नई दिल्ली/पटना: जेएनयू शिक्षक संघ और छात्र संघ द्वारा बुलाए गए सिटीजन मार्च में शामिल होने के लिए जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी पहुंचे. उन्होंने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है, क्योंकि हमने जेएनयू का नमक खाया है और ये नमक अदायगी का वक्त है. जेएनयू देश का नमक खाता है तो जेएनयू देश के साथ नमक अदायगी कर रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि जेएनयू में देश की शिक्षा बचाने की लड़ाई है. क्योंकि अगर फीस में बढ़ोतरी होगी तो कमजोर तबके से आने वाले छात्रों को अच्छी शिक्षा नहीं मिलेगी.
इस दौरान उन्होंने रविवार को हुई हिंसा की निंदा की और उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. साथ ही कहा कि पूरे विश्वविद्यालय को एंटी नेशनल कहना पूरी तरह से गलत है.
'छात्र ही नहीं शिक्षकों को भी बनाया निशाना'
कन्हैया कुमार ने कहा कि हम फीस वृद्धि को वापस लेने के लिए सड़क से संसद तक उतरे. पुलिस के डंडे खाए और प्रशासन ने इन्क्वारी बैठा दी. लेकिन फिर भी नहीं डरे तो रविवार को छात्रों को गुंडों से मरवा दिया जाता है. लेकिन केवल छात्रों को ही नहीं बल्कि शिक्षकों को भी पीटा गया है. उन्होंने कहा कि जो ये बोले रहे हैं कि छात्रों के दो गुट भिड़ गए हैं तो शिक्षकों का सिर कैसे फट गया है. कन्हैया ने कहा कि यह सुनियोजित तरीके से रची गई हिंसा है.
सुरक्षा पर उठाए सवाल
कन्हैया कुमार ने इस दौरान जेएनयू में मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाया और कहा कि ये मुमकिन ही नहीं है कि बिना पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की मिलीभगत से कोई बाहर का कैंपस के अंदर आ जाए. उन्होंने कहा कि यह सब प्रशासन की देखरेख में हुआ है. इसके लिए सीधे तौर पर जेएनयू प्रशासन और केंद्र सरकार जिम्मेदार है.
कन्हैया कुमार ने कहा कि छात्रों को हिंसा में घायल हुए करीब चार दिन बीत चुके हैं. लेकिन जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर एम.जगदीश कुमार, गृह मंत्री अमित शाह की तरह बोल रहे हैं कि हमारे दरवाजे हमेशा के लिए खुले हैं. लेकिन क्या कभी देखा है कि जो व्यक्ति घायल होता है वह मिलने के लिए जाता है.
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'जेएनयू को बदनाम करने की हो रही कोशिश'
कन्हैया कुमार ने कहा कि जब से मौजूदा सरकार सत्ता में आई है, आए दिन किसी न किसी वजह से जेएनयू पर निशाना साधती रहती है. उन्होंने कहा कि यह सरकार मुझे टुकड़े टुकड़े गैंग का सरगना कहती है और मैं इस नाम को गर्व से कबूल करता हूं और कहता हूं कि हां मैं टुकड़े गैंग का मुखिया हूं. लेकिन बीजेपी के टुकड़े-टुकड़े मैं ही करूंगा.
साथ ही उन्होंने इस मौके पर विदेश राज्य मंत्री एस.जयशंकर के टुकड़े-टुकड़े गैंग के बयान पर भी निशाना साधा. कन्हैया कुमार ने कहा कि इस सरकार के दो मंत्री भी जेएनयू से हैं. यह सरकार जेएनयू पर कुछ बोलने से पहले क्यों भूल जाती है.
'दीपिका पादुकोण के जेएनयू आने में दर्द क्यों?'
कन्हैया कुमार ने फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के जेएनयू के छात्रों के समर्थन में आने को लेकर कहा कि इन लोगों को क्यों दर्द हो रहा है. जब वह हम सभी के समर्थन में जेएनयू पहुंची थी. कन्हैया कुमार ने कहा कि जो भी हमारे समर्थन में आ जाए वह देशद्रोही कैसे हो गया. उन्होंने कहा कि जो लोग फिल्म छपाक का विरोध करने की बात कर रहे हैं, वो केवल दिखावा है.
उन्होंने कहा कि कुलपति प्रोफेसर एम.जगदीश कुमार रविवार को हुई हिंसा के बाद अब अपनी कुर्सी पर बैठने के लायक नहीं है. उन्हें तत्काल प्रभाव से कुलपति के पद से हटना होगा, तभी जाकर प्रदर्शन थमेगा.