विशाखापत्तनम: आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में बुधवार को स्पेशल गर्ल्स के लिए एक सरकारी जुवेनाइल होम में लड़कियों के साथ कथित दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है. आरोप है कि, कर्मचारियों ने लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार किया है. इस मामले को लेकर पांच लड़कियां लोहे की बाड़ फांदकर सड़कों पर उतर आईं. उन्होंने कर्मचारियों के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
लड़कियों का आरोप है कि, जुवेनाइल होम में कर्मचारियों ने उनका उत्पीड़न किया है. उनका आरोप है कि, कर्मचारी उन्हें नशीले पदार्थ का सेवन करने को कहते थे, जिससे उन्हें मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं...उन्हें बीमार बनाकर नरक दिखाया जा रहा है. लड़कियों ने कहा कि, उन्हें जल्द से जल्द उनके घर भेज दिया जाए.
तीन दिनों से चल रहा विरोध प्रदर्शन
किशोर गृह में 25 कर्मचारियों की देखरेख में 8 से18 साल की 60 लड़कियां रहती हैं. सूत्रों के अनुसार, कुछ लड़कियां अपने परिवारों से फिर से मिलने की मांग करते हुए तीन दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. श्रीकाकुलम, गोदावरी जिलों, गुंटूर, कृष्णा और हैदराबाद की रहने वाली ये लड़कियां तीन साल से इस सुविधा में रह रही हैं.
कर्मचारियों के प्रयासों के बावजूद, बुधवार को लड़कियों का एक समूह दीवार पर चढ़ने में कामयाब रहा. हालांकि, कर्मचारियों को कथित तौर पर तब तक इस बात का पता नहीं चला जब तक कि स्थिति गंभीर नहीं हो गई. इस घटना ने एसीपी नरसिंह मूर्ति, सीआई मल्लेश्वर राव और चिनागडिली तहसीलदार पालकिरन सहित अधिकारियों का तत्काल ध्यान आकर्षित कियाय जिन्होंने हस्तक्षेप किया और लड़कियों को किशोर गृह वापस भेज दिया.
एक मां की दिल दहला देने वाली शिकायत
विरोध प्रदर्शनों के बीच, एक लड़की की मां रोती हुई मौके पर पहुंची. उसने होम के कर्मचारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया. उसने रोते हुए कर्मचारियों पर उनकी बच्चियों को वापस नहीं देने के आरोप लगाया.
सरकार ने की कार्रवाई
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए गृह मंत्री अनिता ने शहर के पुलिस आयुक्त शंखब्रत बागची और कलेक्टर हरेनधीरा प्रसाद से फोन पर चर्चा की. उन्होंने एक महिला पुलिस अधिकारी और तहसीलदार को आरोपों की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिए. मंत्री अनिता ने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर आरोप सही साबित हुए तो जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं जताई गईं
किशोर गृह की पर्यवेक्षक एवी सुनीता ने कहा कि पिछले दो दिनों से पांच लड़कियां व्यवधान पैदा कर रही थीं और उनकी मानसिक स्वास्थ्य स्थिति चिंताजनक थी. उन्होंने बताया, "वे गोलियां नहीं ले रही हैं, खाना नहीं खा रही हैं, जोर-जोर से चिल्ला रही हैं और अपने हाथों पर पत्थर मार रही हैं. हमने अरिलोवा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है. हम उन्हें बाल कल्याण समिति द्वारा निर्णय लिए जाने के बाद ही उनके परिवारों को सौंपेंगे."
इस बीच, सरकारी मनोरोग अस्पताल के अधीक्षक डॉ. केवी रामिरेड्डी ने स्पष्ट किया कि किशोर गृह में केवल तीन बच्चे ही मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए उपचार प्राप्त कर रहे हैं. "हमने सुबह से ही गृह में एक एम्बुलेंस और कर्मचारियों को तैनात कर दिया है. उन्होंने कहा, "अभी तक किसी को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है."
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