पटना : जदयू की ओर से पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान पर 24 जनवरी को कर्पूरी जयंती मनाने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100 वीं जयंती होगी और इसी साल लोकसभा चुनाव होने हैं. इसलिए, इसे ऐतिहासिक बनाने की तैयारी है. पटना के वेटेनरी कॉलेज मैदान पर ही जदयू ने भीम संसद कार्यक्रम किया था. जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा का कहना है कि भीम संसद में 2 लाख लोगों की भीड़ उमड़ी थी, इस बार 2 लाख से अधिक भीड़ जुटेगी.
लोकसभा चुनाव से पहले जदयू का बड़ा कार्यक्रमः नीतीश कुमार लगातार कहते रहे हैं कि कर्पूरी ठाकुर के रास्ते पर चलते हैं. नीतीश सरकार ने जातीय गणना की रिपोर्ट के बाद आरक्षण की सीमा बढ़ायी है और उसमें अब अति पिछड़ा को 18% से बढ़कर 25% आरक्षण दिया जा रहा है. बिहार में सबसे अधिक आबादी अति पिछड़ों की है. इसलिए, इस आबादी को नीतीश कुमार साधने में लगे हैं. इसलिए कर्पूरी जयंती को बड़ा माध्यम बनाया जा रहा है. लोकसभा चुनाव से पहले जदयू की तरफ से यह बड़ा कार्यक्रम है.
बड़ी संख्या में भीड़ जुटने की उम्मीदः जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा का कहना है 24 जनवरी को होने वाले कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे. भीम संसद कार्यक्रम में 2 लाख लोग आए थे तो उससे बड़ी लकीर कर्पूरी जयंती समारोह पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में खींची जाएगी. जदयू मंत्री श्रवण कुमार का कहना है कि नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव से पहले पूरे देश में घूमेंगे. 21 जनवरी को झारखंड के रामगढ़ से शुरुआत करेंगे. मंत्री श्रवण कुमार का कहना है पटना में 24 जनवरी को बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है.
"अति पिछड़ा वोट बैंक के माध्यम से ही नीतीश कुमार बिहार में अपनी मजबूत स्थिति बनाए हुए हैं. बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट में अति पिछड़ों की आबादी 36% बताया गया है. अति पिछड़ा का आरक्षण 18% से बढ़ाकर 25% कर दिया गया है. अब जब नीतीश सरकार ने आरक्षण की सीमा बढ़ाई है तो उसको भुनाने की भी कोशिश कर्पूरी जयंती के माध्यम से करेंगे."- प्रिय रंजन भारती, राजनीतिक विश्लेषक
पहले रद्द कर दिया गया था: बता दें कि 24 जनवरी को पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान पर होने वाला जननायक कर्पूरी जयंती समारोह पहले पार्टी की ओर से यह कह कर रद्द कर दिया गया की ठंड अधिक होगी. जो लोग आएंगे उनकी परेशानी बढ़ेगी, इसलिए जिले में ही कार्यक्रम होगा. लेकिन नीतीश कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद फिर से इस कार्यक्रम को आयोजित करने का फैसला लिया गया. उसके बाद पार्टी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा दी है. खासकर अति पिछड़ा प्रकोष्ठ और इस वर्ग से आने वाले नेता भीम संसद से बड़ा कार्यक्रम कर अपनी मजबूत स्थिति पार्टी में बनाना चाहते हैं.
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