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अवैध फोन टैपिंग केस: प्रभाकर राव, श्रवण राव को अमेरिका से वापस लाने के लिए प्रत्यर्पण प्रयास शुरू - TELANGANA PHONE TAPPING CASE

हैदराबाद पुलिस ने अवैध फोन टैपिंग मामले में फरार दो मुख्य आरोपियों को भारत वापस लाने के प्रयास तेज कर दिए हैं.

प्रभाकर राव और श्रवण राव
प्रभाकर राव और श्रवण राव (फाइल फोटो) (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 20, 2025, 4:44 PM IST

हैदराबाद: हैदराबाद पुलिस ने अवैध फोन टैपिंग मामले में दो मुख्य आरोपियों, तेलंगाना विशेष खुफिया शाखा (एसआईबी) के पूर्व ओएसडी टी प्रभाकर राव और टीवी चैनल के कार्यकारी अरुवुला श्रवण राव के प्रत्यर्पण के प्रयास शुरू कर दिए हैं. दोनों फिलहाल अमेरिका में हैं.

अधिकारियों ने बताया कि दोनों के प्रत्यर्पण का अनुरोध करने वाली एक विस्तृत रिपोर्ट पहले ही सीआईडी ​के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दी गई है. अगले चरण में विदेश मंत्रालय द्वारा अनुरोध को अमेरिकी सरकार को आगे बढ़ाना शामिल है. वैसे इस प्रक्रिया में समय लग सकता है. हालांकि, अधिकारी हैदराबाद में आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए दृढ़ हैं.

आरोपी अमेरिका फरार
10 मार्च, 2023 को पंजागुट्टा पुलिस स्टेशन में एसआईबी के कार्यकाल के दौरान अवैध फोन टैपिंग का मामला दर्ज होने के बाद डीएसपी दुग्याला प्रणीत राव को गिरफ्तार किया गया था. उसके अगले दिन, प्रभाकर राव अमेरिका के इलिनोइस स्थित ऑरोरा भाग गया. वहीं, श्रवण राव पहले लंदन और फिर फ्लोरिडा के मियामी चला गया.

पुलिस जांच में पता चला कि प्रभाकर राव के पास अमेरिकी ग्रीन कार्ड है, जबकि श्रवण राव, जिसका वीजा समाप्त हो चुका है. ऐसे में वह अमेरिका में इलिगल इमिग्रेंट के तौर पर रह रहा है. पुलिस के मुताबिक, दोनों में से किसी ने भी तेलंगाना क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में वीजा रिन्यूअल के लिए आवेदन नहीं किया है.

अदालत की प्रतिक्रियाएं और रेड कॉर्नर नोटिस
दोनों आरोपियों ने अपनी अनुपस्थिति के कारणों के साथ अदालती ज्ञापन प्रस्तुत किए. प्रभाकर राव ने ऑरोरा में चिकित्सा उपचार का हवाला दिया, जबकि श्रवण राव ने अस्पताल में भर्ती अपनी बहन की देखभाल करने का जिक्र किया. इन दावों के बावजूद, दोनों में से कोई भी भारत नहीं लौटा है. खबर के मुताबिक, इंटरपोल के माध्यम से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के प्रयास किए गए, जिसमें विदेश मंत्रालय ने हस्तक्षेप किया. आरोपी ने इस निर्णय के खिलाफ अपील की, जिससे प्रक्रिया में और देरी हुई.

रणनीतिक कदम के रूप में प्रत्यर्पण
हैदराबाद पुलिस ने दोनों आरोपियों के प्रत्यर्पण के लिए कोशिशें तेज कर दी है. यदि अमेरिकी सरकार अनुरोध स्वीकार करती है, तो आरोपी को आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: बंबई उच्च न्यायालय ने रश्मि शुक्ला के खिलाफ 25 मार्च तक दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का दिया निर्देश

हैदराबाद: हैदराबाद पुलिस ने अवैध फोन टैपिंग मामले में दो मुख्य आरोपियों, तेलंगाना विशेष खुफिया शाखा (एसआईबी) के पूर्व ओएसडी टी प्रभाकर राव और टीवी चैनल के कार्यकारी अरुवुला श्रवण राव के प्रत्यर्पण के प्रयास शुरू कर दिए हैं. दोनों फिलहाल अमेरिका में हैं.

अधिकारियों ने बताया कि दोनों के प्रत्यर्पण का अनुरोध करने वाली एक विस्तृत रिपोर्ट पहले ही सीआईडी ​के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दी गई है. अगले चरण में विदेश मंत्रालय द्वारा अनुरोध को अमेरिकी सरकार को आगे बढ़ाना शामिल है. वैसे इस प्रक्रिया में समय लग सकता है. हालांकि, अधिकारी हैदराबाद में आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए दृढ़ हैं.

आरोपी अमेरिका फरार
10 मार्च, 2023 को पंजागुट्टा पुलिस स्टेशन में एसआईबी के कार्यकाल के दौरान अवैध फोन टैपिंग का मामला दर्ज होने के बाद डीएसपी दुग्याला प्रणीत राव को गिरफ्तार किया गया था. उसके अगले दिन, प्रभाकर राव अमेरिका के इलिनोइस स्थित ऑरोरा भाग गया. वहीं, श्रवण राव पहले लंदन और फिर फ्लोरिडा के मियामी चला गया.

पुलिस जांच में पता चला कि प्रभाकर राव के पास अमेरिकी ग्रीन कार्ड है, जबकि श्रवण राव, जिसका वीजा समाप्त हो चुका है. ऐसे में वह अमेरिका में इलिगल इमिग्रेंट के तौर पर रह रहा है. पुलिस के मुताबिक, दोनों में से किसी ने भी तेलंगाना क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में वीजा रिन्यूअल के लिए आवेदन नहीं किया है.

अदालत की प्रतिक्रियाएं और रेड कॉर्नर नोटिस
दोनों आरोपियों ने अपनी अनुपस्थिति के कारणों के साथ अदालती ज्ञापन प्रस्तुत किए. प्रभाकर राव ने ऑरोरा में चिकित्सा उपचार का हवाला दिया, जबकि श्रवण राव ने अस्पताल में भर्ती अपनी बहन की देखभाल करने का जिक्र किया. इन दावों के बावजूद, दोनों में से कोई भी भारत नहीं लौटा है. खबर के मुताबिक, इंटरपोल के माध्यम से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के प्रयास किए गए, जिसमें विदेश मंत्रालय ने हस्तक्षेप किया. आरोपी ने इस निर्णय के खिलाफ अपील की, जिससे प्रक्रिया में और देरी हुई.

रणनीतिक कदम के रूप में प्रत्यर्पण
हैदराबाद पुलिस ने दोनों आरोपियों के प्रत्यर्पण के लिए कोशिशें तेज कर दी है. यदि अमेरिकी सरकार अनुरोध स्वीकार करती है, तो आरोपी को आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है.

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