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मुंबई में 2024 की दूसरी सबसे बड़ी साइबर धोखाधड़ी, फेक शेयर ट्रेडिंग ऐप से 11 करोड़ ठगे - CYBER FRAUD

मुंबई में साइबर ठगों ने फेक शेयर ट्रेडिंग ऐप से 75 वर्षीय रिटायर्ड शिप कप्तान से लगभग 11.16 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की.

Mumbai resident loses over RS 11 crore in online share trading fraud
मुंबई में 2024 की दूसरी सबसे बड़ी साइबर धोखाधड़ी, फर्जी ऐप से 11 करोड़ रुपये की ठगी (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 27, 2024, 10:58 PM IST

मुंबई: मुंबई में साइबर धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया है. पुलिस के मुताबिक, साइबर ठगों ने शेयर ट्रेडिंग घोटाले के माध्यम से कोलाबा के 75 वर्षीय सेवानिवृत्त जहाज कप्तान से लगभग 11.16 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की. साइबर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी.

रिपोर्ट के मुताबिक, यह मुंबई में इस साल दूसरी सबसे बड़ी साइबर ठगी है. इससे पहले, अप्रैल में शहर के एक वरिष्ठ नागरिक से साइबर धोखाधड़ी के जरिये करीब 25 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने एफआईआर में बताया कि 19 अगस्त, 2024 को, शिकायतकर्ता का मोबाइल नंबर एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया था, जिसमें एक प्रमुख वित्तीय सेवा कंपनी का नाम था. अन्या स्मिथ नाम की एक महिला ने ग्रुप पर जानकारी अपलोड की और सदस्यों से पूछा कि क्या वे उनके प्लेटफॉर्म और रणनीति के माध्यम से शेयर बाजार में निवेश करने के लिए तैयार हैं. व्हाट्सएप ग्रुप का नाम वास्तविक लगने पर पीड़ित व्यक्ति ने महिला को अपनी सहमति दे दी, जो शेयर बाजार में नियमित रूप से निवेश करते थे.

एफआईआर में कहा गया, इसके बाद, स्मिथ ने अपना नाम दूसरे ग्रुप में जोड़ा और एक लिंक भी शेयर किया. पीड़ित ने लिंक पर क्लिक किया और ट्रेडिंग के लिए कंपनी का ऐप डाउनलोड किया. इसके बाद, उन्हें स्मिथ और उनके सहयोगियों से संस्थागत अकाउंट ट्रेडिंग, ओटीसी ट्रेडिंग, आईपीओ आदि के बारे में संदेश मिलने लगे. इसके बाद उन्हें स्मिथ और उसके सहयोगियों द्वारा सुझाए गए स्टॉक में निवेश करने के लिए विभिन्न बैंक खातों में पैसे भेजने के लिए मजबूर किया गया. कई बैंक खातों पर संदेह जताते हुए जब शिकायतकर्ता ने उससे इस बारे में पूछा, तो उसने उसे बताया कि यह टैक्स बचाने के लिए किया जा रहा है.

एफआईआर में कहा गया है कि 5 सितंबर से 19 अक्टूबर के बीच शिकायतकर्ता ने आरोपियों के निर्देश पर विभिन्न बैंक खातों में 22 ट्रांजैक्शन में 11.16 करोड़ रुपये भेजे. सूत्रों के मुताबिक, पैसा भेजते समय उन्होंने ने ज्यादा संदेह नहीं जताया, क्योंकि कंपनी के ऐप पर देखा जा सकता था कि पैसा उसके खाते में जमा हो रहा है और साथ ही निवेश पर अर्जित लाभ भी दिख रहा था.

पीड़ित बुजुर्ग ने बताया कि जब उसने लाभ निकालने की कोशिश की, तो उसका अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया. फिर उन्होंने अपना लाभ निकालने में सहायता के लिए स्मिथ से संपर्क किया. इसके बाद स्मिथ ने कहा कि उन्हें पूरी रकम पर 20 प्रतिशत सर्विस टैक्स देना होगा. उन्होंने 'सर्विस टैक्स' भी चुका दिया. इसके बावजूद उससे पैसे निकालने के लिए अन्य शुल्क के लिए अधिक पैसे देने को कहा गया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इससे उन्हें लगा कि उनके साथ धोखाधड़ी हो रही है.

बुजुर्ग व्यक्ति अपनी शंकाओं को दूर करने और शिकायत दर्ज कराने के लिए वित्तीय सेवा कंपनी के मुख्य कार्यालय गए. वहां उन्हें यह जानकर झटका लगा कि उन्होंने एक धोखाधड़ी वाली कंपनी में पैसा लगाया है. इसके बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई.

पीड़ित की शिकायत पर साइबर पुलिस ने दो अज्ञात ठगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक पुलिस जांच में पता चला कि कंपनी के बैंक खाते यूको बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, केनरा बैंक, बंधन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और कैथोलिक सीरियन बैंक में अलग-अलग व्यक्तियों के पास थे, जिनमें शिकायतकर्ता से निवेश के उद्देश्य से पैसे जमा करवाए गए थे. इनकी शाखाएं भोपाल, बांद्रा (मुंबई), नागपुर, सूरत, हैदराबाद, गाजीपुर, लखनऊ, बनासकांठा, हावड़ा, भरूच, भिलाई और जयपुर में हैं.

