पटना: सेना में भर्ती की नयी स्कीम अग्निपथ के विरोध (protest against agneepath) में 18 जून को बिहार बंद ( Bihar Bandh On 18th June) का आह्वान किया गया है. यह बंद आइसा-इनौस, रोजगार संघर्ष संयुक्त मोर्चा और सेना भर्ती जवान मोर्चा की ओर से बुलाया गया है. अब इसे महागठबंधन (Mahagathbandhan) और वीआईपी (VIP) का भी समर्थन मिल गया है. राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (RJD state president Jagdanand Singh) ने शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में कहा कि अग्निवीरों के संघर्ष को नैतिक तौर पर महागठबंधन का समर्थन ( RJD will support Bihar bandh) है. इस मौके पर उनके साथ वामदलों के भी नेता उपस्थित थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित नेताओं ने कहा कि सरकार तत्काल इस कानून को वापस ले.
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राजद व महागठबंधन का बंद को समर्थन: जगदानंद सिंह ( jagdanand singh on bihar bandh) ने कहा कि देश के सारे नौजवान अपने जीवन के लिए आंदोलन कर रहे हैं. नौजवानों का भविष्य कैसे सुरक्षित हो यह आंदोलन का विषय है. देश की सुरक्षा कैसी हो राष्ट्र स्थिर राष्ट्र बने सीमाओं की सुरक्षा कैसी हो खेत खलियान में काम करने वाले किसानों के बच्चे ही सीमाओं पर शहादत देते हैं. उनके मन में यह शंका है कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. फौज के लोगों के मन में भी यह शंका है कि इस देश की जो आर्म्ड फोर्सेज हैं उनके चरित्र को डाइल्यूट किया जा रहा है.
"हम सभी ने विचार करने के बाद यह तय किया है कि अगर देश को बचाना है उसकी सीमा को बचानी है, खेत खलिहान को ध्वस्त नहीं होने देना है, तो सरकार तत्काल इस कानून को वापस ले. यह केवल कहने से नहीं होगा कि यह आंदोलन भ्रमित लोगों का आंदोलन है. यह आंदोलन वास्तविक स्वरूप ले चुका है. छात्रों व युवाओं द्वारा चलाए जा रहे इस आंदोलन का महागठबंधन हर तरह से नैतिक समर्थन कर रहा है इसलिए हम लोगों ने तय किया है कि जो भी संघर्ष का रास्ता वह अपनाएंगे उस रास्ते पर हम लोग उनके साथ हैं."- जगदानंद सिंह, राजद प्रदेश अध्यक्ष
'वापस लिया जाए कानून': उन्होंने कहा कि आज के समय में नौजवान अपने भविष्य की लड़ाई और देश की रक्षा की लड़ाई लड़ रहे हैं. यहां बैठे हम सभी लोग राष्ट्र के बारे में चिंतित रहने वाले लोग हैं. जिन्होंने अपने भविष्य को बनाने या फिर सुधारने के लिए लगातार परिश्रम करके फौजी बनने के लायक खुद को बनाया उन सबके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. उनके मन में शंका ही नहीं बल्कि भारी आक्रोश है. शायद नौजवान यही चाहते हैं कि अब तक फौज में भर्ती होने का जो कानून था उसे ही रहने दिया जाए. राष्ट्र की रक्षा के लिए स्वीकृत जितने पद हैं उन सभी पर नियुक्ति कानून के तहत हो. इस कानून को वापस लिया जाए.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था भर्ती का ऐलानः बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अग्निपथ योजना की घोषणा करने के अगले ही दिन यानि बुधवार से ही प्रदर्शन शुरू हो गया था और आज तीसरे दिन भी कई जिलों में छात्रों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है. 14 जून को केंद्र सरकार ने सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की थी. जिसके तहत नौजवानों को सिर्फ 4 साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी. सरकार ने यह कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है. इस योजना से नाराज छात्रों का कहना है कि ये योजना उनके भविष्य को बर्बाद कर देगी.
सेना बहाली से टीओटी हटाने की मांगः विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि नेता हो या विधायक सभी को 5 साल का समय मिलता है. हमारा 4 साल में क्या होगा. हमारे पास पेंशन की भी सुविधा नहीं है. 4 साल बाद हम रोड पर आ जाएंगे. चार साल पूरे होने के बाद भले ही 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी कैडर में भर्ती कर लिया जाए. बाकी 75% का क्या होगा. ये कहां का न्याय है. वहीं, कुछ छात्रों का कहना है कि इस योजना से छात्र परेशान हैं और हमें जॉब की गारंटी नहीं मिल रही है. उनका ये भी कहना है कि सेना बहाली में टीओटी हटाया जाए.
पुरुष और महिला दोनों की होगी भर्तीः बताया गया है कि अग्निपथ योजना के तहत, पुरुष और महिला (सेवा की जरूरत होने पर शामिल की जाएंगी) दोनों को अग्निवीर बनने का मौका दिया जाएगा. 17.5 साल से लेकर 21 साल तक के युवा इस सेवा में शामिल होने के लिए योग्य माने जाएं. वर्तमान में सेना के जो मेडिकल और फिजिकल स्टैंडर्ड हैं वही मान्य होंगे. 10वीं और 12वीं पास कर चुके युवा (सैन्य बलों की नियम और शर्तों के अनुसार) अग्निवीर बन सकते हैं. अग्निपथ योजना के तहत हर साल करीब 45 हजार युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा.
ऐसे होगा वेतन का भुगतानः भारत सरकार द्वारा जिस अग्निपथ योजना की शुरुवात की गई है. उसमें बहाली के प्रथम वर्ष में 21 हजार रुपये वेतन के रूप में भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक महीने भुगतान किया जाएगा. दूसरे वर्ष वेतन में वृद्धि कर 23 हजार 100 रुपये प्रत्येक महीने दिया जाएगा और तीसरे महीने 25 हजार 580 एवं चौथे वर्ष में 28 हजार रुपये वेतन के रूप में भुगतान करने के साथ ही उन युवाओं को रिटायर्ड कर दिया जाएगा. लेकिन इस योजना को लेकर बिहार में चारों तरफ हंगामा बरपा है.
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