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लॉकडाउन से मुरझाया फूलों का कारोबार, रोजाना करोड़ों रुपए का होता था व्यापार

फूल विक्रेता मनोज ने बताया कि माली समाज के हजारों लोग फूल व्यापार के धंधे से जुड़े हुए हैं. केवल राजधानी पटना में प्रतिदिन करोड़ों रुपये का व्यापार फूलों से होता था. वर्तमान समय में हमारा व्यवसाय पूरी तरह से ठप पड़ गया है. लॉकडाउन को लेकर 100 रुपये के भी लाले पड़ गए हैं.

मुरझाया फुलों को व्यापार
मुरझाया फुलों को व्यापार
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Published : Apr 14, 2020, 8:58 PM IST

पटना: लॉकडाउन के मद्देनजर बिहार सरकार ने 46 सौ से ज्यादा मंदिरों को बंद रखने का निर्देश दिया है. इसका असर श्रद्धालुओं की पूजा-आराधना से लेकर फूल के व्यापार करने वाले छोटे से लेकर बड़े व्यापारियों और छोटे फूल विक्रेताओ पर भी हुआ है. बता दें कि केवल राजधानी पटना में हजारों लोग फूल का व्यापार करते थे और प्रति दिन करोड़ों का व्यापार होता था.

मुरझाया हुआ है फूल व्यापार
बता दें कि लॉकडाउन की वजह से जो फूल पहले मंदिरों में भगवान को अर्पित किए जाते थे. शादी-पार्टियों की रौनक बढ़ाते थे. वह वर्तमान में अपनी खुशबू फैलाने में भी असमर्थ हैं. ऐसा पहली बार ऐसा हुआ है कि मंदिरों को भी बंद किया गया है. जिसके पीछे वजह आमजन की सेहत और सुरक्षा है. लेकिन इसका प्रभाव फूल व्यापारियों के व्यपार पर पड़ रहा है. फूल व्यापारियों के रोजगार बंद हो गए हैं. उन्हें करोड़ों का नुकसान हो रहा है. राजधानी पटना के स्टेशन स्थित हनुमान मंदिर के पास फूलों का बड़ा बाजार सामान्य दिनों में गुलजार हुआ करता था. वर्तमान में सभी दुकानों में ताला लटका हुआ है. वहीं ,पटना में एक दो छोटे फूल विक्रेता सड़क किनारे फूल तो जरूर बेच रहे हैं, लेकिन कोई खरीदार नजर नहीं आ रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'प्रतिदिन 800 रुपये की होती थी कमाई'
इसको लेकर पटना के फूल विक्रेता मनोज का कहना है कि राजधानी पटना में कोलकता, बनारस, बेंगलुरु के साथ अन्य राज्यों से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी ट्रेन और प्लेन के माध्यम से फूल राजधानी पटना पहुंचता था. लेकिन लॉक डाउन के कारण एक तरफ जहां बिहार के सभी मंदिरों में ताला लटका है. वहीं दूसरी ओर शादी-विवाह भी नहीं हो रहे हैं. मनोज ने बताया कि माली समाज के हजारों लोग फूल व्यापार के धंधे से जुड़े हुए हैं. केवल राजधानी पटना में प्रतिदिन करोड़ों रुपये का व्यापार फूलों से होता था. वर्तमान समय में हमारा व्यवसाय पूरी तरह से ठप पड़ गया है. मनोज बताते है कि सामान्य दिनों में प्रतिदिन 7 सौ से 8 सौ रुपये की कमाई हो जाती थी. लॉकडाउन को लेकर 100 रुपये के भी लाले पड़ गए हैं. सरकार की तरफ से भी हमें कोई सुविधा मुहैया नहीं करवाई जा रही है.

फूल विक्रेता
फूल विक्रेता

गौरतलब है कि लॉकडाउन की वजह से छोटे से लेकर बड़े फूल कारोबारियों पर इसका असर पड़ा है. फूल जो कभी मंदिरों, घरों या पार्टी का शान हुआ करता था. वर्तमान में खुद ही मुरझाया हुआ है. इस वजह से छोटे फूल व्यापारियों के परिवार का भरण-पोषण भी नहीं हो पा रहा है.

पटना: लॉकडाउन के मद्देनजर बिहार सरकार ने 46 सौ से ज्यादा मंदिरों को बंद रखने का निर्देश दिया है. इसका असर श्रद्धालुओं की पूजा-आराधना से लेकर फूल के व्यापार करने वाले छोटे से लेकर बड़े व्यापारियों और छोटे फूल विक्रेताओ पर भी हुआ है. बता दें कि केवल राजधानी पटना में हजारों लोग फूल का व्यापार करते थे और प्रति दिन करोड़ों का व्यापार होता था.

मुरझाया हुआ है फूल व्यापार
बता दें कि लॉकडाउन की वजह से जो फूल पहले मंदिरों में भगवान को अर्पित किए जाते थे. शादी-पार्टियों की रौनक बढ़ाते थे. वह वर्तमान में अपनी खुशबू फैलाने में भी असमर्थ हैं. ऐसा पहली बार ऐसा हुआ है कि मंदिरों को भी बंद किया गया है. जिसके पीछे वजह आमजन की सेहत और सुरक्षा है. लेकिन इसका प्रभाव फूल व्यापारियों के व्यपार पर पड़ रहा है. फूल व्यापारियों के रोजगार बंद हो गए हैं. उन्हें करोड़ों का नुकसान हो रहा है. राजधानी पटना के स्टेशन स्थित हनुमान मंदिर के पास फूलों का बड़ा बाजार सामान्य दिनों में गुलजार हुआ करता था. वर्तमान में सभी दुकानों में ताला लटका हुआ है. वहीं ,पटना में एक दो छोटे फूल विक्रेता सड़क किनारे फूल तो जरूर बेच रहे हैं, लेकिन कोई खरीदार नजर नहीं आ रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'प्रतिदिन 800 रुपये की होती थी कमाई'
इसको लेकर पटना के फूल विक्रेता मनोज का कहना है कि राजधानी पटना में कोलकता, बनारस, बेंगलुरु के साथ अन्य राज्यों से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी ट्रेन और प्लेन के माध्यम से फूल राजधानी पटना पहुंचता था. लेकिन लॉक डाउन के कारण एक तरफ जहां बिहार के सभी मंदिरों में ताला लटका है. वहीं दूसरी ओर शादी-विवाह भी नहीं हो रहे हैं. मनोज ने बताया कि माली समाज के हजारों लोग फूल व्यापार के धंधे से जुड़े हुए हैं. केवल राजधानी पटना में प्रतिदिन करोड़ों रुपये का व्यापार फूलों से होता था. वर्तमान समय में हमारा व्यवसाय पूरी तरह से ठप पड़ गया है. मनोज बताते है कि सामान्य दिनों में प्रतिदिन 7 सौ से 8 सौ रुपये की कमाई हो जाती थी. लॉकडाउन को लेकर 100 रुपये के भी लाले पड़ गए हैं. सरकार की तरफ से भी हमें कोई सुविधा मुहैया नहीं करवाई जा रही है.

फूल विक्रेता
फूल विक्रेता

गौरतलब है कि लॉकडाउन की वजह से छोटे से लेकर बड़े फूल कारोबारियों पर इसका असर पड़ा है. फूल जो कभी मंदिरों, घरों या पार्टी का शान हुआ करता था. वर्तमान में खुद ही मुरझाया हुआ है. इस वजह से छोटे फूल व्यापारियों के परिवार का भरण-पोषण भी नहीं हो पा रहा है.

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