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World Health Day: कोरोना के बाद से इन बीमारियों के बढ़ गए हैं मामले, जानिए बचने के क्या हैं उपाय?

दुनिया भर में 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर पटना के डॉ मनोज कुमार सिन्हा से बीमारियों से बचने के कई उपाय बताए हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना के बाद से अस्पतालों में कई बीमारियों के मामले पहले की तुलना में ज्यादा आ रहे हैं, जिनमें कई बामारियां बहुत घातक भी हैं.

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Published : Apr 7, 2023, 8:31 AM IST

डॉ मनोज कुमार सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर अस्पताल
डॉ मनोज कुमार सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर अस्पताल

पटनाः आज विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जा रहा है. इस बार विश्व स्वास्थ्य दिवस का थीम है 'सभी के लिए स्वास्थ्य'. ऐसे में जानते हैं कि कोरोना काल के बाद से किन बीमारियों के मामले अधिक बढ़ गए हैं और इससे बचने के लिए लोगों को किस प्रकार की जीवनशैली और खानपान की आवश्यकता है. पटना के इनकम टैक्स चौराहा स्थित न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा बताते हैं कि कोरोना के बाद से अस्पतालों में कई बीमारियों के मामले पहले की तुलना में ज्यादा आ रहे हैं. इसमें जो सबसे प्रमुख है लोगों में सांस से संबंधित बीमारी और हृदय रोग के मामले.

ये भी पढ़ेंः Covid19 Effect : कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद भी 1 से ज्यादा बीमारियों का रहता है खतरा, बरतें ये सावधानी

पहले से काफी बढ़ी ये बीमारियांः कई बीमारियां पहले से काफी बढ़ गई हैं. हंफनी की शिकायत, सांस लेने में परेशानी, मधुमेह के मामले (खासकर कम उम्र के वयस्कों में), उच्च रक्तचाप के मामले, याददाश्त कमजोर होने की शिकाय, हृदय रोग के मामले, खासकर यंग एज के लोगों में, इम्यूनिटी लेवल का कमजोर होना, ओबेसिटी के मामले, त्वचा में जलन और खुजली की समस्या, डिप्रेशन की शिकायत, नींद की कमी और बेचैनी, आई साइट लॉस की शिकायत और किडनी संबंधित बीमारी के मामले. डॉ मनोज कुमार सिन्हा बताते हैं कि कोरोना के बाद से लोगों में सांस लेने में दिक्कत की समस्या काफी बढ़ गई है. इसके अलावा बेचैनी, डिप्रेशन नींद में कमी भी प्रमुख शिकायतें हैं.

"कोरोना के बाद से मधुमेह के मामले भी यंग उम्र के लोगों में बढ़े हैं. इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर के मामले भी बढ़ें हैं. इसके साथ ही हृदय रोग संबंधित मामले भी काफी बढ़ गए हैं. पहले जो हृदय रोग के हल्के-फुल्के लक्षणों से ग्रसित थे उनके सिम्टम्स गंभीर हो गए हैं. कोरोना के बाद से जो सबसे बड़ी समस्या देखने को मिल रही है लोगों की याददाश्त में कमी की समस्या इसके अलावा किडनी रोग की समस्या भी बढ़ी है. लोगों का इम्यूनिटी लेवल भी काफी कमजोर हुआ है. इसके पीछे जो कारण है वह यह है कि कोरोना के समय लोगों ने स्ट्राइड वाली दवाइयों का अधिक मात्रा में सेवन किया है"- डॉ मनोज कुमार सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर अस्पताल


मोबाइल से बढ़ रही त्वचा संबंधित बीमारीः डॉ मनोज कुमार सिन्हा बताते हैं कि कोरोना के समय जो लाइफस्टाइल हुआ उस वजह से लोगों में मोटापा की समस्या भी बढ़ी है, इसके अलावा लोग मोबाइल स्क्रीन पर अधिक समय देने लगे अधिक एप्लीकेशन का यूज करने लगे जिस वजह से आई विजन लॉस होने की समस्या भी बढ़े हैं. कोरोना के समय में स्ट्राइड वाली दवाइयों का लोगों ने सेवन किया इसका परिणाम त्वचा संबंधित बीमारियों में इजाफा के तौर पर भी देखने को मिल रहा है.

'खुद को सोशलाइज करें और मोबाइल से दूर रहें' : डॉ मनोज ने विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर लोगों से अपील की है कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है सुपाच्य भोजन का सेवन करें और तैलीय भोजन से परहेज करें. फास्ट फूड और जंक फूड अधिक मात्रा में सेवन ना करें. इसके अलावा दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करें और कम से कम है 20 मिनट सुबह में वॉक करें. बिना चिकित्सीय परामर्श के कोई भी दर्द की गोली और अन्य दवाइयों का सेवन ना करें. खुशनुमा माहौल में रहे. खुद को सोशलाइज करें और एक कमरे में बंद होकर रहने के बजाय अधिक से अधिक लोगों से मिलजुल कर रहे बातें करें. मोबाइल गैजेट्स का कम इस्तेमाल करें और यदि अधिक देर मोबाइल यूज़ करना है तो यूवीरे प्रोटेक्शन ग्लास का इस्तेमाल करें. अधिक तनाव पैदा करने वाले न्यूज और टीवी डिबेट से बचकर रहें और बेवजह का तनाव ना लें.

