बिहटा(पटना): राजधानी पटना से सटे बिहटा प्रखण्ड मुख्यालय में बीडीसी की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी के नहीं रहने के कारण प्रखंड के सभी जनप्रतिनिधियों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया (Public Representatives Boycotted BDC Meeting) और प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. जनप्रतिनिधियों ने अंचलाधिकारी के कार्यालय में पहुंचकर भी हंगामा किया.
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बैठक में पहुंचे बिहटा प्रखंड के नेउरा पंचायत के उप मुखिया साहिल कुमार गुप्ता ने बताया कि एक तरफ जहां सरकार पंचायत स्तर तक कार्य कर रही है. भ्रष्टाचार या अन्य तरह की परेशानी को लेकर प्रखंड में बीडीसी बैठक का आयोजन किया जाता है, लेकिन सूचना मिलने के बाद भी प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी बैठक में शामिल नहीं होते हैं. जब बीडीओ को फोन किया जाता है, तो फोन भी बंद आता है.
उप मुखिया ने बताया कि प्रखंड परिसर में दलालों का अड्डा बन चुका है. आम लोगों का काम नहीं होता है, जो लोग पैसा देते हैं उनका काम बहुत जल्दी कर दिया जाता है. इसलिए अधिकारी ना होने के कारण वे सभी लोगों ने बैठक का बहिष्कार किया है. हालांकि बैठक खत्म होने के बाद अंचलाधिकारी कन्हैयालाल प्रखंड मुख्यालय पहुंचे. जहां उन्हें जनप्रतिनिधियों के हंगामा का सामना करना पड़ा.
इस संबंध में अंचलाधिकारी कन्हैयालाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे सभी बैठक में शामिल होते हैं, लेकिन आज अचानक दानापुर अनुमंडल अधिकारी का कॉल और मैसेज आया कि जाकर एनआईटी में चल रहे कार्य का जायजा लें और कार्य किस तरह से चल रहा है, उसका रिपोर्ट दें. साथ ही एनआईटी में कुछ लोगों के द्वारा इसका विरोध भी किया गया था. जिसकी जांच करने के लिए वे गये थे.
प्रखंड मुख्यालय में दलालों का अड्डा बनने के सवाल पर अंचलाधिकारी ने इंकार करते हुए कहा कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है और अगर ऐसी बात है तो जरूर उस पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि जिसका भी कार्य उनके पास आता है, उसे वे करते हैं. उनसे पहले क्या होता था क्या नहीं वह उन्हें जानकारी नहीं है.
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