पटना: लॉकडाउन का असर वैश्विक रूप से अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है. इस महामारी की मार ने देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी भी तोड़ द है. ऐसे में छोटे-बड़े सभी कारोबारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. राजधानी के व्यवसायियों का कहना है कि उनकी कमाई अब आधी भी नहीं रही.
ईटीवी भारत ने ली ग्राउंड रिपोर्ट
सरकार ने किराना स्टोर, मेडिकल स्टोर, पेट्रोल पंप और सब्जी मंडी को इस लॉकडाउन से अलग रखा है. लेकिन इसके इतर जितने कारोबार थे सब चौपट हो गए हैं. एक किराना दुकान में काम करने वाले कर्मचारी ने ईटीवी भीरत को बताया कि जनरल स्टोर होने की वजह से हमारी दुकान खुल पा रही है. इस वजह से हमारे मालिक बिना कटौती के हमे पैसा दे पा रहे हैं. लेकिन हर जगह हालात ऐसे नहीं हैं.
पैसे मांगने पर चली गई नौकरी
पटना के ही खेमनीचक मोहल्ले की एक मिठाई दुकान में काम करने वाले स्टाफ ने अपना दुखड़ा सुनाया. मिठाई दुकान बंद होने की वजह से उन्हें पैसे नहीं मिल रहे हैं. इसको लेकर जब वे मालिक के पास गए तो काम से भी हाथ धोना पड़ा.
सरकार के आगे बड़ी चुनौती
वैसे तो लॉकडाउन का असर हर क्षेत्र पर पड़ा है, लेकिन सबसे ज्यादा असर उन मजदूरों और कामगारों पर पड़ा जिनकी रोजी-रोटी रोज की कमाई पर निर्भर करती है. ऐसे में वेतन न मिलना या काम से निकाल देना सरकार के समक्ष एक बड़ी चुनौती को जन्म देता है