अब साइबर पुलिस के जांच अधिकारी संबंधित बैंकों को पत्र लिखकर इन खातों के विवरण हासिल कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- एयर इंडिया की पायलट अपार्टमेंट में मृत मिली, बॉयफ्रेंड गिरफ्तार, गोरखपुर निवासी परिवार ने लगाए गंभीर आरोप

मुंबई: मुंबई में साइबर धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया है. पुलिस के मुताबिक, साइबर ठगों ने शेयर ट्रेडिंग घोटाले के माध्यम से कोलाबा के 75 वर्षीय सेवानिवृत्त जहाज कप्तान से लगभग 11.16 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की. साइबर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी.

रिपोर्ट के मुताबिक, यह मुंबई में इस साल दूसरी सबसे बड़ी साइबर ठगी है. इससे पहले, अप्रैल में शहर के एक वरिष्ठ नागरिक से साइबर धोखाधड़ी के जरिये करीब 25 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने एफआईआर में बताया कि 19 अगस्त, 2024 को, शिकायतकर्ता का मोबाइल नंबर एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया था, जिसमें एक प्रमुख वित्तीय सेवा कंपनी का नाम था. अन्या स्मिथ नाम की एक महिला ने ग्रुप पर जानकारी अपलोड की और सदस्यों से पूछा कि क्या वे उनके प्लेटफॉर्म और रणनीति के माध्यम से शेयर बाजार में निवेश करने के लिए तैयार हैं. व्हाट्सएप ग्रुप का नाम वास्तविक लगने पर पीड़ित व्यक्ति ने महिला को अपनी सहमति दे दी, जो शेयर बाजार में नियमित रूप से निवेश करते थे.

एफआईआर में कहा गया, इसके बाद, स्मिथ ने अपना नाम दूसरे ग्रुप में जोड़ा और एक लिंक भी शेयर किया. पीड़ित ने लिंक पर क्लिक किया और ट्रेडिंग के लिए कंपनी का ऐप डाउनलोड किया. इसके बाद, उन्हें स्मिथ और उनके सहयोगियों से संस्थागत अकाउंट ट्रेडिंग, ओटीसी ट्रेडिंग, आईपीओ आदि के बारे में संदेश मिलने लगे. इसके बाद उन्हें स्मिथ और उसके सहयोगियों द्वारा सुझाए गए स्टॉक में निवेश करने के लिए विभिन्न बैंक खातों में पैसे भेजने के लिए मजबूर किया गया. कई बैंक खातों पर संदेह जताते हुए जब शिकायतकर्ता ने उससे इस बारे में पूछा, तो उसने उसे बताया कि यह टैक्स बचाने के लिए किया जा रहा है.

एफआईआर में कहा गया है कि 5 सितंबर से 19 अक्टूबर के बीच शिकायतकर्ता ने आरोपियों के निर्देश पर विभिन्न बैंक खातों में 22 ट्रांजैक्शन में 11.16 करोड़ रुपये भेजे. सूत्रों के मुताबिक, पैसा भेजते समय उन्होंने ने ज्यादा संदेह नहीं जताया, क्योंकि कंपनी के ऐप पर देखा जा सकता था कि पैसा उसके खाते में जमा हो रहा है और साथ ही निवेश पर अर्जित लाभ भी दिख रहा था.

पीड़ित बुजुर्ग ने बताया कि जब उसने लाभ निकालने की कोशिश की, तो उसका अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया. फिर उन्होंने अपना लाभ निकालने में सहायता के लिए स्मिथ से संपर्क किया. इसके बाद स्मिथ ने कहा कि उन्हें पूरी रकम पर 20 प्रतिशत सर्विस टैक्स देना होगा. उन्होंने 'सर्विस टैक्स' भी चुका दिया. इसके बावजूद उससे पैसे निकालने के लिए अन्य शुल्क के लिए अधिक पैसे देने को कहा गया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इससे उन्हें लगा कि उनके साथ धोखाधड़ी हो रही है.

बुजुर्ग व्यक्ति अपनी शंकाओं को दूर करने और शिकायत दर्ज कराने के लिए वित्तीय सेवा कंपनी के मुख्य कार्यालय गए. वहां उन्हें यह जानकर झटका लगा कि उन्होंने एक धोखाधड़ी वाली कंपनी में पैसा लगाया है. इसके बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई.

पीड़ित की शिकायत पर साइबर पुलिस ने दो अज्ञात ठगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक पुलिस जांच में पता चला कि कंपनी के बैंक खाते यूको बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, केनरा बैंक, बंधन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और कैथोलिक सीरियन बैंक में अलग-अलग व्यक्तियों के पास थे, जिनमें शिकायतकर्ता से निवेश के उद्देश्य से पैसे जमा करवाए गए थे. इनकी शाखाएं भोपाल, बांद्रा (मुंबई), नागपुर, सूरत, हैदराबाद, गाजीपुर, लखनऊ, बनासकांठा, हावड़ा, भरूच, भिलाई और जयपुर में हैं.

अब साइबर पुलिस के जांच अधिकारी संबंधित बैंकों को पत्र लिखकर इन खातों के विवरण हासिल कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- एयर इंडिया की पायलट अपार्टमेंट में मृत मिली, बॉयफ्रेंड गिरफ्तार, गोरखपुर निवासी परिवार ने लगाए गंभीर आरोप

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