पटना: कोरोना की दूसरी लहर में राज्य स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. सरकार कोरोना के गंभीर हालात से निपटने में विफल साबित हो रही है. सोमवार की स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली समेत कई मांगों को लेकर पीएमसीएच के गेट पर सीपीआई, एआईएसएफ, एआईवाईएफ कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. मांगे नहीं माने जाने पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से इस्तीफे की मांग की.
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पीएमसीएच गेट पर प्रदर्शन
लेफ्ट कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग अपनाते हुए हैंड बोर्ड पर अपनी मांगों को लिखकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. एआईएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार ने कहा कि एक तरफ सरकार द्वारा अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं किए जाने पर लोगों की जान जा रही है. वहीं दूसरी और प्राइवेट अस्पतालों में पूरी तरीके से लूट मची हुई है. सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति कर पाने में सरकार विफल रही है. सरकार सभी प्राइवेट अस्पतालों को अधिग्रहित कर स्वास्थ्य व्यवस्था का पूर्णता राष्ट्रीयकरण करें.
पत्रकारों को 50 लाख बीमा दे सरकार
वहीं उन्होंने कहा कि सरकार ने पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर मानते हुए टीकाकरण का ऐलान तो किया है. लेकिन अन्य फ्रंटलाइन वर्कर की तरह पत्रकारों को 50 लाख का बीमा सरकार ने नहीं दिया है. हमारी मांग है कि सरकार पत्रकारों के लिए 50 लाख का बीमा की गारंटी करें. बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति को सुधारें या फिर गद्दी छोड़ दें. सभी मरीजों के लिए ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, बेड और उचित सभी व्यवस्था की गारंटी सरकार करें.
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पूंजीपतियों पर टैक्स लगाने की मांग
साथ उन्होंने कहा कि देश के बड़े पूंजीपतियों पर 10 फीसदी कोरोना कर लगाकर देशभर में आम लोगों को एंबुलेंस सेवा निशुल्क करें. आरटी पीसीआर की रिपोर्ट 48 घंटे में देना सुनिश्चित करें. अगर इन सब में अभी भी सरकार विफल रहती है तो स्वास्थ्य मंत्री अपना इस्तीफा दें. अगर सरकार ने हमारी मांगे नहीं मानी तो हम आगे भी प्रदर्शन करेंगे.