पटना: बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र की कार्यवाही का आज नौवां दिन है. विपक्ष की ओर से जारी हंगामा को देखते हुए कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया है. विपक्ष के तमाम विधायक स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं. वहीं, सदन में कई विभागों के बजट पर भी चर्चा हुई है. कार्यवाही के पहले दिन से ही विपक्ष स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के इस्तीफे की मांग कर रहा है. सदन के अंदर और बाहर लगातार प्रदर्शन का दौर चल रहा है.
गौरतलब है कि मंगलवार को विधानसभा में कार्यवाही के दौरान सरकार के बजट पर किये गये चर्चा में राजद की ओर से कटौती प्रस्ताव दिया गया था. कटौती प्रस्ताव को लेकर आरजेडी के सदस्यों ने अपनी बात रखी. जहां सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सहकारिता में सरकार के काम की तारीफ की. वहीं, विपक्ष ने धान और गेहूं खरीद में किसानों की हो रही समस्याओं का जिक्र किया. इस चर्चा के बाद सरकार की ओर से सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह ने जवाब दिया और सहकारिता में सरकार की ओर से किए जा रहे कार्य का जिक्र किया. उन्होंने खासकर फसल सहायता योजना की चर्चा की. जिसमें सब्जी के उत्पादन, विपणन और प्रसंस्करण को लेकर सरकार की तैयार योजनाओं के बारे में बताया. मौके पर मंत्री ने राजद सदस्यों से कटौती प्रस्ताव वापस लेने का आग्रह भी किया. लेकिन आरजेडी सदस्य कटौती पर अड़े रहे.
शिक्षक नियोजन का उठा मुद्दा
बिहार में वर्ष 2006 से ही नियोजित शिक्षकों का नियोजन हो रहा है. लाखों की संख्या में नियोजित शिक्षक बिहार में काम कर रहे हैं. लेकिन अब तक इनकी सेवा शर्त नियमावली नहीं बन पाई है. इसे लेकर कई बार शिक्षकों ने हंगामा किया. विपक्ष के सदस्यों ने भी इस मुद्दे को कई बार उठाया. अब तो बीजेपी और जदयू से जुड़े नेता भी इस मामले को प्रमुखता से उठा रहे हैं. लेकिन, अब भी सरकार इस मामले पर कुछ भी बोलने से बचती दिख रही है.
मॉनसून पर पक्ष-विपक्ष आमने सामने
विधानसभा में एनएमसीएच में जल जमाव और मछली तैरने के मामले पर विपक्ष और पक्ष आमने-सामने नजर आए. आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी ने मामला उठाया. उन्होंने कहा कि इस तरह की तस्वीरों से बिहार शर्मसार हो रहा है. उन्होंने बिहार की तस्वीर धूमिल करने का आरोप लगाया. वहीं बीजेपी नेता मिथिलेश तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि आरजेडी अपना शासनकाल भूल गई है. जब बिहार में चरवाहा विद्यालय खुल रहे थे तो उस समय बिहार शर्मसार नहीं हुआ और जब अभी आईआईएम खुल रहे हैं, उन्हें शर्मसार होता नजर आ रहा है. बिहार एनडीए के शासनकाल में विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है.