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ऑटिज्म को लेकर बोले मंत्री मदन सहनी - इससे ग्रसित किसी को भी उपेक्षित न महसूस कराएं

विश्व ऑटिज्म दिवस पर आयोजित प्रभात फेरी में मंत्री मदन सहनी ने लिया हिस्सा. इस दौरान उन्होंने समाज में इस बीमारी को लेकर जागरुकता फैलाने की बात कही.

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प्रभात फेरी के दौरान मंत्री मदन सहनी
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Published : Apr 2, 2021, 2:32 PM IST

पटना: बिहार के विश्व ऑटिज्म दिवस के मौके पर दिव्यांगजन सशक्तिकरण निदेशालय सक्षम समाज कल्याण विभाग द्वारा निकाली गई जागरुता रैली में आज बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग मंत्री मदन साहनी ने भी हिस्सा लिया.

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज के दिन लोगों में जागरुकता फैलाने को लेकर प्रभात फेरी का आयोजन किया गया है. ताकि ऑटिज्म से ग्रसित बच्चों का इलाज सही समय पर कराया जाए. उन्होंने कहा कि इस बीमारी को ठीक तो नहीं पर बढ़ने से रोका जा सकता है.

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प्रभात फेरी के दौरान मंत्री मदन सहनी

ये जागरूकता रैली सक्षम विभाग दिव्यांग सोसाइटी के द्वारा राजभवन के राजेन्द्र प्रसाद की प्रतिमा से आईपीआरडी कार्यालय निकाला गयी. इस प्रभात फेरी में समाज कल्याण के मंत्री समेत कई अधिकारी एवं कर्मचारियों ने हिस्सा लिया.

इसे भी पढ़ें: रेलवे ने बंद की सेतु योजना, ऑटिज्म पीड़ित बच्चों तक राजस्थान से नहीं पहुंचेगा ऊंटनी का दूध

इलाज नहीं लेकिन रोका जा सकता है
इस मौके पर मदन साहनी ने कहा कि इस बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए बच्चों से लेकर नौजवान, सभी को समाज में अपनी जिम्मेवारी को समझा होगा. जिससे ऐसे लोगों के संग किसी भी तरह का भेदभाव न हो. उन्होंने कहा कि इस बीमारी का इलाज अभी तक संभव नहीं हो पाया है.

लेकिन जन्म के बाद से माता-पिता परिवार के लोग जागरूक रहें और समय पर जानकारी हो जाए तो इस बीमारी को फिजियो थेरेपी या अन्य कई तरह की थेरेपी के जरिए बढ़ने से रोका जा सकता है.

ऑटिज्म को लेकर बोले मंत्री मदन सहनी - इससे ग्रसित किसी को भी उपेक्षित न महसूस कराएं

बीमारी से ग्रसित व्यक्ति न हों उपेक्षित
उन्होंने कहा कि इस बीमारी से ग्रसित लोगों को लेकर जागरूक हो जाएं तो ये भी दूसरों की तरह परिवार या समाज में काम कर सकते हैं. अभी के समय में इस प्रभात फेरी जन जागरूकता का यही उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके बारे मे जाने.

उन्होंने कहा कि हमें ध्यान देना होगा कि इस बीमारी से ग्रसित कोई भी आदमी उपेक्षित ना हो. समाज में या परिवार में ऐसे लोगों के संग कोई उपेक्षित व्यवहार न हो.

2 अप्रैल को मनाया जाता है विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस
बताते चलें कि ऑटिज्म एक ऐसी मानसिक बीमारी है जिससे ग्रसित लोगों के अंदर व्यवहार से लेकर अन्य कई तरह की दिक्कतें पाई जाती हैं. ऑटिज्म के शुरुआती लक्षण 1 से 3 साल के बच्चों में नजर आते हैं.

ऐसे में जरूरी है कि लोग इसे लेकर जागरूक हो. इसी लिए हर साल 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाया जाता है.

पटना: बिहार के विश्व ऑटिज्म दिवस के मौके पर दिव्यांगजन सशक्तिकरण निदेशालय सक्षम समाज कल्याण विभाग द्वारा निकाली गई जागरुता रैली में आज बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग मंत्री मदन साहनी ने भी हिस्सा लिया.

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज के दिन लोगों में जागरुकता फैलाने को लेकर प्रभात फेरी का आयोजन किया गया है. ताकि ऑटिज्म से ग्रसित बच्चों का इलाज सही समय पर कराया जाए. उन्होंने कहा कि इस बीमारी को ठीक तो नहीं पर बढ़ने से रोका जा सकता है.

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प्रभात फेरी के दौरान मंत्री मदन सहनी

ये जागरूकता रैली सक्षम विभाग दिव्यांग सोसाइटी के द्वारा राजभवन के राजेन्द्र प्रसाद की प्रतिमा से आईपीआरडी कार्यालय निकाला गयी. इस प्रभात फेरी में समाज कल्याण के मंत्री समेत कई अधिकारी एवं कर्मचारियों ने हिस्सा लिया.

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इलाज नहीं लेकिन रोका जा सकता है
इस मौके पर मदन साहनी ने कहा कि इस बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए बच्चों से लेकर नौजवान, सभी को समाज में अपनी जिम्मेवारी को समझा होगा. जिससे ऐसे लोगों के संग किसी भी तरह का भेदभाव न हो. उन्होंने कहा कि इस बीमारी का इलाज अभी तक संभव नहीं हो पाया है.

लेकिन जन्म के बाद से माता-पिता परिवार के लोग जागरूक रहें और समय पर जानकारी हो जाए तो इस बीमारी को फिजियो थेरेपी या अन्य कई तरह की थेरेपी के जरिए बढ़ने से रोका जा सकता है.

ऑटिज्म को लेकर बोले मंत्री मदन सहनी - इससे ग्रसित किसी को भी उपेक्षित न महसूस कराएं

बीमारी से ग्रसित व्यक्ति न हों उपेक्षित
उन्होंने कहा कि इस बीमारी से ग्रसित लोगों को लेकर जागरूक हो जाएं तो ये भी दूसरों की तरह परिवार या समाज में काम कर सकते हैं. अभी के समय में इस प्रभात फेरी जन जागरूकता का यही उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके बारे मे जाने.

उन्होंने कहा कि हमें ध्यान देना होगा कि इस बीमारी से ग्रसित कोई भी आदमी उपेक्षित ना हो. समाज में या परिवार में ऐसे लोगों के संग कोई उपेक्षित व्यवहार न हो.

2 अप्रैल को मनाया जाता है विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस
बताते चलें कि ऑटिज्म एक ऐसी मानसिक बीमारी है जिससे ग्रसित लोगों के अंदर व्यवहार से लेकर अन्य कई तरह की दिक्कतें पाई जाती हैं. ऑटिज्म के शुरुआती लक्षण 1 से 3 साल के बच्चों में नजर आते हैं.

ऐसे में जरूरी है कि लोग इसे लेकर जागरूक हो. इसी लिए हर साल 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाया जाता है.

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