पटना : आखिरकार फरार डॉक्टर अजय कुमार को 16 दिनों की तलाश के बाद टीओपी प्रभारी शुभम कुमार ने गुरुवार को पीएमसीएच से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को सूचना मिली थी कि डॉक्टर अजय पीएमसीएच में काउंसलिंग के लिए फॉर्म जमा करने आएंगे. चूंकि गुरुवार को काउंसलिंग का आखिरी दिन था, पुलिस ने हथुआ वार्ड के चारों ओर सादे लिवास में जाल बिछाया और जैसे ही डॉक्टर अजय सीढ़ियों से नीचे उतर रहे थे, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
"डॉक्टर अजय हथुआ वार्ड की सीढ़ियों से उतर रहे थे. मैंने अचानक कहा 'धप्पा डॉक्टर साहब,' और वह हक्का-बक्का रह गए. उन्होंने मास्क और मफलर पहनकर खुद को छिपाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन पुलिस की नजर से नहीं बच सके."- शुभम कुमार, टीओपी प्रभारी
टीओपी प्रभारी ने रची योजना? : डॉक्टर अजय की गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने वैशाली और मुजफ्फरपुर में भी छापेमारी की थी. बीते दिनों डॉक्टर अजय ने पटना सिविल कोर्ट में बेल के लिए याचिका भी दायर की थी, लेकिन पुलिस की सतर्कता के कारण वह बच नहीं पाए. पुलिस का कहना है कि अजय के साथ-साथ एमबीबीएस और पीजी के पांच अन्य डॉक्टर भी रडार पर हैं. जल्द ही इनकी गिरफ्तारी की जाएगी.
क्या है मामला? : दरअसल, बीते दिनों पीएमसीएच के चाणक्य हॉस्टल के दूसरे तल्ले पर एक कमरे में आग लग गई थी. फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया. जांच में कमरे से 10-12 लाख रुपये के जले हुए नोट, नीट-पीजी के कई एडमिट कार्ड, एमबीबीएस की जली हुई ओएमआर शीट और शराब की आधी खाली बोतल मिली थी.
डॉक्टर अजय कुमार सिंह, जो समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं, पर आरोप है कि वह मोटी रकम लेकर एमबीबीएस और नीट यूजी परीक्षाओं में स्कॉलर बैठाते थे. सूत्रों के अनुसार, वह मेडिकल छात्रों को इंटरनल एग्जाम में पास कराने के लिए भी पैसों के बदले फर्जी उम्मीदवारों को बैठाते थे.
सीबीआई भी जांच में जुटी : इस मामले में सीबीआई भी सक्रिय हो गई है. बीते सोमवार को सीबीआई ने पीएमसीएच पहुंचकर 4 घंटे तक जांच की. सीबीआई ने पीरबहोर और टीओपी थाना को निर्देश दिया है कि मामले से जुड़ी हर जानकारी साझा करें.
डॉक्टर अजय के अवैध कब्जे : जांच में यह भी सामने आया कि डॉक्टर अजय ने चाणक्य हॉस्टल के तीन कमरों पर कब्जा किया हुआ था. इनमें एक कमरा ग्राउंड फ्लोर पर, दूसरा दूसरे तल्ले पर और तीसरा छठे तल्ले पर था. इनमें से एक कमरा किसी और डॉक्टर के नाम पर अलॉट था.
कई राज उजागर होने की उम्मीद : डॉक्टर अजय की गिरफ्तारी से मेडिकल माफिया के कई और राज उजागर होने की उम्मीद है. पुलिस और सीबीआई की आगे की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं. बीते दिनों डॉक्टर अजय ने पटना सिविल कोर्ट में बेल के लिए याचिका भी दायर की थी, लेकिन पुलिस की सतर्कता के कारण वह बच नहीं पाए.
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