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बिहार में आकाशीय बिजली ने फिर ली 6 की जान, अब तक 41 लोगों की मौत

बिहार में वज्रपात (Bihar Weather Update) का कहर लगातार देखने को मिल रहा है. मौजूदा सीजन में अब तक 41 लोग जान गंवा चुके हैं. एक बार फिर आकाशीय बिजली गिरने से प्रदेशभर में 6 लोगों की मौत हो गई है. इससे पहले बुधवार को आपदा प्रबंधन के आंकड़े के मुताबिक आकाशीय बिजली के कारण 35 लोगों की मौत हो चुकी है.

आकाशीय बिजली
आकाशीय बिजली
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Published : Jul 2, 2022, 10:33 AM IST

पटनाः बिहार में भारी बारिश (rainy season in bihar) और वज्रपात से मौत का सिससिला जारी है. बीते 24 घंटे के अंदर प्रदेश में वज्रपात से 6 लोगों की मौत हो गई. जहां नालंदा जिले में शुक्रवार को आकाशीय बिजली की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं जहानाबाद, बांका, बेतिया और बांका में ठनका गिरने से भी एक-एक शख्स ने दम तोड़ दिया. मौसम विभाग ने पहले ही 2 जुलाई तक के लिए बिहार में भारी बारिश और ठनका गिरने की चेतावनी जारी की है.

यह भी पढ़ें: बिहार में व्रजपात का कहर जारी, 24 घंटे में 23 लोगों की मौत

विभिन्न इलाकों में तीन लोगों की मौतः नालंदा जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में शुक्रवार को वज्रपात का कहर देखने को मिला. दीनगर थाना इलाके के मजीतपुर गांव में 18 साल के युवक की ठनका की चपेट में आने से जान चली गई. वहीं, नालंदा थाना इलाके के भट्टबिगहा में भी 20 साल के युवक की मौत हो गई. इसके बाद कूल गांव में झोपड़ी पर आकाशीय बिजली गिरने से एक शख्स की मौत हो गई. झोपड़ी में मौजूद तीन बकरियां भी झुलसकर मर गईं. नालंदा रेलवे स्टेशन के पास भी वज्रपात हुआ, जिसकी चपेट में आने से एक भैंस की मौत हो गई

तीन मजदूर भी बुरी तरह झुलसेः उधर बेतिया के बैरिया प्रखंज के श्रीनगंर पुजहां में तेज बारिश के साथ एक किसान की मौत हो गई. जबकि तीन मजदूर भी बुरी तरह झुलस गए. हादसे के वक्त सभी खेत में रोपाई का काम कर रहे थे. इसी तरह जहानाबाद के भवानीचक गंगापुर गांव में एक महिला की बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई. बांका में बाराहाट थाना इलाके के खड़ीहरा गांव में वज्रपात से एक बच्चे की जान चली गई और उसकी मां बुरी तरह झुलस गई.

मौजूदा सीजन में अब तक 41 की मौत : आपदा प्रबंधन मंत्री रेणु देवी (Minister Renu Devi) के दिए गए आंकड़े के अनुसार मौजूदा सीजन में व्रजपात से 29 जून तक 35 लोगों की मौत हो चुकी थी. 28-29 जून के आंकड़ों पर नजर डाले तो सिर्फ दो दिन के अंदर आकाशीय बिजली से 23 लोगों की मौत हुई थी. वहीं इससे पहले 12 लोगों की मौत हुई थी, अब बीते 1 जुलाई को वज्रपात से 6 और लोगों की मौत हो गई, जिससे मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 41 हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वज्रपात से मारे गए सभी लोगों के परिजन के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. राज्य सरकार द्वारा मृतकों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपये की मुआवजा राशि जल्द दी जाएगी.

यह भी पढ़ें: छपरा में मौत बनकर आई आसमानी बिजली, बच्ची समेत तीन की मौत

बिजली गिरने पर क्या करेंः सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लें. यह इस बात का संकेत है कि आपके आस-पास बिजली गिरने वाली है. दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें. सिर को जमीन से सटने न दें. जमीन पर कभी न लेटें. पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों. समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं. जहां हैं, वहीं रहें. हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें. घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें. बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें. बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें. खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें.

पटनाः बिहार में भारी बारिश (rainy season in bihar) और वज्रपात से मौत का सिससिला जारी है. बीते 24 घंटे के अंदर प्रदेश में वज्रपात से 6 लोगों की मौत हो गई. जहां नालंदा जिले में शुक्रवार को आकाशीय बिजली की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं जहानाबाद, बांका, बेतिया और बांका में ठनका गिरने से भी एक-एक शख्स ने दम तोड़ दिया. मौसम विभाग ने पहले ही 2 जुलाई तक के लिए बिहार में भारी बारिश और ठनका गिरने की चेतावनी जारी की है.

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विभिन्न इलाकों में तीन लोगों की मौतः नालंदा जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में शुक्रवार को वज्रपात का कहर देखने को मिला. दीनगर थाना इलाके के मजीतपुर गांव में 18 साल के युवक की ठनका की चपेट में आने से जान चली गई. वहीं, नालंदा थाना इलाके के भट्टबिगहा में भी 20 साल के युवक की मौत हो गई. इसके बाद कूल गांव में झोपड़ी पर आकाशीय बिजली गिरने से एक शख्स की मौत हो गई. झोपड़ी में मौजूद तीन बकरियां भी झुलसकर मर गईं. नालंदा रेलवे स्टेशन के पास भी वज्रपात हुआ, जिसकी चपेट में आने से एक भैंस की मौत हो गई

तीन मजदूर भी बुरी तरह झुलसेः उधर बेतिया के बैरिया प्रखंज के श्रीनगंर पुजहां में तेज बारिश के साथ एक किसान की मौत हो गई. जबकि तीन मजदूर भी बुरी तरह झुलस गए. हादसे के वक्त सभी खेत में रोपाई का काम कर रहे थे. इसी तरह जहानाबाद के भवानीचक गंगापुर गांव में एक महिला की बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई. बांका में बाराहाट थाना इलाके के खड़ीहरा गांव में वज्रपात से एक बच्चे की जान चली गई और उसकी मां बुरी तरह झुलस गई.

मौजूदा सीजन में अब तक 41 की मौत : आपदा प्रबंधन मंत्री रेणु देवी (Minister Renu Devi) के दिए गए आंकड़े के अनुसार मौजूदा सीजन में व्रजपात से 29 जून तक 35 लोगों की मौत हो चुकी थी. 28-29 जून के आंकड़ों पर नजर डाले तो सिर्फ दो दिन के अंदर आकाशीय बिजली से 23 लोगों की मौत हुई थी. वहीं इससे पहले 12 लोगों की मौत हुई थी, अब बीते 1 जुलाई को वज्रपात से 6 और लोगों की मौत हो गई, जिससे मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 41 हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वज्रपात से मारे गए सभी लोगों के परिजन के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. राज्य सरकार द्वारा मृतकों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपये की मुआवजा राशि जल्द दी जाएगी.

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बिजली गिरने पर क्या करेंः सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लें. यह इस बात का संकेत है कि आपके आस-पास बिजली गिरने वाली है. दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें. सिर को जमीन से सटने न दें. जमीन पर कभी न लेटें. पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों. समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं. जहां हैं, वहीं रहें. हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें. घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें. बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें. बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें. खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें.

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