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छात्रों के समर्थन में JNU पहुंचे कन्हैया, कहा- BJP को सता रहा है 'टुकड़े-टुकड़े' होने का डर

पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी गुरुवार को जेएनयू छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन करने पहुंचे. इस दौरान कन्हैया ने कहा कि ये हमारी जिम्मेदारी है क्योंकि हमने जेएनयू का नमक खाया है और ये नमक अदायगी का वक्त है.

kanhaiya kumar reaction on jnu students protest
जेएनयू छात्रों के समर्थन में पहुंचे कन्हैया कुमार
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Published : Jan 10, 2020, 10:21 AM IST

नई दिल्ली/पटना: जेएनयू शिक्षक संघ और छात्र संघ द्वारा बुलाए गए सिटीजन मार्च में शामिल होने के लिए जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी पहुंचे. उन्होंने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है, क्योंकि हमने जेएनयू का नमक खाया है और ये नमक अदायगी का वक्त है. जेएनयू देश का नमक खाता है तो जेएनयू देश के साथ नमक अदायगी कर रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि जेएनयू में देश की शिक्षा बचाने की लड़ाई है. क्योंकि अगर फीस में बढ़ोतरी होगी तो कमजोर तबके से आने वाले छात्रों को अच्छी शिक्षा नहीं मिलेगी.

इस दौरान उन्होंने रविवार को हुई हिंसा की निंदा की और उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. साथ ही कहा कि पूरे विश्वविद्यालय को एंटी नेशनल कहना पूरी तरह से गलत है.

'छात्र ही नहीं शिक्षकों को भी बनाया निशाना'
कन्हैया कुमार ने कहा कि हम फीस वृद्धि को वापस लेने के लिए सड़क से संसद तक उतरे. पुलिस के डंडे खाए और प्रशासन ने इन्क्वारी बैठा दी. लेकिन फिर भी नहीं डरे तो रविवार को छात्रों को गुंडों से मरवा दिया जाता है. लेकिन केवल छात्रों को ही नहीं बल्कि शिक्षकों को भी पीटा गया है. उन्होंने कहा कि जो ये बोले रहे हैं कि छात्रों के दो गुट भिड़ गए हैं तो शिक्षकों का सिर कैसे फट गया है. कन्हैया ने कहा कि यह सुनियोजित तरीके से रची गई हिंसा है.

देखें ये रिपोर्ट

सुरक्षा पर उठाए सवाल
कन्हैया कुमार ने इस दौरान जेएनयू में मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाया और कहा कि ये मुमकिन ही नहीं है कि बिना पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की मिलीभगत से कोई बाहर का कैंपस के अंदर आ जाए. उन्होंने कहा कि यह सब प्रशासन की देखरेख में हुआ है. इसके लिए सीधे तौर पर जेएनयू प्रशासन और केंद्र सरकार जिम्मेदार है.

कन्हैया कुमार ने कहा कि छात्रों को हिंसा में घायल हुए करीब चार दिन बीत चुके हैं. लेकिन जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर एम.जगदीश कुमार, गृह मंत्री अमित शाह की तरह बोल रहे हैं कि हमारे दरवाजे हमेशा के लिए खुले हैं. लेकिन क्या कभी देखा है कि जो व्यक्ति घायल होता है वह मिलने के लिए जाता है.

ये भी पढ़ें: सुशील मोदी बोले- GeM पोर्टल से अगले 3 महीने में 300 करोड़ रुपये की और होगी खरीददारी

'जेएनयू को बदनाम करने की हो रही कोशिश'
कन्हैया कुमार ने कहा कि जब से मौजूदा सरकार सत्ता में आई है, आए दिन किसी न किसी वजह से जेएनयू पर निशाना साधती रहती है. उन्होंने कहा कि यह सरकार मुझे टुकड़े टुकड़े गैंग का सरगना कहती है और मैं इस नाम को गर्व से कबूल करता हूं और कहता हूं कि हां मैं टुकड़े गैंग का मुखिया हूं. लेकिन बीजेपी के टुकड़े-टुकड़े मैं ही करूंगा.

साथ ही उन्होंने इस मौके पर विदेश राज्य मंत्री एस.जयशंकर के टुकड़े-टुकड़े गैंग के बयान पर भी निशाना साधा. कन्हैया कुमार ने कहा कि इस सरकार के दो मंत्री भी जेएनयू से हैं. यह सरकार जेएनयू पर कुछ बोलने से पहले क्यों भूल जाती है.

'दीपिका पादुकोण के जेएनयू आने में दर्द क्यों?'
कन्हैया कुमार ने फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के जेएनयू के छात्रों के समर्थन में आने को लेकर कहा कि इन लोगों को क्यों दर्द हो रहा है. जब वह हम सभी के समर्थन में जेएनयू पहुंची थी. कन्हैया कुमार ने कहा कि जो भी हमारे समर्थन में आ जाए वह देशद्रोही कैसे हो गया. उन्होंने कहा कि जो लोग फिल्म छपाक का विरोध करने की बात कर रहे हैं, वो केवल दिखावा है.

