पटना: बिहार में बीपीएससी के मुख्य परीक्षा (BPSC Exam) के परिणाम (Result) पर भी अब राजनीतिक पार्टियां सवाल उठाने लगी है. जनतांत्रिक विकास पार्टी के अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा है कि किस हालात में पिछड़े वर्ग और सामान्य वर्ग (General Category ) का कट ऑफ मार्क (Cut off Marks) एक है.
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इस बातों का जवाब मुख्यमंत्री (CM) को देना होगा कि क्या बिहार से पिछड़े का आरक्षण समाप्त कर दिया गया है. अनिल सिंह ने आरोप लगाया कि बीपीएससी के रिजल्ट में भारी घालमेल हुआ है.
"नीतीश कुमार कमंडल के गोद मे बैठकर मंडल को भूल गए हैं यही कारण है कि उनके शह पर बीपीएससी के रिजल्ट में सामान्य श्रेणी और पिछड़ा श्रेणी का बराबर नंबर पर सेलेक्शन हुआ है. जो गलत है. अगर सरकार इसकी जांच नहीं करायेगी तो, हमारी पार्टी बहुत जल्द ही पूरे बिहार में इसको लेकर आंदोलन करेगी"- अनिल सिंह, अध्यक्ष, जनतांत्रिक विकास पार्टी
ओम प्रकाश गुप्ता को मिला पहला स्थान
बता दें कि 6 जून को बिहार सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया था. जिसमें ओम प्रकाश गुप्ता को पहला स्थान मिला है. जबकि विद्यासागर दूसरे और अनुराग आनंद तीसरे टॉपर बने हैं. कुल 1454 अभ्यर्थियों को 64वीं सिविल सेवा परीक्षा में सफलता मिली है.
3799 अभ्यर्थी को मिली सफलता
बिहार लोक सेवा आयोग ने 64वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के जरिए 1465 पदों के लिए वर्ष 2018 में आवेदन मांगे थे. कुल 471581 कैंडिडेट्स ने अप्लाई किया था. इनमें से 19109 कैंडिडेट्स को प्रारंभिक परीक्षा में सफलता मिली थी. जबकि मुख्य परीक्षा में कुल 3799 अभ्यर्थी सफल हुए.
आयोग ने दी सफाई
64वीं प्रतियोगिता परीक्षा के रिजल्ट में देरी को लेकर बिहार में लगातार सवाल खड़े हो रहे थे. विपक्ष ने भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था. अभ्यर्थी लगातार परेशान थे कि आखिर क्यों बिहार लोक सेवा आयोग इस परीक्षा के रिजल्ट में देरी कर रहा है. आज रिजल्ट जारी करते हुए बिहार लोक सेवा आयोग ने इस बारे में सफाई दी है.
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रिजल्ट में देर की वजह
बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से रिजल्ट के साथ यह जानकारी दी गई है कि 5 मई 2021 से 2 जून 2021 तक पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की गई. फिर भी इस अवधि में परीक्षा फल जारी करने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम कर्मियों के साथ परीक्षाफल तैयार करने की कार्रवाई की गई.