पटना: जिलेभर में शनिवार को मां दुर्गा के सातवें रूप मां कालरात्रि की पूजा अर्चना की जा रही है. हर जगह माता के दर्शन के लिए श्रध्दालुओं का तांता लगा है. ऐसे में राजधानी के पूजा पंडालों में सप्तमी के दिन मां दुर्गा की मूर्ति का पट खुल गया है. पूरे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा पंडालों में पंडित माता की आराधना में जुटे हुए हैं. मां दुर्गा के दर्शन को लेकर पूजा पंडालों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है.
पटना के मछुवाटोली इलाके के पूजा पंडालों में स्थापित माता की मूर्तियों का पट शनिवार को खोल दिया गया. बता दें कि मछुआ टोली एबीसी क्लब की तरफ से मां काली की मूर्ति स्थापित की गई है. इस मूर्ति में माता के नौ रूपों को दर्शाया गया है.
बंगाली अखाड़ा के 127 साल पूरे
श्रध्दालुओं ने बताया कि पटना के बंगाली अखाड़े में बंगाली रीति-रिवाज से माता की आराधना की जा रही है. इसके साथ ही बंगाली अखाड़े में स्थानीय महिलाएं माता का प्रसाद बनाने में जुटी हुई हैं. उन्होंने कहा कि बंगाली अखाड़े के 127 साल पूरे होने पर श्रध्दालुओं में हर्ष और उल्लास का माहौल है. साथ ही बंगाली अखाड़े में स्थापित माता की मूर्ति को देखने के लिए बहुत दूर-दूर से श्रध्दालु आते हैं. माता के दर्शन के लिए दिनभर यहां भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है.
सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा
नवरात्र के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें रूप मां कालरात्रि की पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है कि मां का यह स्वरुप क्रोध को प्रदर्शित करने वाला है. नवरात्रि के सप्तमी तिथि में मां कालरात्रि की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कालरात्रि साधक के शत्रुओं का विनाश करने वाली हैं और हर परेशानी से भक्तों की रक्षा करती हैं. तंत्र साधकों के लिए मां कालरात्रि की पूजा विशेष फल देने वाली होती है. यही वजह है कि तांत्रिक आधी रात में मां कालरात्रि की विशेष पूजा करते हैं.