उन्होंने कहा कि कुलपति प्रोफेसर एम.जगदीश कुमार रविवार को हुई हिंसा के बाद अब अपनी कुर्सी पर बैठने के लायक नहीं है. उन्हें तत्काल प्रभाव से कुलपति के पद से हटना होगा, तभी जाकर प्रदर्शन थमेगा.

नई दिल्ली/पटना: जेएनयू शिक्षक संघ और छात्र संघ द्वारा बुलाए गए सिटीजन मार्च में शामिल होने के लिए जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी पहुंचे. उन्होंने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है, क्योंकि हमने जेएनयू का नमक खाया है और ये नमक अदायगी का वक्त है. जेएनयू देश का नमक खाता है तो जेएनयू देश के साथ नमक अदायगी कर रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि जेएनयू में देश की शिक्षा बचाने की लड़ाई है. क्योंकि अगर फीस में बढ़ोतरी होगी तो कमजोर तबके से आने वाले छात्रों को अच्छी शिक्षा नहीं मिलेगी.

इस दौरान उन्होंने रविवार को हुई हिंसा की निंदा की और उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. साथ ही कहा कि पूरे विश्वविद्यालय को एंटी नेशनल कहना पूरी तरह से गलत है.

'छात्र ही नहीं शिक्षकों को भी बनाया निशाना'
कन्हैया कुमार ने कहा कि हम फीस वृद्धि को वापस लेने के लिए सड़क से संसद तक उतरे. पुलिस के डंडे खाए और प्रशासन ने इन्क्वारी बैठा दी. लेकिन फिर भी नहीं डरे तो रविवार को छात्रों को गुंडों से मरवा दिया जाता है. लेकिन केवल छात्रों को ही नहीं बल्कि शिक्षकों को भी पीटा गया है. उन्होंने कहा कि जो ये बोले रहे हैं कि छात्रों के दो गुट भिड़ गए हैं तो शिक्षकों का सिर कैसे फट गया है. कन्हैया ने कहा कि यह सुनियोजित तरीके से रची गई हिंसा है.

देखें ये रिपोर्ट

सुरक्षा पर उठाए सवाल
कन्हैया कुमार ने इस दौरान जेएनयू में मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाया और कहा कि ये मुमकिन ही नहीं है कि बिना पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की मिलीभगत से कोई बाहर का कैंपस के अंदर आ जाए. उन्होंने कहा कि यह सब प्रशासन की देखरेख में हुआ है. इसके लिए सीधे तौर पर जेएनयू प्रशासन और केंद्र सरकार जिम्मेदार है.

कन्हैया कुमार ने कहा कि छात्रों को हिंसा में घायल हुए करीब चार दिन बीत चुके हैं. लेकिन जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर एम.जगदीश कुमार, गृह मंत्री अमित शाह की तरह बोल रहे हैं कि हमारे दरवाजे हमेशा के लिए खुले हैं. लेकिन क्या कभी देखा है कि जो व्यक्ति घायल होता है वह मिलने के लिए जाता है.

ये भी पढ़ें: सुशील मोदी बोले- GeM पोर्टल से अगले 3 महीने में 300 करोड़ रुपये की और होगी खरीददारी

'जेएनयू को बदनाम करने की हो रही कोशिश'
कन्हैया कुमार ने कहा कि जब से मौजूदा सरकार सत्ता में आई है, आए दिन किसी न किसी वजह से जेएनयू पर निशाना साधती रहती है. उन्होंने कहा कि यह सरकार मुझे टुकड़े टुकड़े गैंग का सरगना कहती है और मैं इस नाम को गर्व से कबूल करता हूं और कहता हूं कि हां मैं टुकड़े गैंग का मुखिया हूं. लेकिन बीजेपी के टुकड़े-टुकड़े मैं ही करूंगा.

साथ ही उन्होंने इस मौके पर विदेश राज्य मंत्री एस.जयशंकर के टुकड़े-टुकड़े गैंग के बयान पर भी निशाना साधा. कन्हैया कुमार ने कहा कि इस सरकार के दो मंत्री भी जेएनयू से हैं. यह सरकार जेएनयू पर कुछ बोलने से पहले क्यों भूल जाती है.

'दीपिका पादुकोण के जेएनयू आने में दर्द क्यों?'
कन्हैया कुमार ने फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के जेएनयू के छात्रों के समर्थन में आने को लेकर कहा कि इन लोगों को क्यों दर्द हो रहा है. जब वह हम सभी के समर्थन में जेएनयू पहुंची थी. कन्हैया कुमार ने कहा कि जो भी हमारे समर्थन में आ जाए वह देशद्रोही कैसे हो गया. उन्होंने कहा कि जो लोग फिल्म छपाक का विरोध करने की बात कर रहे हैं, वो केवल दिखावा है.

