मिर्गी बच्चों से लेकर वयस्कों तक किसी को भी प्रभावित कर सकती है. यह बीमारी दिमाग की नसों से संबंधित होती है. एक बार जब मिर्गी का दौरा पड़ता है, तो यह विनाशकारी हो सकता है. हालांकि, हममें से कई लोग बचाव के तौर पर मिर्गी के दौरे से पीड़ित व्यक्ति पर पानी डालने का सहारा लेते हैं. लेकिन विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसी कोशिशें नहीं की जानी चाहिए. ऐसा करना कभी-कभी घातक भी हो सकता है.
क्यों पड़ते हैं मिर्गी के दौरे
प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. पी रंगनाथ का कहना है कि मस्तिष्क की चोट और मस्तिष्क में ऑक्सीजन की अपर्याप्त आपूर्ति से मिर्गी के दौरे पड़ सकते हैं. मिर्गी के दौरे अंग्रेजी में एपिलेप्सी क्रोनिक ब्रेन डिजीज कहते है. जो लोग दवा का सही तरीके से उपयोग नहीं करते हैं उन्हें मिर्गी के दौरे पड़ने का खतरा रहता है. इसके अलावा और भी कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि...
NHS के अनुसार जानें, मिर्गी के दौरे के लक्षण
- बेहोशी
- असामान्य झटके
- अचानक गुस्सा आना
- चक्कर आना
- स्मृति हानि
- शरीर में झनझनाहट महसूस होना
प्राथमिक उपचार में बरती जाने वाली सावधानियां
- बेहोश व्यक्ति को चोट से बचाना चाहिए.
- मिर्गी के दौरे के दौरान व्यक्ति के आसपास से खतरनाक वस्तुओं को हटा देना चाहिए.
- सिर के नीचे कोई ऊंची चीज रखें.
- मुंह में जबरदस्ती पानी डालना खतरनाक हो सकता है.
- मिर्गी के दौरों से पीड़ित व्यक्ति के सिर पर पानी नहीं डालना चाहिए और उसे झाड़ू से नहीं मारना चाहिए.
- दौरा कम होने तक व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखी जानी चाहिए. इसके बाद कुछ खाने या पीने को दें.
- किसी भी परिस्थिति में दौरे को रोकने का प्रयास न करें.
- अगर स्थिति खतरनाक हो जाए तो मरीज को नजदीकी अस्पताल ले जाएं.
सावधानियां
- अधिक पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं.
- शरीर को भरपूर आराम दें.
- व्यायाम करना चाहिए.
- धूम्रपान और शराब पीने से बचें.
- व्हीकल चलाते समय हमेशा सीट बेल्ट और हेलमेट पहनें.
(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)