पटना: एक तरफ सरकार गरीबों का आशियाना बनवाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना सहित कई तरह के कार्यक्रम चला रही है. वहीं दूसरी तरफ इस योजना की आड़ में अधिकारी अपनी ही जेब भरने में लगे हैं. इन योजनाओं की जमीनी हकीकत ये है कि सरकारी बाबुओं को कमीशन नहीं देने के कारण आज भी कई गरीब जैसे-तैसे जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं. अब आजिज होकर इन लोगों ने आवास योजना सहायक के खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिया है.
'सरकारी बाबू 2000 हजार मांगते हैं घूस': दरअसल, सोमवार को प्रखंड मुख्यालय पर मसौढ़ी प्रखंड के बारा पंचायत के सैकड़ों महिलाएं पहुंची और जमकर मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया. लाभुकों का कहना है कि आवास सहायक द्वारा उनसे 2000 की मांग की जा रही है. पैसा नहीं देने पर योजना से वंचित कर देने की धमकी दी जाती है. लगातार पैसा का दबाव बनाया जा रहा है.
घर में खाने के राशन नहीं: कई महिलाओं ने बीडीओ से झल्लाकर कहा कि आवास सहायक नाम जोड़ने के नाम पर 2000 हजार मांग कर रहे हैं. घर में दाने-दाने को मोहताज हैं, दवाई इलाज के लिए पैसे नहीं है. अब ₹2000 हम कहां से लायें. वहीं कई महिलाओं ने गुस्सा निकालते हुए कहा कि हम लोग सरकार को किसलिए वोट दिए है, इसलिए कि गरीबों को छत और आशियाना बनाने के नाम पर पैसा ले?
"घर में खाने के लिए दाने नहीं है और अभी गांव में घूम कर ₹2000 मांग रहा है क्या इसीलिए हम सरकार को वोट किए थे. बीडीओ और आवास सहायक की मिली भगत से हर गांव में पंचायत सेवक ₹2000 का वसूली कर रहा है." - बबीता देवी, बारा पंचायत लाभुक,मसौढ़ी
अधिकारियों की मिलीभगत से हो रही वसूली: आवास बनाने के नाम पर पैसा लेने को लेकर इन दोनों बवाल मचा हुआ है. इसके अलावा पंचायत का मुखिया ने भी अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा के प्रखंड विकास पदाधिकारी और आवास सहायक दोनों में मिली भगत हो गई है और नाम जोड़ने के नाम पर पैसा ले रहे हैं. बारा पंचायत से आये हुए प्रमिला देवी, कोसमी देवी, सावित्री देवी, धर्मशिला देवी, विनायक देवी, बबीता देवी, रीना कुमारी समेत सैकड़ों महिलाओं में गुस्सा दिखा.
"सभी पंचायत में योग्य लाभुकों का चयन किया जा रहा है. आवास योजना के लिए जिस पंचायत में आवास सहायक अगर पैसा ले रहा है तो इसकी जांच होगी और कार्रवाई होगी." -प्रभाकर कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी मसौढ़ी
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