पटना: बिहार एनडीए में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं है. जातिगत जनगणना और स्पेशल स्टेटस समेत कई मुद्दों को लेकर पहले से ही घटक दलों में मतभेद थे. वहीं, सम्राट अशोक और औरंगजेब की तुलना को लेकर जेडीयू और बीजेपी में तनातनी (Dispute Between JDU and BJP) बढ़ गई है. शराबबंदी पर भी दोनों दलों में जबरदस्त टकराव की स्थिति है. जेडीयू के पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह ने भी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी, जिसके बाद बखेड़ा और बढ़ गया है. जेडीयू नेताओं के लगातार हमले से बीजेपी खेमे में बेचैनी है. ऐसे में बीजेपी भी जेडीयू को लेकर आक्रमक हो गई है.
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जेडीयू से दो-दो हाथ करने के लिए बीजेपी ने भी अब प्लान तैयार कर लिया गया है. पार्टी अब वैसे नेताओं को सम्मान के साथ वापस बुला रही है, जिनकी वजह से 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू के मंत्री और विधायक चुनाव हारे थे. बागियों के लिए पार्टी का द्वार खुलते ही बीजेपी में बागी नेताओं की वापसी (Rebel Leaders Coming Back to BJP) शुरू हो गई है. विधानसभा चुनाव में जेडीयू कोटे से मंत्री जय कुमार सिंह को हराने वाले राजेंद्र सिंह को बीजेपी में शामिल करा लिया गया है.
राजेंद्र सिंह के अलावा रामेश्वर चौरसिया, उषा विद्यार्थी, रविंद्र यादव, श्वेता सिंह, इंदु कश्यप, अनिल कुमार और अजय प्रताप सरीखे नेता कतार में हैं. आपको बता दें कि पूरे शाहाबाद के 22 विधानसभा सीटों पर जेडीयू का सूपड़ा साफ हो गया था. ज्यादातर सीटों पर इन्हीं उम्मीदवारों की वजह से जेडीयू के उम्मीदवारो की हार हुई थी.
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इस बारे में बीजेपी नेता नवल किशोर यादव ने कहा कि कुछ लोग परिस्थिति बस हम से बिछड़ गए थे लेकिन वह हमारे सहयोगी हैं. उनकी क्षमता को देखते हुए हम लोग उन्हें पार्टी में ला रहे हैं और आगे भी जो विधानसभा चुनाव के दौरान हमसे अलग हो गए थे, उन्हें हम वापस लाएंगे.
वहीं, जेडीयू नेता और पूर्व विधायक ललन पासवान ने कहा कि बीजेपी-एलजेपी गठजोड़ की वजह से हम शाहाबाद में ज्यादातर सीटों पर चुनाव हारे हैं. जिनके कारण हमें हार मिली, अब उन्हीं नेताओं को बीजेपी में शामिल करवा रही है. यह हमारे लिए असहज स्थिति है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) खुद इस पूरे मामले को देखेंगे.
बीजेपी में बागी नेताओं की वापसी पर राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का मानना है दोनों दलों के बीच तनाव काफी बढ़ चुका है. वर्तमान परिस्थितियों में कुछ भी हो सकता है. ऐसे में दोनों तरफ से भविष्य की तैयारियों को अंजाम दिया जा रहा है. जेडीयू पहले ही बागी नेताओं को शामिल कर चुका है. अब बीजेपी में भी बागी नेताओं के लिए द्वार खोल दिए हैं. दोनों दल चुनाव की तैयारियों में जुटे दिखते हैं.
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