उन्होंने कहा कि कुलपति प्रोफेसर एम.जगदीश कुमार रविवार को हुई हिंसा के बाद अब अपनी कुर्सी पर बैठने के लायक नहीं है. उन्हें तत्काल प्रभाव से कुलपति के पद से हटना होगा, तभी जाकर प्रदर्शन थमेगा.

Intro:नई दिल्ली ।

जेएनयू शिक्षक संघ और छात्र संघ द्वारा बुलाए गए सिटीजन मार्च में शामिल होने के लिए जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी पहुंचे. उन्होंने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है क्योंकि हमने जेएनयू का नामक खाया है और ये नामक अदायगी का वक़्त है और जेएनयू देश का नामक खाता है तो जेएनयू देश के साथ नामक अदायगी कर रहा है. साथ ही कहा कि जेएनयू में देश की शिक्षा बचाने की लड़ाई है क्योंकि अगर फीस वृद्धि होगी तो कमजोर तबके से आने वाले छात्रों को अच्छी शिक्षा नहीं मिलेगी.
इस दौरान उन्होंने रविवार को हुई हिंसा की निंदा और उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा पूरे विश्वविद्यालय को एन्टी नेशनल कहना पूरी तरह से गलत है.


Body:छात्र ही नहीं शिक्षकों को भी बनाया निशाना

वहीं कन्हैया कुमार ने फीस वृद्धि को वापस लेने के लिए सड़क से संसद तक उतरे पुलिस के डंडे खाये और प्रशासन ने इन्क्वारी बिठा दी लेकिन फिर भी नहीं डरे तो रविवार को छात्रों को गुंडों से मरवा दिया जाता है. लेकिन केवल छात्रों को ही नहीं बल्कि शिक्षकों को भी पीटा गया है. उन्होंने कहा कि जो यह बोले रहे हैं कि छात्रों का दो गुट भीड़ गए हैं तो शिक्षकों का सिर कैसे फट गया है.कन्हैया ने कहा कि यह सुनियोजित तरीके से रची गई हिंसा है.

सुरक्षा पर उठाए सवाल

वहीं कन्हैया कुमार ने इस दौरान जेएनयू में मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाया और कहा कि यह मुमकिन ही नहीं है कि बिना पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की मिलीभगत से कोई बाहर का कैंपस के अंदर आ जाए. उन्होंने कहा कि यह सब प्रशासन की देखरेख में हुआ है इसके लिए सिरे से जेएनयू प्रशासन और केंद्र सरकार जिम्मेदार है. कन्हैया कुमार ने कहा कि छात्रों को हिंसा में घायल हुए करीब चार दिन बीत चुके हैं लेकिन जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार गृह मंत्री अमित शाह की तरह बोल रहे हैं कि हमारे दरवाजे हमेशा के लिए खुले हैं लेकिन क्या कभी देखा है कि जो व्यक्ति घायल होता है वह मिलने के लिए जाता है.

जेएनयू को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है

कन्हैया कुमार ने कहा कि जब से मौजूदा सरकार सत्ता में आई है आए दिन किसी न किसी वजह से जेएनयू पर निशान साधती रहती है. उन्होंने कहा कि यह सरकार मुझे टुकड़े टुकड़े गैंग का सरगना कहती है और मैं इस नाम को गर्व से कबूल करता हूं और कहता हूं कि हां मैं टुकड़े गैंग का मुखिया हूं. लेकिन बीजेपी के टुकड़े टुकड़े मैं ही करूंगा. साथ ही उन्होंने इस मौके पर विदेश राज्य मंत्री एस. जय शंकर को टुकड़े टुकड़े गैंग के बयान भी निशाना साधा. वहीं कन्हैया कुमार ने कहा कि इस सरकार के दो मंत्री भी जेएनयू से है यह सरकार जेएनयू पर कुछ बोलने से पहले क्यों भूल जाती है.

दीपिका पादुकोण के जेएनयू आने में दर्द क्यों

वहीं उन्होंने फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के जेएनयू के छात्रों के समर्थन में आने को लेकर कहा कि इन लोगों को क्यों दर्द हो रहा है जब वह हम सभी के समर्थन में जेएनयू पहुंची थी. कन्हैया कुमार ने कहा कि जो भी हमारे समर्थन में आ जाए वह देश द्रोही कैसे हो गया. उन्होंने कहा कि जो यह लोग फ़िल्म छपाक का विरोध करने की बात कर रहे हैं केवल दिखावा है.






Conclusion:उन्होंने कहा कि कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार रविवार को हुई हिंसा के बाद अब अपनी कुर्सी पर बैठने के लायक नहीं है उन्हें तत्काल प्रभाव से कुलपति के पद से हटना होगा तभी जाकर प्रदर्शन थमेगा.
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