पटना: भोजपुरी पावरस्टार पवन सिंह (Bhojpuri Power Star Pawan Singh) ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर बिहार में नीतीश सरकार से नए कानून की मांग की थी. पवन सिंह ने जातिवाद के फैल रहे जहर को रोकने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है. उन्होंने सीएम को टैग करते हुए लिखा था कि कई कलाकार बिहार में जातिसूचक गाने गाकर समाज में विद्वेष फैला रहे हैं. इसको लेकर बिहार के कला संस्कृति मंत्री आलोक रंजन झा ने बड़ा बयान देते हुए जहां भी जाति की चर्चा होगी तो वो समाज को तोड़ने का काम करता है. गाना में जाति की चर्चा समाज के लिए रुकावट है. ऐसा नहीं होना चाहिए.
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पवन सिंह की मांग पर बोले मंत्री आलोक रंजन: मंत्री आलोक रंजन ने कहा कि यदि गाना में जाति हो या अन्य स्तर पर जाति की चर्चा हो, ये सभी को साथ लेकर चलने में रुकावट पैदा करता है. हमने सुना है कि पवन सिंह ने सीएम नीतीश से इसपर कानून बनाने की मांग की है. लेकिन मेरे पास ऐसा कोई डिमांड या पत्र नहीं आया है. मेरे पास पत्र आएगा तो इसपर नीतीश कुमार से बात करेंगे. आगे की जो भी प्रक्रिया होगी उसे किया जाएगा.
"निश्चित रूप से गाना के माध्यम से या बोलचाल के माध्यम से हर जगह जाति की चर्चा नहीं होनी चाहिए. सभी को साथ लेकर चलने का बिहार का स्वभाव रहा है. अगर कोई किसी जाति को टारगेट कर रहा है तो ऐसा नहीं होना चाहिए. अगर ऐसा कोई मामला है तो आगे जहां संभव है वहां बात की जाएगी. जब हर जगह सेंसर बोर्ड है तो भोजपुरी में क्यों नहीं होगा. सेंसर बोर्ड भोजपुरी के लिए भी होना चाहिए. लेकिन यह बिहार में तो होता नहीं है बल्कि ऊपर स्तर पर होता है. फिल्म नीति बनेगी तो इसपर विचार किया जाएगा."- आलोक रंजन झा, कला संस्कृति मंत्री, बिहार
'जातिसूचक गाने समाज के लिए नहीं ठीक': जातिसूचक गाने पर लगेगा प्रतिबंध आलोक रंजन झा ने कहा कि ऐसे गाने किसी सिंगर को गाना ही नहीं चाहिए. लेकिन कोई गाता है तो वो सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ रहा है. हमने तो ऐसे गाने नहीं सुने हैं. अगर कोई ये कर रहा है तो वो गलत है. कला संस्कृति विभाग ऐसे गाने पर नजर रखेगी और ऐसे गायक या गीतकार पर निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी. बिहार मे ऐसे गाने गाने के लिए हम कभी भी अनुमति नहीं दे सकते हैं.
पूरा मामला: बता दें कि पवन सिंह (Pawan Singh Demands To Make Law On Casteism) ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर पोस्ट डाला है. जिसमें बिहार में नीतीश सरकार से नए कानून की मांग की. उन्होंने बिहार में जातिवाद के फैल रहे जहर को रोकने की बात की. अपनी पोस्ट को नीतीश कुमार को टैग करते हुए लिखा, 'बिहार की सभ्यता संस्कृति में भोजपुरी का बहुत ही बड़ा महत्व है. अब गीत-संगीत के माध्यम से जिस तरह जातिवाद का जहर बोया जा रहा है, उसपे अंकुश लगना चाहिए. नहीं तो बिहार की प्रतिष्ठा न धार्मिक स्तर पर, न सामाजिक स्तर पर, और न ही राजनैतिक स्तर पर बचाया जा सकता है. भोजपुरी भाषायी कुछ कलाकारों की वजह से बिहार में जातिगत उन्माद न फैले इसके लिए आप, चुकीं हमारे बिहार की आत्मा कि तरह हैं इसलिए आपसे आदर सहित अनुरोध है कि कैबिनेट के माध्यम से शीघ्र कोई ऐसा क़ानून बिहार में लाने की कृपा करें. जिससे भोजपुरी भाषा की गरिमा और बिहार के अस्तित्व को बचाया जा सके.' पवन सिंह के इस पोस्ट पर लोगों के भी जबरदस्त रिएक्शन्स आए हैं. फैंस ने भी एक्टर का समर्थन किया है.
सौम्या पोखरेल को लेकर शुरू हुआ विवाद: दरअसल, पवन और खेसारी का विवाद एक बार फिर से शुरू हुआ जब नेपाल की टैटू गर्ल सौम्या पोखरेल (Saumya Pokharel) ने एक इंटरव्यू में पवन सिंह को पहचानने से इनकार कर दिया था. जिसको लेकर पवन सिंह के फैंस ने उनके लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया था. इस मामले में खेसारी लाल यादव ने भी लाइव आकर सौम्या को गलत शब्द बोलने वाले को जमकर क्लास लगाई थी. इसके बाद ही खेसारी लाल यादव को धमकी देने वाले शख्स का वीडियो वायरल हुआ था.
खेसारी लाल यादव को मिली थी धमकी: वहीं, खेसारी लाल यादव ने उस शख्स का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया था. जिसमें वो खेसारी लाल यादव को भद्दी-भद्दी गालियां दे रहा था. जिसके बाद खेसारी लाल यादव ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई थी. इस घटना के बाद फैंस ने भी एक्टर का पूरा सपोर्ट किया था. वहीं, खेसारी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई तो वो बिहार छोड़ देंगे. इस घटना के बाद दोनों के फैंस आमने-सामने हो गए हैं और सोशल मीडिया पर जमकर गाली-गलौज कर रहे हैं. राजपूत बनाम यादव हो गया है.
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