पटना : बिहार की राजधानी पटना में यूपी के संभल की तर्ज पर भव्य मंदिर खुदाई में मिला है. यहां यह एक ऐसी जमीन पर था, जो वर्षों से कूड़ा-कचरे से ढकी हुआ था. जमीन किसी मठ के नाम पर छोड़ी गयी थी. मंदिर के बारे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये 15वीं शताब्दी का हो सकता है जो कि लगभग 500 साल पुराना मंदिर का अवशेष है.
स्थानीय लोगों की मदद से हुई सफाई : यह मंदिरनुमा आकृति है, जिसमें एक शिवलिंग और दो पदचिह्न पाए गए हैं. आश्चर्य की बात यह है कि स्थानीय लोगों ने अधिकारी के आने से पहले ही इस स्थल की खुदाई की और साफ-सफाई करने के बाद यहां पूजा-पाठ शुरू कर दिया.
खास धातु से बना है मंदिर : मंदिर के बारे में मौजूद लोगों ने बताया कि यह मंदिर किसी खास धातु का है. इसमें लगातार पसीने आ रहे हैं. कितना भी कपड़े से पोछों वह रिसता ही रहता है. चिकने काले पत्थर का मंदिर है. उसी मंदिर में शिवलिंग और पदचिह्न हैं. जैसे ही लोगों ने मंदिर को देखा जयकारे लगाने लगे. स्थानीय लोगों ने बढ़चढ़कर मिट्टी निकालने का काम किया.
"यह मंदिर धातु का बना है और इससे पानी रिसता रह रहा है. कपड़े से जितना भी पोंछो यह गीला ही रह रहा है. कितना साल पुराना होगा यह हमें नहीं पता लेकिन इसकी बनावट बता रही है कि ये प्राचीन शिव मंदिर है. पहले यहां पर कचरा फेका जाता था."- स्थानीय निवासी
खुदाई में मिली शिवलिंग और पदचिह्न : जमीन के भीतर मिली मंदिरनुमा आकृति में शिवलिंग और दो पदचिह्नों की खोज से इस स्थल का ऐतिहासिक महत्व बढ़ गया है. हालांकि, इस मंदिर के अवशेषों के पुरातन होने या इसके सही समय की पहचान के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है. यह मंदिर कितने साल पुराना है, इस पर अभी भी संशय बना हुआ है. मगर, यह जगह अब एक धार्मिक स्थल बन चुकी है और यहां पूजा-अर्चना का सिलसिला जारी है.
पटना सिटी में ऐतिहासिक खोज : पटना के पुराने इलाकों में इस तरह की खोजें पहले भी हो चुकी हैं, जहां मस्जिदों और पुराने घरों से मंदिरों के अवशेष मिलते रहे हैं. लेकिन, यह पहली बार है जब पटना सिटी के इस इलाके में मंदिरनुमा आकृति और शिवलिंग के अवशेष मिले हैं. इस खोज से यह बात स्पष्ट होती है कि पटना का इतिहास और संस्कृति बेहद पुरानी और समृद्ध रही है, और इस प्रकार की खोजें आगे भी जारी रह सकती हैं.
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