पटनाः आज विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जा रहा है. इस बार विश्व स्वास्थ्य दिवस का थीम है 'सभी के लिए स्वास्थ्य'. ऐसे में जानते हैं कि कोरोना काल के बाद से किन बीमारियों के मामले अधिक बढ़ गए हैं और इससे बचने के लिए लोगों को किस प्रकार की जीवनशैली और खानपान की आवश्यकता है. पटना के इनकम टैक्स चौराहा स्थित न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा बताते हैं कि कोरोना के बाद से अस्पतालों में कई बीमारियों के मामले पहले की तुलना में ज्यादा आ रहे हैं. इसमें जो सबसे प्रमुख है लोगों में सांस से संबंधित बीमारी और हृदय रोग के मामले.

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पहले से काफी बढ़ी ये बीमारियांः कई बीमारियां पहले से काफी बढ़ गई हैं. हंफनी की शिकायत, सांस लेने में परेशानी, मधुमेह के मामले (खासकर कम उम्र के वयस्कों में), उच्च रक्तचाप के मामले, याददाश्त कमजोर होने की शिकाय, हृदय रोग के मामले, खासकर यंग एज के लोगों में, इम्यूनिटी लेवल का कमजोर होना, ओबेसिटी के मामले, त्वचा में जलन और खुजली की समस्या, डिप्रेशन की शिकायत, नींद की कमी और बेचैनी, आई साइट लॉस की शिकायत और किडनी संबंधित बीमारी के मामले. डॉ मनोज कुमार सिन्हा बताते हैं कि कोरोना के बाद से लोगों में सांस लेने में दिक्कत की समस्या काफी बढ़ गई है. इसके अलावा बेचैनी, डिप्रेशन नींद में कमी भी प्रमुख शिकायतें हैं.

"कोरोना के बाद से मधुमेह के मामले भी यंग उम्र के लोगों में बढ़े हैं. इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर के मामले भी बढ़ें हैं. इसके साथ ही हृदय रोग संबंधित मामले भी काफी बढ़ गए हैं. पहले जो हृदय रोग के हल्के-फुल्के लक्षणों से ग्रसित थे उनके सिम्टम्स गंभीर हो गए हैं. कोरोना के बाद से जो सबसे बड़ी समस्या देखने को मिल रही है लोगों की याददाश्त में कमी की समस्या इसके अलावा किडनी रोग की समस्या भी बढ़ी है. लोगों का इम्यूनिटी लेवल भी काफी कमजोर हुआ है. इसके पीछे जो कारण है वह यह है कि कोरोना के समय लोगों ने स्ट्राइड वाली दवाइयों का अधिक मात्रा में सेवन किया है"- डॉ मनोज कुमार सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर अस्पताल


मोबाइल से बढ़ रही त्वचा संबंधित बीमारीः डॉ मनोज कुमार सिन्हा बताते हैं कि कोरोना के समय जो लाइफस्टाइल हुआ उस वजह से लोगों में मोटापा की समस्या भी बढ़ी है, इसके अलावा लोग मोबाइल स्क्रीन पर अधिक समय देने लगे अधिक एप्लीकेशन का यूज करने लगे जिस वजह से आई विजन लॉस होने की समस्या भी बढ़े हैं. कोरोना के समय में स्ट्राइड वाली दवाइयों का लोगों ने सेवन किया इसका परिणाम त्वचा संबंधित बीमारियों में इजाफा के तौर पर भी देखने को मिल रहा है.

'खुद को सोशलाइज करें और मोबाइल से दूर रहें' : डॉ मनोज ने विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर लोगों से अपील की है कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है सुपाच्य भोजन का सेवन करें और तैलीय भोजन से परहेज करें. फास्ट फूड और जंक फूड अधिक मात्रा में सेवन ना करें. इसके अलावा दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करें और कम से कम है 20 मिनट सुबह में वॉक करें. बिना चिकित्सीय परामर्श के कोई भी दर्द की गोली और अन्य दवाइयों का सेवन ना करें. खुशनुमा माहौल में रहे. खुद को सोशलाइज करें और एक कमरे में बंद होकर रहने के बजाय अधिक से अधिक लोगों से मिलजुल कर रहे बातें करें. मोबाइल गैजेट्स का कम इस्तेमाल करें और यदि अधिक देर मोबाइल यूज़ करना है तो यूवीरे प्रोटेक्शन ग्लास का इस्तेमाल करें. अधिक तनाव पैदा करने वाले न्यूज और टीवी डिबेट से बचकर रहें और बेवजह का तनाव ना लें.

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