पटना: सुप्रीम कोर्ट ने लालू की जमानत याचिका खारिज कर दी है. दूसरी तरफ पहले चरण के मतदान के ठीक 1 दिन पहले लालू का एक पत्र सोशल मीडिया पर जारी किया है. इस पत्र को ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है कि 44 वर्षों में पहला चुनाव है, जिसमें आपके बीच नहीं हूं. चुनावी उत्सव में आप सबों के दर्शन नहीं होने का अफसोस है.
लालू ने कहा कि आपकी कमी खली रही है इसलिए जेल से ही आप सभी के नाम पत्र लिखा है. आशा है आप इसे पढ़ियेगा एवं लोकतंत्र और संविधान को बचाइयेगा. जय हिंद, जय भारत.
ये रहा पत्र
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44 वर्षों में पहला चुनाव है जिसमें आपके बीच नहीं हूँ। चुनावी उत्सव में आप सबों के दर्शन नहीं होने का अफ़सोस है। आपकी कमी खली रही है इसलिए जेल से ही आप सबों के नाम पत्र लिखा है। आशा है आप इसे पढ़ियेगा एवं लोकतंत्र और संविधान को बचाइयेगा। जय हिंद, जय भारत। pic.twitter.com/QDAR03adSf
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">44 वर्षों में पहला चुनाव है जिसमें आपके बीच नहीं हूँ। चुनावी उत्सव में आप सबों के दर्शन नहीं होने का अफ़सोस है। आपकी कमी खली रही है इसलिए जेल से ही आप सबों के नाम पत्र लिखा है। आशा है आप इसे पढ़ियेगा एवं लोकतंत्र और संविधान को बचाइयेगा। जय हिंद, जय भारत। pic.twitter.com/QDAR03adSf
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) April 10, 201944 वर्षों में पहला चुनाव है जिसमें आपके बीच नहीं हूँ। चुनावी उत्सव में आप सबों के दर्शन नहीं होने का अफ़सोस है। आपकी कमी खली रही है इसलिए जेल से ही आप सबों के नाम पत्र लिखा है। आशा है आप इसे पढ़ियेगा एवं लोकतंत्र और संविधान को बचाइयेगा। जय हिंद, जय भारत। pic.twitter.com/QDAR03adSf
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) April 10, 2019
सबकुछ दांव पर...
लालू ने लिखा कि 'इस बार चुनाव में सबकुछ दांव पर है. इस बार का चुनाव पहले जैसा नहीं है. देश, समाज, लालू यानी आपका बराबरी से सिर उठाकर चलने का जज्बा देने वाला और आपके हक और इज्जत और गरिमा सब दांव पर है. लड़ाई आर-पार की है. मेरे गले में सरकार और चालबाजों का फंदा फंसा हुआ है. उम्र के साथ शरीर साथ नहीं दे रहा पर आन और आबरू की लड़ाई में लालू की ललकार हमेशा रहेगी.
‘बीमारी और कानून का फंदा लालू की हिम्मत नहीं तोड़ पा रहे’
आप दलित बहुजन को कहा जाता है कि कुछ सोचो समझो मत, सिर्फ गुलाम की तरह हमारा हुकुम बजाओ. आप क्या खाइएगा, क्या पहनिएगा, ई दोस्त है, ई दुष्ट है, सब साहब तय करेंगे.'