपल के जीनोम सीक्वेंसिंग की भी व्यवस्था है जहां पॉजिटिव सैंपल की जिनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है और उसका वैरीअंट पता लगाया जा रहा है.


"अस्पताल में कोरोना के संभावित लहर को देखते हुए पूरी तैयारी है. फिलहाल 15 बेड का डेडीकेटेड वार्ड बनाया गया है और मरीजों की संख्या बढ़ती है तो इसे 450 दिन तक आगे बढ़ाया जा सकता है. अस्पताल में सभी बेड पर पाइप लाइन से ऑक्सीजन सप्लाई की पूरी व्यवस्था है. अस्पताल में 20000 लीटर क्षमता का क्रायोजेनिक ऑक्सीजन प्लांट सक्रिय है इसके साथ साथ पीएसए प्लांट भी सक्रिय है और अभी के समय अस्पताल में इतनी मात्रा में ऑक्सीजन स्टोर है कि अस्पताल के सभी बेड पर पूरी क्षमता से 15 दिनों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सकती है." -डॉ. अमन कुमार, प्रभारी अधीक्षक, आईजीआईएमएस

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Last Updated : Dec 27, 2022, 3:03 PM IST
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